पंजाब कांग्रेस में आपसी खींचतान खुलकर सामने आ गई है. इस बाबत आलाकमान को एक आंतरिक रिपोर्ट सौंपी गई है. पंजाब कांग्रेस में सब ठीक नहीं है. आलाकमान को सौंपी गई आंतरिक रिपोर्ट टीवी 9 ने प्रसारित की. इससे राज्य कांग्रेस में हलचल बढ़ गई है. इसके बाद ही गुरुवार सुबह 11 बजे पंजाब कांग्रेस के प्रभारी महासचिव भूपेश बघेल ने बैठक बुलाई. प्रदेश की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी की बैठक बुलाई गई है. इस बैठक में प्रभारी सचिव, अध्यक्ष समेत राज्य के अहम नेता शामिल होंगे.बता दें कि अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के अध्यक्ष सुखपाल सिंह खैरा ने मक्का की निजी खरीद की वकालत करने के लिए पार्टी विधायक राणा गुरजीत सिंह की खुलेआम आलोचना की थी. इससे पार्टी के नेताओं में घमासान मचा हुआ है.
हालांकि इससे पहले पंजाब कांग्रेस प्रभारी भूपेश बघेल के नेताओं को सार्वजनिक रूप से एक-दूसरे पर हमला करने से बचने का निर्देश दिया था. फिर से पार्टी के एक नेता ने दूसरे की आलोचना की.
सुखपाल सिंह खैरा ने गुरजीत राणा पर उठाए सवाल
खैरा ने गुरजीत के अभियान के समय पर भी सवाल उठाया था और कहा था कि यह 2027 के पंजाब चुनावों के लिए पार्टी की तैयारियों को बाधित कर सकता है. सोमवार को मुक्तसर में एक कार्यक्रम में, कपूरथला के विधायक राणा गुरजीत सिंह ने किसानों से कपास की जगह मक्का की खेती करने का आग्रह किया, इसे एकमात्र तत्काल विकल्प बताया.
उन्होंने यह भी घोषणा की कि वे अगले दो वर्षों तक मक्के की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद व्यक्तिगत रूप से सुनिश्चित करेंगे. खैरा ने हालांकि राणा गुरजीत के रुख पर कड़ी आपत्ति जताई और उन पर फसल विपणन के निजीकरण को बढ़ावा देने का आरोप लगाया, जो अब निरस्त किए गए कृषि कानूनों के समान है, जिसने 2021 में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया था.
खैरा ने गुरजीत राणा पर बोला हमला
खैरा ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, “यह बिल्कुल निजी मंडीकरण (बाजार निजीकरण) का भाजपा-अडानी मॉडल है.” खैरा ने राणा गुरजीत के अभियान के समय को लेकर भी चिंता जताई. उन्होंने सवाल किया कि जब कांग्रेस 2027 के चुनावों की तैयारी कर रही है, तो विधायक अचानक इस एजेंडे को क्यों आगे बढ़ा रहे हैं. खैरा ने पूछा, “क्या यह अभियान भाजपा के इशारे पर कांग्रेस के भीतर भ्रम पैदा करने के लिए चलाया जा रहा है, खासकर हाल ही में आयकर छापों और सेबी के राणा को 63 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के आदेश के बाद?
राणा गुरजीत पर आगे हमला करते हुए खैरा ने बताया कि मक्के पर एमएसपी का वादा करने के बावजूद विधायक की फगवाड़ा चीनी मिल ने 2021-22 सीजन के लिए किसानों को गन्ने का 27.74 करोड़ रुपये का बकाया अभी तक नहीं चुकाया है. उन्होंने राणा के उद्योग पर चुकंदर की फसल का भुगतान रोकने का भी आरोप लगाया. खैरा ने सवाल किया कि क्या राणा गुरजीत ने सार्वजनिक बयान देने से पहले पार्टी के भीतर अपने मक्का अभियान पर चर्चा की थी. इसके बाद कांग्रेस में घमासान मच गया है.