Saturday, July 27, 2024
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बालाघाट में डाक मतपत्रों का मामला : भारत निर्वाचन आयोग को भेजी रिपोर्ट, कांग्रेस कलेक्टर के निलंबन पर अड़ी

भोपाल। बालाघाट जिले में डाक मतपत्रों को लेकर जो प्रक्रिया अपनाई गई, उस पर कांग्रेस पार्टी ने सवाल उठाते हुए कलेक्टर गिरीश मिश्र को निलंबित करने की मांग पर अड़ी हुई है। कांग्रेस का आरोप है कि उम्मीदवारों और मतगणना एजेंटों को बिना सूचना दिए डाक मतपत्रों को क्यों खोला गया। कांग्रेस ने डाक मतपत्रों में गड़बड़ी करने के सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने भी भारत निर्वाचन आयोग से निष्पक्ष कार्रवाई करने की मांग की है। इधर मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा कि पूरे मामले में गड़बड़ी कहीं नहीं हुई है, प्रक्रियात्तमक त्रुटि सामने आई है। कोषालय में उम्मीदवारों और उनके प्रतिनिधियों के समक्ष ही डाक से आए मतपत्रों को विधानसभावार अलग किया जा रहा था। पूरे मामले की रिपोर्ट भारत निर्वाचन आयोग को भी भेज दी है। सभी उम्मीदवारों या उनके प्रतिनिधियों की उपस्थिति नहीं होने पर डाक मतपत्रों के सिटिंग की प्रक्रिया शुरू करने पर सहायक निर्वाचन अधिकारी हिम्मत सिंह को निलंबित किया गया है। हिम्मत सिंह डाक मतपत्रों के नोडल अधिकारी भी हैं, उन्हें इसी जिम्मेदारी को ठीक तरीके से नहीं निभाने के कारण निलंबित किया गया है।

आयोग ने गिनती से किया इनकार

मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बालाघाट में डाक मतपत्रों को किसी भी प्रकार से गिनती करने से साफ इंकार किया है। उन्होंने कहा कि एक भी डाक मतपत्र खोला नहीं गया है। चूंकि तीन दिसंबर को सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती की जानी है, इसलिए डाक से आए मतपत्रों को जिला काषोलय में रखवाया जाता है। जिला कोषालय में उम्मीदवारों और उनके प्रतिनिधियों के समक्ष विधानसभार अलग-अलग किया जा रहा था, ताकि तीन दिसंबर को गिनती के समय समय न लगे। यह भारत निर्वाचन आयोग द्वारा डाक मतपत्रों को लेकर निर्धारित प्रक्रिया का हिस्सा है।

तीन बजे के स्थान पर डेढ़ बजे शुरू की प्रक्रिया

प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने मीडिया से चर्चा करते हुए बताया कि नोडल अधिकारी को इसलिए निलंबित किया गया है कि प्रतिदिन तीन बजे के बाद डाक मतपत्रों को विधानसभावार अलग करने की प्रक्रिया शुरू की जाती है, लेकिन डेढ़ बजे से ही शुरू कर दी थी। इसके साथ ही उसने शॉर्टिंग की सूचना भी ठीक तरह से राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को समय पर नहीं दी थी। ऐसे में इस प्रकियात्मक त्रुटि के कारण नोडल अधिकारी को हटाया गया है। इधर खंडवा में मतदान के बाद 20 नवंबर को पुलिस अधीक्षक द्वारा पुलिसकर्मियों के मतदान डाक मतपत्रों से कराए जाने के कारण वे वोट अमान्य कर दिए गए हैं। इस मामले में भी रिपोर्ट आयोग को भेजी गई है।

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