नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई चंद्रचूड़ ने बृहस्पतिवार को घोषणा करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट व्हाट्सएप के माध्यम से अधिवक्ताओं को केस फाइलिंग और लिस्टिंग संबंधित जानकारी साझा करना शुरू करेगा। प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली नौ न्यायाधीशों की पीठ ने सुनवाई शुरू करने से पहले यह घोषणा की है।
उन्होंने कहा कि अब अधिवक्ताओं को मुकदमा दाखिल करने के बारे में ऑटोमेटेड संदेश प्राप्त होंगे। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने यह भी कहा कि कॉज लिस्ट के प्रकाशित होने के बाद बार सदस्यों को उनके मोबाइल फोन पर सूची प्राप्त होगी। कॉज लिस्ट(वाद सूची) का मतलब एक तय तारीख पर अदालत द्वारा मुकदमे पर होनी वाली सुनवाईयों की लिस्ट। ये ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों जरिये से उपलब्ध होती है।
CJI ने स्पष्ट किया कि इस पहल के माध्यम से, एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड और व्यक्तिगत रूप से पार्टियों को स्वचालित व्हाट्सएप अपडेट/स्वचालित संदेश प्राप्त होंगे:
1. इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग
2. कॉज लिस्ट
3. आदेश और निर्णय
ये स्वचालित संदेश मामलों के सफल दाखिल होने पर प्राप्त होंगे। इसमें इस प्रकार दायर किए गए मामलों में रजिस्ट्री द्वारा चिह्नित आपत्तियों के बारे में अधिसूचनाएं भी शामिल हैं। कॉज लिस्ट रजिस्ट्री द्वारा बार के सभी सदस्यों को प्रकाशित होने पर भेजी जाएंगी। वेबसाइट पर उपलब्ध आदेश और निर्णय व्हाट्सएप के माध्यम से भी भेजे जाएंगे।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा,”यह एक क्रांतिकारी कदम है।” प्रधान न्यायाधीश ने शीर्ष अदालत का आधिकारिक व्हाट्सएप नंबर 876 876 76 भी साझा किया और कहा कि इस पर कोई संदेश और कॉल प्राप्त नहीं होगा।
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ”इससे हमारी कामकाजी आदतों में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा और कागज बचाने में काफी मदद मिलेगी।” प्रधान न्यायाधीश चंद्रचूड़ के नेतृत्व में शीर्ष अदालत न्यायपालिका के कामकाज को डिजिटल बनाने के लिए कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने ई-कोर्ट परियोजना के लिए सात हजार करोड़ रुपये की मंजूरी दी है।