भोपाल । 4 दिसम्बर को इंदौर में आदिवासियों का एक बड़ा सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। टंट्या मामा के बलिदान दिवस पर होने वाले इस आयोजन में मुख्यमंत्री पहले टंट्या मामा के स्मारक पर पातालपानी पहुंचेंगे और उसके बाद भंवरकुआं चौराहा जो टंट्या मामा चौराहे के नाम से हो गया है पर उनकी प्रतिमा का माल्यार्पण करेंगे। इसके बाद नेहरू स्टेडियम में वे आदिवासियों को संबोधित करेंगे।
15 नवम्बर को पेसा एक्ट लागू होने के बाद शिवराज सरकार आदिवासी इलाकों में इसका प्रचार-प्रसार कर रही है। खुद शिवराजसिंह दो बड़े सम्मेलन में पहुंच चुके हैं और उनके साथ-साथ केन्द्रीय मंत्री फग्गनसिंह कुलस्ते और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा भी आदिवासियों के बड़े सम्मेलन में पेसा एक्ट के फायदे समझा चुके हैं। इसी कड़ी में इंदौर में टंट्या मामा के बलिदान दिवस पर नेहरू स्टेडियम में 4 दिसम्बर को एक बड़ा सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन के पहले मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान पातालपानी स्थित उनके स्मारक पर उन्हें नमन करने पहुंचेंगे। यहां से वे सीधे भंवरकुआं आएंगे जहां टंट्या मामा की प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने पिछले साल ही यहां प्रतिमा लगाने और चौराहे का नाम टंट्या मामा चौराहा करने की घोषणा की थी। इसके बाद नेहरू स्टेडियम का आयोजन होगा जहां मालवा निमाड़ गोंडवाना और विंध्य क्षेत्र के 1 लाख आदिवासी पहुंचेंगे। आयोजन से जुड़े और आदिवासी सीटों पर संगठन का काम देख रहे डॉ.निशांत खरे ने बताया कि सम्मेलन में आदिवासी क्षेत्रों से निकली 15 यात्राएं शामिल होंगी। ये सभी मुख्य यात्राएं हैं वहीं कई उपयात्राएं भी इन प्रमुख यात्राओं में शामिल होंगी। उन्होंने बताया कि चूंकि आदिवासी वर्ग अभी भी अपने अधिकार समझ नहीं पाता है इसलिए शिवराज सरकार द्वारा जो पेसा एक्ट लागू किया गया है उसे समझाने के लिए इस प्रकार के सम्मेलन और यात्राओं का आयोजन किया गया है।
टंट्या मामा के बलिदान दिवस पर होगा 1 लाख आदिवासियों का जमावड़ा
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