दतिया: श्री पीतांबरा पीठ में निर्माण कार्य शुरू हो गया है. मंदिर के मुख्य सिंह द्वार को भव्य तरीके से तैयार करने की शुरुआत हो गई है. मुख्य सिंह द्वार को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है. इस बदलाव के तहत सिंह द्वार पर स्थित पुलिस चौकी, जूता-चप्पल स्टैंड, पीठ का कार्यालय और रेलवे टिकट काउंटर को उत्तर द्वार के पास स्थानांतरित कर दिया गया है. पीठ से जुड़े लोगों के अनुसार इस पूरे कार्य में करीब 1 वर्ष से भी ज्यादा समय लग सकता है. इस गेट को मिनी कॉरिडोर की तर्ज पर बनाने की तैयारी है. इसे बनाने में लाल पत्थरों का ही इस्तेमाल किया जाएगा. ये पूरा भव्य द्वार राजस्थान के लाल पत्थरों से तैयार होगा.
अब उत्तर द्वार से भक्तों को मंदिर में प्रवेश
श्रद्धालुओं के लिए नई दर्शन व्यवस्था के तहत अब उत्तर द्वार से ही मंदिर में प्रवेश किया जाएगा. श्रद्धालु पुल के रास्ते से मंदिर प्रांगण में पहुंचेंगे, जहां भीड़ प्रबंधन के लिए पुल से आंगन तक विशेष रेलिंग लगाई जाएगी. इसे गर्भगृह की खिड़की से जोड़कर 4 भागों में विभाजित किया जाएगा. दर्शन के बाद श्रद्धालुओं को वनखंडेश्वर महादेव और धूमावती माई के दर्शन के लिए निर्धारित मार्ग से भेजा जाएगा.
लाल पत्थरों से सजेगा माई का दरबार
श्री पीतांबरा पीठ पर सिंह द्वार अब राजस्थानी लुक में तैयार होने जा रहा है. इसके लिए मंदिर में निर्माण कार्य भी शुरू हो गया है. मंदिर में बनने वाले द्वार पर पूरा राजस्थानी पत्थर लगाया जाएगा. लाल पत्थर राजस्थान के उदयपुर से लाया गया है. इसे आकर्षक डिजाइन से तैयार कर द्वार पर लगाया जाएगा, जिससे पीठ के द्वार की खूबसूरती तो बढ़ेगी ही बारिश में पत्थर में कालापन भी नहीं होगा, जिससे सालों साल पत्थर की चमक बरकरार रहेगी.
राजस्थान के कलाकार जुटे निर्माण कार्य में
सिंह द्वार को लेकर श्रद्धालुओं में भी उत्साह है. क्योंकि द्वार बनाने वाले कारीगर कोई आम कारीगर नहीं हैं. बल्कि इन कलाकारों को राजस्थान से बुलाया गया है. इनकी पूरी टीम ही इस द्वार को बना रही हैं. ये कलाकार राजस्थान के माने हुए हैं. इन्हें मंदिर के भव्य द्वार बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इन लोगों का कहना हैं कि ये करीब 1 वर्ष तक इस भव्य द्वार को बनाकर तैयार कर देंगे. बता दें कि 10 करोड़़ रुपए की लागत से बनने वाले द्वार की डिजाइन भी उदयपुर के मशहूर डिजाइनर द्वार तैयार की गई है. भव्य द्वार का नक्शा भी मंदिर प्रशासन ने गेट के बहार फ्रेम में लगवा दिया है, जिससे लोग देख सकें.
उत्तर द्वार में पसरे अतिक्रमण को हटाया जाएगा
उल्लेखनीय है कि प्रत्येक शनिवार को पीठ में लगभग एक लाख से अधिक श्रद्धालु श्री पीतांबरा माई और श्री धूमावती माई के दर्शन के लिए आते हैं. पहले तीन द्वारों से श्रद्धालुओं को प्रवेश मिल रहा था, लेकिन अब एक द्वार के बंद होने से भीड़ प्रबंधन पीठ प्रशासन और पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है. उत्तर द्वार के पास यातायात व्यवस्था को सुचारु रखने के लिए अस्थाई अतिक्रमण को भी हटाया जा रहा है. बाहर से आने वाले श्रद्धालु श्री पीतांबरा माई के सुलभ रूप से दर्शन कर सकें, इसके लिए नई व्यवस्था बनाई जा रही है. मंदिर के उत्तर द्वार पर संचालित पार्किंग में 4 पहिया वाहनों को एंट्री नहीं दिए जाने पर चर्चा की जा रही है.
शनिवार को स्वामी जी के हॉल में नहीं मिलेगा प्रवेश
गेट बंद होने के साथ ही मंदिर के प्रबंधक महेश दुबे ने शनिवार को आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ कंट्रोल करने के लिए एडिशनल एसपी सुनील कुमार शिवहरे, कोतवाली टीआई धीरेंद्र मिश्रा के साथ बैठक की. बैठक में निर्णय लिया गया कि भीड़ को देखते हुए शनिवार को पीठ के पीठाधीश्वर श्री स्वामी जी महाराज का दरबार हॉल आम श्रद्धालुओं के लिए बंद रखा जाएगा. साधकों को साधना करने के लिए पिछले गेट से एंट्री दी जाएगी. बैठक में मंदिर के सेवक भोलानाथ सक्सेना, मनोज तिवारी भी शामिल रहे.
रोज कर सकते हैं धूमावती माई के दर्शन
धूमावती माई के पट श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए सुबह 7 बजे से शाम 9 बजे तक और शाम 5 बजे से 8 बजे तक के लिए खोले जाते हैं. ऐसे में श्रद्धालुओं की भीड़ भी बढ़ जाती है. पीठ पर धूमावती माई के पट रविवार से लेकर शुक्रवार तक सुबह 8 बजे और रात को 8 बजे सिर्फ 15 मिनट के लिए खोले जाते हैं. पीठ प्रबंधन की अपील है कि श्रद्धालुजन भीड़ और परेशानी से बचने के लिए शनिवार के अलावा भी दर्शन करने के लिए आ सकते हैं, जिससे उन्हें परेशानी का सामना न करना पड़े.