उत्तर प्रदेश के संभल में 24 नवंबर को भड़की संभल हिंसा से जुड़े मामलों की जांच एसआईटी टीम कर रही है. इस बीच संभल से सांसद और समाजवादी पार्टी के नेता जियाउर्रहमान बर्क से आज पूछताछ की जा रही है. एसआईटी अधिकारियों ने सांसद को संभल में हुई हिंसा मामले में अपना बयान दर्ज कराने के लिए 8 अप्रैल तक पेश होने को समय दिया था.
संभल कोतवाली पहुंचने से पहले उन्होंने कहा, ‘आज मेरी तबीयत ठीक नहीं है, मेरे डॉक्टर ने मुझे आराम करने की सलाह दी है, लेकिन इसके बावजूद मैं वहां जा रहा हूं ताकि पुलिस प्रशासन को यह न लगे कि मैं जांच में सहयोग नहीं कर रहा हूं.’
एसआईटी की टीम जियाउर्रहमान बर्क के दिल्ली स्थित आवास पर गई थी और सांसद बर्क को 35ए का नोटिस थमाया, जिसमें उन्हें आठ अप्रैल तक बयान दर्ज कराने को कहा था. एसपी के अनुसार, संभल कांड से जुड़े मामले में जांचकर्ता उनसे जांच में सहयोग चाहते हैं, इसलिए नोटिस जारी किया गया था. नोटिस मिलने के बाद सांसद ने बताया था कि संभल पुलिस की ओर से उन्हें नोटिस मिला है और हाईकोर्ट के आदेशानुसार जांच में सहयोग करने को कहा गया. उन्होंने भारत के जिम्मेदार नागरिक के तौर पर पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया था.
एसपी ने बताया था कि शाही जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुए उपद्रव के बाद केस नंबर 335/24 के तहत FIR दर्ज की गई थी. इस मामले में सांसद और सपा विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल को नामजद आरोपी बनाया गया है, जबकि कई अन्य अज्ञात हैं.
इन पर की गई है कार्रवाई
जामा मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष जफर अली एडवोकेट को इस मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है. जफर पर अशांति फैलाने की साजिश रचने और गंभीर अपराधों में झूठे बयान देने का आरोप है. सांसद पर भड़काऊ भाषण देने का आरोप है, जबकि विधायक के बेटे पर अशांति फैलाने का आरोप है. हाईकोर्ट ने सांसद की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी और कोर्ट के आदेश के अनुसार कार्रवाई चल रही है. जांच में सहयोग के लिए बीएनएसएस 35 नोटिस का इस्तेमाल किया जा रहा है.