भोपाल। व्यापमं घोटले के बाद बहुचर्चित नर्सिंग घोटाले को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव सख्त नाराज हैं। मुख्यमंत्री ने साफतौर पर पुलिस महानिदेशक से नाराजगी जताते कहा कि घोटाले में छोटा हो या बडा, अधिकारी हो या कर्मचारी, जो भी लिप्त हैं, सबको निलंबित करने से काम नहीं चलेगा, सबके सब बर्खास्त किए जाएंगे। नर्सिंग घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री की यह बडी कार्रवाई है। मुख्यमंत्री ने साफ संदेश दिया कि उन सभी रिश्वतखोरों को बर्खास्त किया जाएगा, जो इस महाघोटाले में शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कानून व्यवस्था की बैठककर अधिकारियों को निर्देश दिए कि सिर्फ निलंबन से काम नहीं चलने वाला ऐसे लोगों को नौकरी से बर्खास्त किया जाएगा। साथ ही मुख्यमंत्री ने घोटाले की जल्द जांच पूरी करने के निर्देश दिया। नर्सिंग कॉलेजों के गलत तरीके से मान्यता देने में जो शामिल है, उनपर कार्रवाई की जाएगी। भले ही वह कोई बडा अधिकारी हो या नेता हो। किसी को छोडा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री बैठक के दौरान पुलिस महानिदेशक से भी नाराज दिखे। मुख्यमंत्री ने डीजीपी से पूछा कि मार्च 2024 में निर्देश दिया था कि सिपाही या पुलिस के छोटे कर्मचारी घर बनाते हैं तो उनसे विस्तार से छानबीन और हिसाब लिया जाता है कि घर बनाने के लिए पैसा कहां से आया। लेकिन, दूसरे महकमों में छोटे कर्मचारी सिर्फ सूचनाभर देते हैं। इसमें प्रोत्साहन देने की योजना बनाई जाए। बैठक में अवैध कब्जों पर भी बात हुई। दरअसल, नर्सिंग घोटाले के तार अब व्यापमं कांड से भी जुड़े हुए हैं। आपको बता दें कि नर्सिंग घोटाले में पकड़े गए सीबीआई इंस्पेक्टर राहुल राज का नाम एमपी व्यापमं घोटाला 2017 में जांच अधिकारियों में शामिल था। अब राहुल राज खुद नर्सिंग घोटाले में आरोपी है।
विपक्ष के हमले के बाद सीएम ने संभाला मोर्चा
मध्य प्रदेश में हुए नर्सिंग घोटाले के तार व्यापमं घोटाला से जुड़ने पर कांग्रेस भी हमलावर है। इसी को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने खुद मोर्चा संभाल लिया है। सरकार नहीं चाहती कि नर्सिंग घोटाले का विपक्ष किसी भी तरह से फायदा उठाये। इसीलिए मुख्यमंत्री स्वयं इस मामले को लेकर सतर्क हैं।
खूसखोरों को दिय स्पष्ट संदेश
बैठक में मुख्यमंत्री ने साफ संदेश दिया कि किसी भी घूसखोर को बख्शा नहीं जाएगा। इस पूरे मामले में सभी दलालों पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार में पारदर्शिता, इमानदारी बरकरार रहेगी और यदि कोई अधिकारी खूसखोरी करते पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।