इंदौर: इंदौर शहर की तेजी से बढ़ती आबादी और विस्तार को ध्यान में रखते हुए नगर निगम ने सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए छह नए फायर स्टेशन बनाने की योजना बनाई है। इनमें से दो फायर स्टेशन इंदौर विकास प्राधिकरण (आईडीए) द्वारा बनाए जाएंगे, जबकि शेष चार फायर स्टेशन नगर निगम के अधीन स्थापित किए जाएंगे। इसके साथ ही अग्निशमन कर्मियों को अत्याधुनिक उपकरणों से लैस करने की भी योजना है, ताकि वे आग की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण कर सकें और शहर को सुरक्षित बना सकें।
इंदौर नगर निगम आयुक्त शिवम वर्मा ने विषय पर चर्चा करते हुए बताया कि आग की घटनाओं को रोकने के लिए शहर की बहुमंजिला इमारतों का नियमित निरीक्षण किया जाता है और उनमें अनिवार्य रूप से अग्नि सुरक्षा उपकरण लगाने के निर्देश दिए जाते हैं। निर्धारित समय में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किए जाने पर संबंधित इमारत को सील करने की कार्रवाई की जाती है। वर्तमान में शहर में ऐसी सख्त कार्रवाई चल रही है, जिससे किसी भी आपात स्थिति से बचा जा सके।
छह नए फायर स्टेशन खोलने का निर्णय लिया गया
आयुक्त वर्मा ने यह भी बताया कि वर्तमान में शहर में केवल पांच फायर स्टेशन कार्यरत हैं, जो तेजी से बढ़ते इंदौर की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपर्याप्त हैं। इसको ध्यान में रखते हुए छह नए फायर स्टेशन खोलने का निर्णय लिया गया है, जिसमें से दो फायर स्टेशन आईडीए और चार नगर निगम तैयार करेगा। इसके अलावा शहर की ऊंची इमारतों में आग बुझाने के लिए आधुनिक उपकरण भी खरीदे जाएंगे। इस संबंध में बुधवार को फायर फाइटर्स के साथ बैठक हुई, जिसमें उनकी आवश्यकताओं पर चर्चा की गई। फायर फाइटर्स ने अपनी जरूरतों में लाइट माउंटेड हेलमेट समेत अन्य अत्याधुनिक उपकरणों की मांग की है, ताकि किसी भी आग की घटना में वे बेहतर और सुरक्षित तरीके से काम कर सकें।
नगर निगम जल्द ही इन उपकरणों की खरीद सुनिश्चित करेगा, ताकि अग्निशमन दल और अधिक प्रभावी तरीके से काम कर सके। इसके अलावा मोती तबेला फायर स्टेशन का जीर्णोद्धार करने का भी निर्णय लिया गया है। कमिश्नर शिवम वर्मा ने कहा कि गर्मी के मौसम में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं, इसलिए सभी फायर स्टेशनों को पूरी तरह तैयार रखना जरूरी है। मोती तबेला फायर स्टेशन को नए उपकरणों की जरूरत है, जिसे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। नगर निगम ने यह भी घोषणा की है कि नागरिकों को अग्नि सुरक्षा उपकरणों का सही उपयोग सिखाने तथा किसी भी आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया करने में सक्षम बनाने के लिए बड़ी इमारतों और स्कूलों में नियमित रूप से मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी।