Saturday, December 28, 2024
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भारतीय विरासत और ऐतिहासिक दस्तावेजों का होगा डिजिटलीकरण

जयपुर। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान जोधपुर भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने के लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के साथ साझेदारी की है
सहयोग का उद्देश्य इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र द्वारा रखी गई पांडुलिपियों, पुस्तकों और ऐतिहासिक दस्तावेजों को डिजिटल बनाना है, जिससे डिजिटल युग में उनका संरक्षण, पहुंच और उपयोग सुनिश्चित किया जा सके। आईहब दृष्टि फाउंडेशन, कंप्यूटर विजन, संवर्धित वास्तविकता और आभासी वास्तविकता पर केंद्रित एक प्रौद्योगिकी नवाचार केंद्र, सीपीएस प्रौद्योगिकियों के विकास को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के तहत एक प्रमुख शैक्षणिक अनुसंधान संस्थान, भारतीय कला और संस्कृति में अनुसंधान, दस्तावेज़ीकरण और ज्ञान के प्रसार के लिए प्रतिबद्ध है। आईहब दृष्टि फाउंडेशन और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के बीच सहयोग का उद्देश्य आईजीएनसीए द्वारा रखी गई पांडुलिपियों, पुस्तकों और ऐतिहासिक दस्तावेजों को डिजिटल बनाना है, जिससे डिजिटल युग में उनका संरक्षण, पहुंच और उपयोग सुनिश्चित हो सके। आईजीएनसीए के पास विभिन्न भारतीय भाषाओं में फैली पुस्तकों, पांडुलिपियों और माइक्रो फिल्म में संग्रहीत ऐतिहासिक दस्तावेजों सहित मूल्यवान संसाधनों का एक महत्वपूर्ण संग्रह है। इसमें प्राथमिक उद्देश्य इन माइक्रो फिल्मों को डिजिटल बनाना और उन्हें ऑनलाइन खोजने योग्य और सुलभ बनाना है । समझौता ज्ञापन दोनों संस्थानों के बीच सहयोग के दायरे को रेखांकित करता है, जिसमें डिजिटलीकरण और सांस्कृतिक कला कृतियों के संरक्षण में सहयोगात्मक अनुसंधान और विकास शामिल है।

दो चरणों में किया जाएगा सहयोग

पहला चरण सहयोगात्मक अनुसंधान और विकास पर केंद्रित होगा, जबकि दूसरे चरण में प्रथम चरण के अंत में प्रगति का मूल्यांकन और भविष्य की गतिविधियों की योजना बनाने के लिए एक मूल्यांकन तंत्र शामिल होगा। इस साझेदारी के बारे में विस्तार से बताते हुए, आईहब दृष्टि फाउंडेशन के अध्यक्ष और भा.प्रौ.सं.जोधपुर के निदेशक प्रोफेसर शांतनु चौधुरी ने कहा, यह साझेदारी भारत की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतीक है। इन पांडुलिपियों और ऐतिहासिक दस्तावेजों का डिजिटलीकरण कर के, हम दुनियाभर के लोगों तक उनकी पहुंच सुनिश्चित कर रहे हैं, जिससे भारतीय कला और संस्कृति के बारे में हमारी समझ समृद्ध हो रही है। इस साझेदारी के माध्यम से, आईहब दृष्टि फाउंडेशन और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र का लक्ष्य भावी पीढ़ियों के लिए भारत की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए अपनी विशेषज्ञता और संसाधनों का लाभ उठाना है।

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