जोहानिसबर्ग । दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने केपटाउन में अपने वार्षिक ‘स्टेट ऑफ द नेशन’(एसओटीएन) संबोधन के दौरान देश में बिजली संकट के कारण ‘‘आपदा की स्थिति की घोषणा की। कोरोना के कारण देश में घोषित ‘‘आपदा की स्थिति को हटाने के 10 माह बाद घोषणा की गई है। रामाफोसा ने घोषणा की कि मामले से अधिक प्रभावी ढंग से और तत्काल निपटने के लिए बिजली मंत्री नियुक्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नया मंत्री राष्ट्रीय ऊर्जा संकट समिति के काम देखने के साथ-साथ बिजली संकट से निपटने के लिए सभी पहलुओं पर गौर करेगा।
उन्होंने कहा, ऊर्जा संकट हमारी अर्थव्यवस्था और सामाजिक ताने-बाने के लिए एक संभावित खतरा है। हमें इन उपायों को बिना विलंब के तुरंत लागू करना चाहिए।’’ उन्होंने अपने संबोधन में बिजली आपूर्ति संकट के अलावा बेरोजगारी, अपराध और हिंसा सहित कई चुनौतियों का जिक्र किया। राष्ट्रपति ने स्वीकार किया कि एक समय था जब वह पद छोड़ने पर विचार कर रहे थे, लेकिन पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला के प्रयासों से उन्हें पद पर बने रहने की प्रेरणा मिली। रामाफोसा ने कहा कि उनकी सरकार और उनकी पार्टी अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस (एएनसी) जिन संकटों का सामना कर रही थी, उनके बीच उनकी अंतरात्मा ने उन्हें पद पर बने रहने को कहा।
उन्होंने कहा, मेरी अंतरात्मा हमेशा कहती है कि मंडेला के नक्शेकदम पर चलो, क्योंकि उन्होंने महान बलिदान दिए। मंडेला दक्षिण अफ्रीका के पहले लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति थे। इसके पहले रंगभेदी सरकार के राजनीतिक कैदी के रूप में 27 साल उन्होंने जेल में बिताए थे।
राष्ट्रपति रामाफोसा ने बिजली संकट पर आपदा की स्थिति की घोषणा की
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