दिल्ली सहित पूरे एनसीआर में वाहनों से होने वाले प्रदूषण की समस्या सबसे बड़ी समस्याओं में से है। बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास करने में जुटी हुई है, दिल्ली में प्रदूषण से निपटने के लिए अब डीजल से चलने वाले ऑटो को लेकर सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. केंद्र सरकार के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों को निर्देश दिया है कि वह 1 जनवरी से केवल CNG या फिर Electric Vehicles का ही रजिस्ट्रेशन करें. साथ ही सरकार ने इन राज्यों को 2026 तक डीजल ऑटो को हटाने की बात कही है.
जारी हुए निर्देश
कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट की ओर से दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। जिसके मुताबिक एनसीआर क्षेत्र में चल रहे डीजल ऑटो रिक्शा को फेजआऊट किया जाएगा। इसके लिए कमीशन की ओर से समय सीमा को भी तय कर दिया गया है। कमीशन की ओर से इसके लिए उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान सरकारों को जानकारी भी दे दी गई है।
कब तक चल पाएंगे Diesel Auto
कमीशन की ओर से जो निर्देश दिए गए हैं। उसके मुताबिक 31 दिसंबर 2026 तक एनसीआर में पूरी तरह से डीजल से चलने वाले सभी प्रकार के ऑटो रिक्शा को फेज आऊट किया जा सकता है।
कमीशन की ओर से दिया गया एक और निर्देश
दिसंबर 2026 तक एनसीआर में डीजल ऑटो रिक्शा को हटाने के साथ ही कमीशन की ओर से राज्य सरकारों को एक और निर्देश दिया गया है। जिसके मुताबिक एक जनवरी 2023 से एनसीआर में सिर्फ CNG और Electric Auto के ही रजिस्ट्रेशन किए जाएं।
क्या है लक्ष्य
केंद्र सरकार का लक्ष्य दिल्ली एनसीआर में बढ़ रहे प्रदूषण को कम करना है। इसके तहत कई तरह के कदमों को उठाया जा रहा है। प्रदूषण को देखते हुए सरकार चाहती है कि एक जनवरी 2027 से पूरे एनसीआर में सीएनजी और इलेक्ट्रिक ऑटो रिक्शा ही चलाए जाएं।
तीन राज्यों के कितने जिलों में होगा असर
एनसीआर क्षेत्र में सबसे ज्यादा जिले हरियाणा के हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश और फिर राजस्थान के जिले हैं। हरियाणा के जिलों में फरीदाबाद, गुरूग्राम, बल्लभगढ़, बहादुरगढ़, भिवानी, चरखी दादरी, झज्जर, जींद, करनाल, महेंद्रगढ़, नूंह, पलवल, पानीपत, रेवाड़ी, रोहतक हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, बागपत, हापुड़, मेरठ, मुजफ्फरनगर, शामली शामिल हैं। राजस्थान के सिर्फ दो जिले भरतपुर और अलवर एनसीआर में आते हैं।