सवाई माधोपुर: रबी की फसलों की बुवाई में जुटे दौसा और सवाई माधोपुर जिले के सात दर्जन से अधिक गांवों के हजारों किसानों को बड़ी राहत भरी खबर मिली है। जिले के सबसे बड़े बांध मोरेल बांध और एशिया के सबसे बड़े कच्चा बांध की नहरों में जल्द ही पानी छोड़ा जाएगा, जिससे इन नहरों से जुड़े दौसा और सवाई माधोपुर जिले के हजारों किसानों को फायदा होगा। नहरों में पानी कब छोड़ा जाएगा, इस बारे में इस सप्ताह के अंत या अगले सप्ताह की शुरुआत में जल वितरण समिति की बैठक में निर्णय लिया जाएगा। बैठक सवाई माधोपुर जिला कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की जाएगी, जिसमें दोनों जिलों के प्रशासनिक और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ जल वितरण समिति के सदस्य भी भाग लेंगे।
जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता चेतराम मीना ने बताया कि किसानों ने मोरेल नदी की नहरों से पानी छोड़ने की मांग की है, बांध की पूर्वी नहर की जल वितरण प्रबंधन समिति के अध्यक्ष नानजीराम मीना बरनाला की ओर से नहरों में पानी छोड़ने के संबंध में लिखित मांग पत्र प्राप्त हुआ है। इस आधार पर विभाग की ओर से अधीक्षण अभियंता को पत्र भेजकर अवगत करा दिया गया है, पत्र में उल्लेख है कि जल उपभोक्ता संगम के अध्यक्षों ने 10 नवंबर से पहले जल वितरण समिति की बैठक आयोजित करने की मांग की है।
14 अगस्त से लगातार चादर बह रही है
इस बार मानसून की प्रबल कृपा से मोरेल बांध पांच साल बाद एक बार पूरी तरह भर गया है, इस बार बांध पर चादर 14 अगस्त को बही, इसके बाद मंगलवार तक लगातार बांध के वेस्ट वियर पर पानी बह रहा है और मोरेल नदी में जा रहा है। मंगलवार से करीब आधा इंच चादर बह रही है, जिस दिन बांध की नहरों में पानी छोड़ा जाएगा, उसके बाद चादर बहना भी बंद हो जाएगी।
अंतिम छोर तक पहुंचेगा पानी
जल संसाधन विभाग के सहायक अभियंता चेतराम मीना ने बताया कि बांध का वर्तमान गेज 30 फीट है, जिससे 2707 एमसीएमएफटी पानी में से डेड स्टोरेज 211 एमसीएमएफटी को छोड़कर शेष 2496 एमसीएमएफटी पानी सिंचाई के लिए उपलब्ध है। बांध में पर्याप्त पानी होने से इस बार दोनों नहरों में टेल तक किसानों को पानी पहुंचेगा। नहरों में पानी छोड़ने से पूर्व आवश्यक तैयारियां कर ली गई हैं।
15 नवंबर से पहले छोड़ा जाए पानी
जल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष नानजीराम मीना ने बताया कि जल संसाधन विभाग के अधिशासी अभियंता को पत्र लिखकर बताया कि वर्ष 2024-25 के अंतर्गत रबी फसल की बुवाई व सिंचाई के लिए किसानों की पानी की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए मोरल बांध की पूर्वी नहर में 10 नवंबर से 15 नवंबर तक पानी छोड़ना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि नहरों में पानी वितरण से पूर्व सफाई, मरम्मत कार्य तथा माइनरों पर गेट आदि की पूरी व्यवस्था कर ली जाए।