Saturday, April 19, 2025
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प्रदेश के 10 जिलों में औद्योगिक एवं रासायनिक आपदा प्रबंधन के लिये मॉक ड्रिल का सफल आयोजन

भोपाल : प्रदेश के औद्योगिक व रासायनिक इकाइयों में आपदा की स्थिति में त्वरित एवं प्रभावी राहत एवं बचाव कार्य की तैयारियों को परखने के उद्देश्य से भोपाल, धार, रायसेन, उज्जैन, देवास, सिंगरौली, छिंदवाड़ा, जबलपुर, इंदौर एवं सीहोर जिलों में औद्योगिक एवं रासायनिक आपदा मॉक ड्रिल का सफल आयोजन किया गया। इस अभ्यास का आयोजन राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), मध्यप्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एमपीएसडीएमए), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) एवं राज्य आपदा आपातकालीन प्रतिक्रिया बल (एसडीईआरएफ) के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।

मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य औद्योगिक क्षेत्रों में आपदा की वास्तविक परिस्थिति उत्पन्न होने पर संबंधित विभागों, औद्योगिक इकाइयों तथा स्थानीय प्रशासन के बीच समन्वय, त्वरित प्रतिक्रिया एवं संसाधनों के दक्ष उपयोग की कार्यप्रणाली का परीक्षण करना था। मॉक ड्रिल से औद्योगिक व रासायनिक दुर्घटना, गैस रिसाव, आगजनी एवं घायलों के त्वरित उपचार, आपदा प्रभावित क्षेत्र की घेराबंदी और नियंत्रण की तैयारी को परखा गया।

इस अवसर पर होम गार्ड, सिविल डिफेंस एवं आपदा प्रबंधन विभाग के महानिदेशक अरविंद कुमार, एनडीएमए के वरिष्ठ सलाहकार सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर रविंदर गुरंग एनडीआरएफ के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल एम.के. शर्मा, एसडीईआरएफ के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल मनीष कुमार अग्रवाल, एमपीएसडीएमए के उपसंचालक सौरभ सिंह, वरिष्ठ सलाहकार बृजेश जायसवाल एवं राज्य कमांड सेंटर के कमलेन्द्र सिंह परिहार डिविजनल कमांडेंट, कमांडेंट कमलनाथ धुर्वे विशेष रूप से उपस्थित रहे।

मॉक ड्रिल में संबंधित जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, होम गार्ड, फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य विभाग, आपदा प्रबंधन, सिविल डिफेंस, औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधियों, जनप्रतिनिधियों एवं स्थानीय नागरिकों ने सक्रिय रूप से भागीदारी की। अभ्यास के दौरान औद्योगिक इकाई में गैस रिसाव की काल्पनिक स्थिति निर्मित कर तत्काल राहत एवं बचाव दलों की तैनाती, अग्निशमन कार्य, घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद निकटतम अस्पताल पहुंचाने तथा क्षेत्र की सुरक्षित घेराबंदी का प्रदर्शन किया गया।

महानिदेशक अरविंद कुमार ने मॉक ड्रिल के सफल आयोजन के लिए सभी विभागों एवं जिलों की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार के अभ्यास से हमारी आपदा प्रतिक्रिया क्षमता सशक्त होती है तथा वास्तविक आपदा की स्थिति में जनहानि एवं वित्तीय नुकसान को न्यूनतम करने में सहायता मिलती है।

रविंदर गुरंग ने आपदा प्रबंधन में आधुनिक तकनीक एवं त्वरित समन्वय की आवश्यकता को रेखांकित किया। डीआईजी एनडीआरएफ एम.के. शर्मा एवं डीआईजी एसडीईआरएफ मनीष कुमार अग्रवाल ने भी मॉक ड्रिल की महत्ता पर प्रकाश डाला एमपीएसडीएमए के उपसंचालक सौरभ सिंह ने प्रदेश स्तर पर आपदा प्रबंधन ढांचे की मजबूती के लिए ऐसे नियमित अभ्यास की आवश्यकता बताई।

प्रदेश आपदा प्रबंधन तंत्र आमजन की सुरक्षा एवं आपदाओं के प्रभावी प्रबंधन के लिये सदैव तत्पर एवं सजग है। आगामी समय में भी प्रदेश के अन्य जिलों में इस प्रकार की मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा, जिससे हर स्तर पर आपदा प्रबंधन व्यवस्था को और अधिक दक्ष बनाया जा सके।

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