मध्यप्रदेश में सीहोर जिले के ग्राम बडी मुगावली में मंगलवार को दोपहर 1:15 बजे ढाई साल की सृष्टि राहुल कुशवाह खेलते हुए करीब 300 फीट गहरे बोरवेल के गड्ढे में गिर गई। बोरवेल में सृष्टि करीब 25 फीट अंदर फंस गई। उसे बाहर निकालने के लिए पुलिस, प्रशासन व एनडीआरएफ का अमला जुटा हुआ है। मंगलवार दोपहर 2 बजे से सृष्टि को बोरवेल से निकालने के लिए चलाया गया रेस्क्यू लगातार जारी है। इस बीच मासूम बच्ची सृष्टि जो करीब 25 फीट की गहराई में फसी थी, वो खिसककर करीब 50 फीट नीचे चली गई थी। इसके बाद वो फिर खिसकी और अब संभवत: 110 फीट से भी नीचे चली गई है। बुधवार सुबह 8 बजे तक करीब 30 फीट तक खोदाई की जा चुकी थी। पूरी रात रेस्क्यू चला, लेकिन 12 फीट के बाद पत्थर आना शुरू हुआ, जिससे खोदाई में अधिक समय लग रहा है।

जिला पंचायत सीईओ आशीष तिवारी ने बताया कि मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के ग्राम बडी मुंगावली में खुले बोरवेल में गिरी बच्ची सृष्टि को बचाने के लिए बचाव अभियान बीते 16 घंटे से जारी है। बच्ची घर के बाहर खेल रही थी, इसी दौरान वह बाहर बने बोरवेल में जा गिरी, वहीं परिजनों का कहना है कि उन्हें खुले बोरवेल की जानकारी नहीं थी।
बच्ची के मूमेंट नहीं आ रहे हैं। खुदाई में नीचे मिले पत्थर बहुत ही हार्ड हैं। उन्हें तोड़ने के लिए पोकलेन मशीन के पंजे से बड़ी ड्रिल मशीन को बांधा हुआ है। उसी की मदद से पत्थर को तोड़ा जा रहा है। यही कारण है कि रेस्क्यू में तेजी नहीं आ पा रही है। ऐसे में बच्ची को हुक के माध्यम से खींचने का भी प्रयास किया जा रहा है।

बुलाई गई आर्मी
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सीहोर में बोरवेल में गिरी बच्ची को निकालने का काम जारी है। उसे पाइप के जरिए ऑक्सीजन और खाने-पीने की सामग्री पहुंचाई जा रही है। आर्मी भी बच्ची के रेस्क्यू के लिए आ रही है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ पहले से रेस्क्यू के काम में लगी हैं। ख्यमंत्री चौहान ने जिला प्रशासन को हर संभव कोशिश कर बच्ची को सुरक्षित बाहर निकालने के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
लटेरी हादसे से नहीं लिया सबक
बता दें अब से तीन महीने पहले 14 मार्च को भी विदिशा जिले के लटेरी तहसील के आनंदपुर के पास खेरखड़ी पठान क्षेत्र में एक सात वर्षीय बालक 60 फीट गहरे बोर के गड्ढे में गिर गया था. बालक 43 फीट गहरे गड्ढे में फंस गया था. बालक लोकेश पिता दिनेश अहिरवार को सकुशल बाहर निकालने के भरपूर प्रयास किए गए, लेकिन बच्चे को बचाया नहीं जा सका था. बच्चा 25 घंटे तक इस बोरवेल में फंसा रहा था.
यह मामला मध्य प्रदेश के विधानसभा सत्र में भी गूंजा था. कांग्रेस विधायक विनय सक्सेना ने आरोप लगाते हुए कहा कि मप्र में घटित हो रही बोरवेल की घटनाओं के लिए मध्यप्रदेश शासन और प्रशासन ही जिम्मेदार है. सरकार की लापरवाही के चलते ही प्रदेश में इस प्रकार की घटनाएं बढ़ी है यदि समय रहते ही पूर्व की घटनाओं से सबक ले लिया जाता तो बच्चों के बोरवेल में गिरने की घटनाएं रोकी जा सकती थी, लेकिन इस प्रकार की घटनाओं से कोई सबक नहीं लिया जाता, बल्कि खानापूर्ति कर अगले घटना होने का इंतजार किया जाता है