भोपाल । राज्य सरकार ने निजी स्कूलों में भी पांचवीं और आठवीं की परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर करने का आदेश दे दिया है। इसका असर निजी स्कूलों में पढऩे वाले प्रदेश के 10 लाख बच्चों पर हुआ है और स्कूल संचालक उनसे बोर्ड आधारित किताबों का कोर्स मंगवा रहे हैं। उन्हें दोबारा कोर्स खरीदना पड़ रहा है। पांचवीं का कोर्स खरीदने पर 244 रुपए और आठवीं का कोर्स खरीदने पर 542 रुपए अतिरिक्त खर्च करना पड़ रहे हैं। इससे अभिभावकों पर करीब 40 करोड़ रुपए से ज्यादा का बोझ बढ़ गया है।
नया शैक्षणिक सत्र 1 अप्रैल से शुरू हुआ था। सरकारी स्कूलों के बच्चों को तो सरकार ने किताबें मुहैया करा दी। निजी स्कूलों के बच्चों को खुद किताबें खरीदना पड़ी। निजी स्कूलों ने अपने हिसाब से जो किताबें मंगाई वो अभिभावकों ने बच्चों को दिलवा दी और अप्रैल में पढ़ाई शुरू हो गई। इसके बाद सितंबर में सरकार ने आदेश जारी कर पांचवीं एवं आठवीं की परीक्षा बोर्ड पैटर्न पर कर दी। इससे स्कूल संचालक बच्चों से बोर्ड द्वारा निर्धारित एनसीईआरटी की पुस्तकें मंगा रहे हैं। निजी स्कूलों में पांचवीं में 5 लाख 33 हजार 294 बच्चे दर्ज हैं। आठवीं में 5 लाख 46 बच्चे दर्ज हैं।
5 वीं 8 वीं बोर्ड पैटर्न से अभिभावकों को खरीदनी होंगी 40 करोड़ की किताबें
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