MP Weather: मध्यप्रदेश में इन दिनों बारिश का दौर जारी है। लगातार हो रही बारिश से नदी नाले उफान पर हैं, तो वहीं अब इसका असर आम जीवन पर भी पड़ने लगा है। मध्य प्रदेश के 8 जिलों में घनघोर बारिश की संभावना के चलते रेड अलर्ट और 23 जिलों में मूसलाधार बारिश की संभावना के चलते ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इनमें से कई जिलों के कलेक्टरों ने दिनांक 16 सितंबर को छुट्टी घोषित कर दी है। इंदौर, बैतूल एवं नर्मदा पुरम के कलेक्टरों द्वारा जारी की गई छुट्टी की घोषणा प्राप्त हो चुकी थी। कलेक्टर द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से पब्लिक को सीधे सूचना दी गई है।
जिलों में भारी बारिश होने की संभावना
मानसून द्रोणिका भी इस मौसम प्रणाली से होकर जा रही है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक आज भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, इंदौर, उज्जैन, सागर संभाग के जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है। इस दौरान कहीं-कहीं अति भारी बारिश भी हो सकती है। रीवा, शहडोल, ग्वालियर, चंबल संभाग के जिलों में मध्य स्तर की बारिश होने के आसार हैं। बैतूल में 89, नर्मदापुरम में 87, सिवनी में 65, छिंदवाड़ा में 55, भोपाल में 47, नरसिंहपुर में 38, रायसेन में 28, सागर में 27, इंदौर में 12, जबलपुर में 10.2, मलाजखंड एवं रतलाम में 10, सतना एवं सीधी में आठ, रीवा में सात, दमोह में छह, खंडवा में पांच, मंडला में चार, खजुराहो में 1.2, उज्जैन में एक, धार में 0.5, गुना में 0.2 मिलीमीटर वर्षा हुई। धान की फसल के लिए बारिश अमृत बन गई है।
8 जिलों में मौसम विभाग का रेड अलर्ट
मौसम केंद्र के अनुसार मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा, सिवनी, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर तथा खरगोन जिलों में घनघोर बारिश की संभावना है। मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है। नागरिकों से अपील की है कि अपनी जान और माल की सुरक्षा करें। बारिश की स्थिति में किसी भी प्रकार का जोखिम न उठाएं और सभी प्रकार के कार्यक्रम स्थगित कर दें। उपरोक्त सभी जिलों के कलेक्टरों को आपातकाल की स्थिति से निपटने हेतु तैयार रहने के लिए कहा गया है। आपदा प्रबंधन की टीम को किसी भी समय तत्काल एक्शन के लिए तैयार रखने के लिए कहा गया है।
इस सीजन में एक जून से लेकर शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे तक मप्र में 805.7 मिलीमीटर वर्षा हुई है। जो सामान्य वर्षा (894.4 मिमी.) की तुलना में 10 प्रतिशत कम है। पूर्वी मप्र में 926.5 मिमी. वर्षा हुई है। जो सामान्य वर्षा (983.2 मिमी.) के मुकाबले छह प्रतिशत कम है। पश्चिमी मप्र में 712.9 मिमी. वर्षा हुई है। जो सामान्य (826.1 मिमी.) की तुलना में 14 प्रतिशत कम है। मानसून ब्रेक की स्थिति बनने के कारण पांच सितंबर को मप्र में औसत से 19 प्रतिशत कम वर्षा हुई थी, लेकिन 10 दिन से रुक-रुककर जारी वर्षा के कारण अब सामान्य से सिर्फ 10 प्रतिशत कम वर्षा रह गई है।