भोपाल । कांग्रेस, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में हांसिए पर जाने का तंज कसती रहती है। इसे महाराज ने कथित रूप से अपने घर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को बुला कर झूठला दिया है। साथ ही सिंधिया ग्वालियर चंबल इलाके में बीजेपी के अंदर एक नई ताकत बनकर उभरे हैं। इसकी झलक ग्वालियर में एयरपोर्ट टर्मिनल भवन के शिलान्यास के मौके पर देखने को मिली, जब बीजेपी के तमाम दिग्गज सिंधिया के सामने कसीदे पढ़ रहे थे। इससे साफ है कि बीजेपी के अंदर ज्योतिरादित्य सिंधिया का कद बढ़ा है। तो वहीं दूसरी तरफ सिंधिया की ताकत बढऩे से ग्वालियर चंबल के बीजेपी के कद्दावर नेताओं की बेचैनी बढ़ रही है।
दरअसल, ग्वालियर चंबल इलाके में ज्योतिरादित्य सिंधिया के आने के बाद बीजेपी के कई पुराने नेताओं के सियासी करियर पर संकट दिखने लगा है। 2020 के विधानसभा उपचुनाव में पार्टी ने अपने तमाम पुराने दिग्गजों को दरकिनार कर सिंधिया समर्थकों को टिकट दिया था। उस वक्त भी उनकी नाराजगी बीजेपी को झेलनी पड़ी थी। लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया के आगे किसी की नहीं चली थी। सियासी जानकारों के अनुसार अब केंद्रीय गृहमंत्री को अपने घर बुलाकर पार्टी के अंदर अपने विरोधियों को सिंधिया ने एक बड़ा संदेश दिया है। बीजेपी में उनके आने के बाद पहली बार कोई राष्ट्रीय स्तर का नेता महल में पहुंचा है।
ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में बीजेपी के कद्दावर नेता नरेंद्र सिंह तोमर की गिनती होती है। अब उनकी बराबरी में आकर ज्योतिरादित्य सिंधिया खड़े हो गए हैं। बीजेपी संगठन भी अब उस इलाके में दोनों नेताओं की सहमति से ही निर्णय लेता है। हाल ही में नगरीय निकाय चुनाव में ग्वालियर नगर निगम में महापौर के नाम को लेकर देखने को मिला, जब दोनों नेता एक राय नहीं हुए। हालांकि हाल के दिनों में सिंधिया और तोमर ने यह दिखाने की कोशिश की कि हम एक हैं। बीजेपी स्टेट कोर कमेटी की बैठक में भाग लेने दोनों एक साथ आए। सिंधिया ने एयरपोर्ट पर कार्यकर्ताओं को तोमर का सम्मान करने का कहकर उनको बड़ा बताने की कोशिश की है। हालांकि तोमर भी ग्वालियर एयरपोर्ट शिलान्यास कार्यक्रम में सिंधिया की तारीफ करते दिखे। जब उन्होंने कहा कि ग्वालियर एयरपोर्ट उनके कारण ही अंतरराष्ट्रीय स्तर का बन रहा है।
ग्वालियर चंबल क्षेत्र से जयभान सिंह पवैया, अनूप मिश्रा जैसे बढ़े नेता आते हैं। 2020 के उपचुनाव में कांग्रेस से बीजेपी में शामिल होने वाले विधायकों को ही पार्टी ने उम्मीदवार बनाया था। इसमें पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के टिकट कट गए थे। अब बीजेपी आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। ऐसे में मौजूदा विधायकों का टिकट काटकर वरिष्ठ नेताओं को उम्मीदवार बनाना मुश्किल है। इसमें जयभान सिंह पवैया, पूर्व सीएम कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी, पूर्व मंत्री गौरीशंकर शेजवार के बेटे मुदित शेजवार, भवर सिंह शेखावत समेत अन्य नेता शामिल हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना से लोकसभा चुनाव हार गए थे। बीजेपी में शामिल होने के बाद पार्टी ग्वालियर नगर निगम मेयर का चुनाव हार गई। इसको लेकर दिग्विजय सिंह के बेटे और पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने उनको लेकर तंज भी कसा था। सिंधिया का पार्टी में दबदबा बढ़ रहा है, ऐसे में उनके सामने आगामी विधानसभा चुनाव में इसे कायम रखने की चुनौती होगी।
इसके साथ ही सिंधिया अपने विपक्षियों को भी साधने की कोशिश में जुटे हुए हैं। संपत्ति को लेकर उनकी बुआ यशोधरा राजे से लड़ाई जगजाहिर है। लेकिन अमित शाह के महल पहुंचने पर यशोधरा भी साथ दिखीं। वहीं, सिंधिया और कैलाश विजयवर्गीय एमपीसीए के जमाने से एक दूसरे के धुर विरोधी रहे हैं, लेकिन सिंधिया उनसे मिलने इंदौर में उनके घर गए। कुछ दिन पहले बाढ़ प्रभावित इलाके के दौरे के समय गुना क्षेत्र में सिंधिया पर भेदभाव का आरोप लगाने वाले सांसद केपी यादव उनकी गाड़ी में बैठे दिखे। यादव ने ही सिंधिया को लोकसभा चुनाव हराया था। सिंधिया के नागरिक उड्डयन मंत्री बनने के बाद प्रदेश विकास की राह पर चल रहा है। ग्वालियर में एयरपोर्ट टर्मिनल भवन के शिलान्यास से पहले प्रदेश को ग्वालियर और जबलपुर से 8 नई फ्लाइट शुरू की गई हैं।
सिंधिया ग्वालियर चंबल इलाके में बीजेपी के अंदर एक नई ताकत बनकर उभरे
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