केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि भारत ने विकास और संस्कृति दोनों को साथ लेकर चलने का रास्ता चुना है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत इस बात पर जोर देता है कि आर्थिक तरक्की के साथ-साथ सांस्कृतिक विरासत की भी रक्षा होनी चाहिए।शेखावत ब्राजील में आयोजित ब्रिक्स देशों के संस्कृति मंत्रियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत सभी ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) के साथ मिलकर काम करने को पूरी तरह तैयार है।
क्या कहा शेखावत ने?
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि भारत ने यह दिखाया है कि संस्कृति को भी सतत विकास के केंद्र में रखा जा सकता है। भारत सिर्फ आर्थिक नहीं, नैतिक एआई, डिजिटल सुरक्षा और पारंपरिक ज्ञान के जरिए पर्यावरण की रक्षा जैसे मुद्दों पर भी काम कर रहा है। सांस्कृतिक धरोहर की चोरी और अवैध ऑनलाइन व्यापार पर भी चिंता जताई। उन्होंने ब्राजील द्वारा इसे रोकने की कोशिशों की सराहना की।
सांस्कृतिक वस्तुएं वापस लाने में भारत आगे
शेखावत ने बताया कि वर्ष 2014 से अब तक भारत ने 642 सांस्कृतिक धरोहर वस्तुएं वापस मंगवाई हैं, जो देश की स्मृति, सम्मान और विश्वसनीयता की बहाली का काम करती हैं। ये सिर्फ वस्तुएं नहीं हैं, ये हमारे इतिहास और संस्कृति का अहम हिस्सा हैं।
ब्रिक्स को सिर्फ राजनीति नहीं, संस्कृति में भी नेतृत्व करना चाहिए
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ब्रिक्स देशों को केवल राजनीति तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि उन्हें सभ्यताओं और संस्कृति के स्तर पर भी वैश्विक नेतृत्व करना चाहिए। उन्होंने एक ऐसे सांस्कृतिक वातावरण की बात की जो विविधता का सम्मान करे, मानवता को मजबूत बनाए और साझा मूल्यों को बढ़ावा दे।