Basmati rice: केन्द्र सरकार ने गैर-बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगा दी है। विदेश व्यापार महानिदेशालय ( DGFT) की एक अधिसूचना के अनुसार, सरकार ने गुरुवार को गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया। अधिसूचना के मुताबिक गैर-बासमती सफेद चावल (पॉलिश और गैर- पॉलिश) की निर्यात नीति को प्रतिबंधित कर दिया गया है। केन्द्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए गैर-बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी है।
80% चावल एक्सपोर्ट पर असर
चावल की खेप को कुछ शर्तों के तहत निर्यात करने की अनुमति दी जाएगी। इस प्रतिबंध से भारत के लगभग 80% चावल एक्सपोर्ट पर असर पड़ेगा। इस कदम से देश में चावल की कीमतें कम हो सकती हैं, लेकिन दुनिया भर में चावल के दाम बढ़ सकते हैं। ग्लोबल राइस बिजनेस में भारत की हिस्सेदारी लगभग 40 फीसदी है। साथ ही दुनिया भर में चावल की वैश्विक आपूर्ति का लगभग 90% एशियाई देश की उपभोग करते हैं। यानी नेपाल, फिलीपींस, कैमरून और चीन जैसे देशों में चावल की कीमतें बढ़ेंगी, क्योंकि ये देश मुख्यतः भारत से चावल के आयात पर निर्भर हैं। बता दें कि चावल दुनिया की लगभग आधी आबादी का मुख्य भोजन है। वहीं मौसम की वजह से फसलों को नुकसान होने की आशंका के बीच इसकी बेंचमार्क कीमतें दो साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी हैं।
चावल की फसल को नुकसान पहुंचा है
इससे पहले सरकार ने उसना चावल को छोड़कर गैर-बासमती चावल पर 20 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लगा दिया था। बता दें कि चीन के बाद भारत चावल का सबसे बड़ा उत्पादक है। चावल के वैश्विक व्यापार में भारत का हिस्सा 40 प्रतिशत है। भारत ने 2021-22 के वित्त वर्ष में 2.12 करोड़ टन चावल का निर्यात किया था। इसमें 39.4 लाख टन बासमती चावल था। आंकड़ों के मुताबिक इस अवधि में गैर-बासमती चावल का निर्यात 6.11 अरब डॉलर रहा। मानसून की बेतहाशा बारिश की वजह से कई राज्यों में चावल की फसल को नुकसान पहुंचा है।