What Is Idiot Syndrome: डिजिटल दौर के वजह से हर किसी का जीवन आसान बना गया है. इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है की लोग अपनी समस्या डॉक्टर को बताने से पहले ‘गूगल’ करते हैं. हालांकि, विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि ऑनलाइन मौजूद जानकारी पर भरोसा करना आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. इंटरनेट से उन्हें यह समझने में मदद कर रहा है कि वे किन समस्याओं से पीड़ित हैं, लेकिन इस जानकारी पर आंख बंद करके भरोसा करना जोखिम भरा हो सकता है.
वास्तव में, यह देखा गया है कि बहुत से लोग अचानक अपना इलाज छोड़ रहे हैं क्योंकि वे अपने डॉक्टर से ज्यादा इंटरनेट की जानकारी पर भरोसा करते हैं. इस पैटर्न को IDIOT (The Internet Derived Information Obstructing Treatment) सिंड्रोम कहा जा रहा है. इससे लक्षणों के बढ़ने या दोबारा होने का खतरा बढ़ सकता है. हर स्वास्थ्य से जु़ड़े सवालों के लिए इंटरनेट पर भरोसा करने से आपकी चिंता बढ़ सकती है या फिर आप इलाज को लेकर गलत फैसला भी ले सकते हैं.
क्या होता है IDIOT सिंड्रोम?
IDIOT या (The Internet Derived Information Obstructing Treatment) सिंड्रोम एक ऐसे पैटर्न को बताता है जहां लोग अचानक अपना इलाज छोड़ देते हैं क्योंकि उन्होंने इंटरनेट की जानकारी पर आंख मूंदकर भरोसा कर लिया है. इडियट सिंड्रोम को लेकर बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. आइए जानते है इडियट सिंड्रोम के नेगेटिव इफेक्ट्स के बारे में.
गलत जानकारी
इंटरनेट पर कई तरह की जानकारी उपलब्ध होती हैं. लेकिन यह हमेशा सटीक या भरोसेमंद नहीं होता है. IDIOT पैटर्न वाले मामलों में गलत जानकारी सामने आ सकती है जो उन्हें समय से पहले अपना इलाज या दवा बंद करने के लिए मना लेती है. इस गलत जानकारी से उनकी स्थिति बिगड़ सकती है या परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.
प्रोफेशनल जानकारी की कमी
मेडिकल ट्रीटमेंट आम तौर पर प्रोफेशनल द्वारा की जाती है. ये वो होते हैं जिनके पास किसी मामले की देखभाल के बारे में सही जानकारी होती है. लेकिन IDIOT सिंड्रोम के मामले में लोग अपने इलाज के लिए इंटरनेट की जानकारी लेते हैं और प्रोफेशनल सलाह को दरकिनार कर देते हैं.
समझ की कमी
मेडिकल ट्रीटमेंट थोड़े मुश्किल हो सकते हैं और इसकी इंटरनेट को पूरी जानकारी हो ऐसा बहुत कम होता है. ऐसे में इंटरनेट का भरोसा करें तो कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. यहां तक की कभी-कभी जान का खतरा भी हो सकता है.
मदद मांगने में देरी
अगर कोई स्वास्थ्य देखभाल प्रोफेशनल से सलाह लिए बिना अपना इलाज बंद कर देते हैं, तो उनकी स्थिति खराब होने पर वे मदद मांगने में देरी कर सकते हैं. जिसके वजह से सेहत में सुधार होने में बाधाएं आ सकती हैं. ऐसे में इडियट सिंड्रोम का शिकार होने से बचें.