धार । धार जिले के जल संसाधन विभाग के कारम बांध की मिट्टी और कंक्रीट की गुणवत्ता परखने का काम पूरा हो गया है। अब रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। इसके आने के बाद ही कार्ययोजना बनेगी। विशेष समिति बनाकर निर्माण कार्य किया जाएगा। इधर, चिंता की बात यह है कि करीब 71 करोड़ रुपये की लागत से 65 किलोमीटर लंबी नहर बनाने के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी, उसमें किसी कंपनी ने रुचि नहीं दिखाई है। गौरतलब है कि कारम बांध से पानी का रिसाव 11 अगस्त से होने लगा था। इससे धार व खरगोन जिले के 28 गांव के लोगों की जान संकट में पड़ गई थी। ऐसे में 14 अगस्त को रिसाव के कारण पानी छोड़ना पड़ा था। मिट्टी के बांध का फिर से निर्माण कब होगा, यह अभी तय नहीं हो पाया है। यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि बांध का निर्माण उसी निर्माण एजेंसी से करवाएगा जाएगा जो ब्लैक लिस्टेड है। जल संसाधन विभाग के अनुसार बांध के निर्माण की प्रक्रिया में विशेष समिति का गठन किया जाएगा। इसके माध्यम से ही सारे निर्णय लिए जाएंगे। निर्माण से लेकर अन्य सारी प्रक्रियाएं समिति के माध्यम से होंगी। इसमें मुख्य अभियंता से लेकर कई प्रमुख लोग शामिल किए जाएंगे। हालांकि कार्ययोजना बनाकर जिला स्तर से भेजी जाएगी।
नहर निर्माण में किसी ने नहीं दिखाई रुचि
विभागीय स्तर से यह भी जानकारी मिली है कि इस बांध से सिंचाई के लिए 65 किलोमीटर लंबी नहर बनाई जाना थी। उसके निर्माण की प्रक्रिया भी प्रभावित हो गई है। विभाग इस बात को स्वीकार नहीं कर रहा है कि बांध टूटने के कारण इस तरह के हालात बने हैं। बता दें कि नहरों के निर्माण के लिए निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। निविदा में उम्मीद की जा रही थी कि बड़ीसंख्या में एजेंसियां शामिल होंगी। निविदा के तहत कुछ एजेंसियां आई जरूर थीं। बाद मे वे पीछे हट गईं।