सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना समाज कल्याण विभाग की एक आदर्श योजना के रूप में देखी जा रही है। इस योजना से नौ लाख किशोरियों को जोड़ने की योजना पर काम चल रहा है।
फिलहाल, लगभग लाख-लाख छात्राओं को इसका लाभ मिल रहा है। सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के तहत कुल पांच बार में 40000 रुपये तक आर्थिक सहायता सरकार की ओर से दी जाती है। यह सहायता वर्ग आठ से प्रारंभ होकर उनके 12वीं कक्षा में पहुंचने तक मिलती रहती है।
हेमंत सरकार के महिला प्रोत्साहन और उनके शिक्षा में बेहतरी के प्रयास के रूप में इस योजना का असर पड़ रहा है। वर्ष 2022-23 में इस योजना के तहत 7,28,332, वर्ष 2023-24 में 7,15,061, वर्ष 2023-24 में 2,07,296 अब तक आवेदन स्वीकृत किए जा चुके हैं।
9 लाख छात्राओं को योजना से जोड़ने का लक्ष्य
सरकार का इस वित्तीय वर्ष में नौ लाख छात्राओं को इससे जोड़ने का लक्ष्य है। इस योजना के तहत सरकारी स्कूल में वर्ग आठ से 12वीं तक की प्रत्येक स्कूली छात्रा को कक्षा आठ में 2,500 हजार, नौवीं में 2,500, 10वीं में 5,000, 11वीं में 5,000 और 12वीं में 5,000 रुपये की सहायता उनके बैंक खाते में दी जाती है।
जब किशोरी की उम्र 18 की हो जाए और उसका मतदाता पहचान पत्र बन जाए तो उसे एकमुश्त 20,000 रुपये दिए जाते हैं, ताकि वो उस पैसे से आगे की पढ़ाई या कोई प्रशिक्षण लेकर आत्मनिर्भर बन सके।
कैसे लाभकारी साबित होती रही योजना
आठवीं वर्ग से किशोरियों को पढ़ाई करने के लिए कई छोटी-छोटी आवश्यकता होती हैं। उन जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से यह योजना लाई गई है। अपने खाते में आए इस सरकारी सहायता का लाभ छात्राएं खूब उठा रही हैं।
पढ़ाई की छोटी-मोटी जरूरत खाते में आए पैसे से पूरी हो जाती है। सबसे महत्वपूर्ण बात है कि यह सहायता सरकार द्वारा स्कूलों को दी जा रही सहायता के अतिरिक्त है।
सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना का सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि दूरदराज के गांव की किशोरियां अब विद्यालय नियमित रूप से आ रही है। इस योजना के कारण ड्रॉप आउट के मामले काफी कम हुए हैं।