दुनिया में कई रोचक तथ्य हैं जिनके बारे में लोगों को जानकारी नहीं होती है। हम आपको ऐसे ही एक रोचक तथ्य के बारे में बताएंगे। आपको जानकर हैरानी होगी कि बीयर में मूंगफली का दाना डालते ही नाचते लगते हैं। आप बीयर के भरे गिलास में मूंगफली का दाना डालते हैं, तो पहले वह नीचे जाएगा। इसके बाद वह बीयर की ऊपरी सतह पर आकर इधर-उधर भागने लगता है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है? इसके पीछे एक खास तरह का विज्ञान काम करता है। यह बिल्कुल उसी तरह होता है, जिस तरह धरती के भीतर से मिनरल्स निकालते समय होता है। जर्मनी के वैज्ञानिकों ने एक शोध में जानने की कोशिश की है कि अगर बीयर में मूंगफली के दाने के नाचने की प्रक्रिया का पता चल जाए, तो धरती के भीतर से मिनरल्स निकालने और सतह के नीचे उबलते मैग्मा को समझने में कैसे मदद मिल सकती है?
बीयर में क्यों नाचते लगते हैं मूंगफली के दाने ?
ब्राजील के शोधकर्ता लुई परेरा का कहना है ऐसा कार्बन डाइऑक्साइड के कारण होता है। उनका कहना है कि जब गिलास में बीयर को डालते हैं, तो उसमें कार्बन डाइऑक्साइड के बुलबुले बनने लगते हैं, जिनमें हवा का दबाव बेहद कम होता है। इसलिए बियर के गिलास में कार्बन डाइऑक्साइड के बुलबुलों की वजह से मूंगफली के दाने डालते ही ऊपर आ जाते हैं। इसके बाद उसके दबाव से इधर-उधर भागने लगते हैं। बियर के गिलास में से कार्बन डाइऑक्साइड के खत्म होने तक यह प्रक्रिया चलती रहती है।
लुई परेरा ने बताया कि इस प्रक्रिया को गहराई से समझने पर उद्योग जगत को भी फायदा मिल सकता है। उनका कहना है कि लौह अयस्क से लोहा को अलग करने की प्रक्रिया इसके मिलती जुलती है। लौह अयस्क के मिश्रण में एक नियंत्रित तरीके से हवा को छोड़ा जाता है। इसकी वजह से उसकी सतह पर बुलबुलों का निर्माण होता है और ऊपर की तरफ उठने लगता है। इसकी वजह से मिश्रण में मौजूद लोहा ऊपर की तरफ आने लगता है और बाकी खनिज सतह पर बैठने लगते हैं।