Bhopal news: मध्य प्रदेश में बारिश न होने की वजह से सूखे की स्थिति बन रही है। कम बारिश के कारण बिजली की मांग अचानक बढ़ गई है। तापमान में सामान्य से 5 डिग्री से ज्यादा का इजाफा होने के बाद बिजली की मांग 13500 मेगावाट पहुंच गई है। बीते साल इस समय बिजली की डिमांड 9 से 10000 मेगावाट के आसपास थी।
बांधों में पानी नहीं भरने के कारण पावर प्लांट भी बंद पड़े हैं। धान का रकबा बढ़ाने के कारण बिजली की मांग ज्यादा है। 13500 मेगावाट बिजली की मांग के बीच इसके उत्पादन और आपूर्ति में 300 मेगावाट की कमी है। इस वजह से अब ग्रामीण इलाकों में 3 घंटे बिजली कटौती के आदेश जारी किए गए हैं। गांवों में 10 घंटे की जगह 7 घंटे बिजली सप्लाई की जाएगी। प्रशासन ने इसका शेड्यूल जारी कर दिया है।
सीएम शिवराज ने जताई चिंता
प्रदेश में अल्प वर्षा के कारण उत्पन्न परिस्थितियों से निपटने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ी बैठक बुलाई है। चित्रकूट से भोपाल वापस आकर सीएम अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। इसमें अल्प वर्षा से उत्पन्न परिस्थितियों से निपटने अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। वहीं, मुख्यमंत्री सोवमार सुबह 9 बजे महाकाल मंदिर उज्जैन में प्रदेश में बारिश के लिए विशेष पूजा अर्चना करेंगे।
सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग
प्रदेश के कई इलाकों से अब राज्य को सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग की जा रही है। पूर्व कृषि मंत्री और कांग्रेस विधायक सचिन यादव ने राज्य सरकार से मांग की है कि खरगोन सहित पूरे प्रदेश को सुखाग्रस्त घोषित किया जाए।कम बारिश के कारण हालात बिगड़ रहे हैं। अगस्त में बारिश नहीं होने और सितंबर में मौसम विभाग का कोई अनुमान जारी नहीं होने से सूखे के हालत और बदतर होने की आशंका है।
सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट की तीन इकाइयां मेंटेनेंस के कारण बंद
बता दें, प्रदेश के सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट की तीन इकाइयां मेंटेनेंस के कारण बंद हैं। इसके कारण भी उत्पादन पूरी क्षमता के साथ नहीं हो पा रहा है। सरदार सरोवर इंदिरा सागर समेत दूसरे पावर प्लांट अपनी पूरी क्षमता के साथ बिजली उत्पादन कर रहे हैं। लेकिन, लगातार बढ़ रही बिजली की डिमांड और उत्पादन में आ रही कमी के कारण मांग आपूर्ति में अब अंतर आने लगा है।