जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि हमारी प्राचीन संस्कृति में प्रकृति पूजा की परंपरा है। हम पेड़, नदी, पहाड़ सभी की पूजा करते हैं। हमारे पूर्वजों ने इसे संस्कृति से जोड़कर पर्यावरण संरक्षण का अद्भुत कार्य किया है। उन्होंने कहा कि ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के साथ यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रकृति की सेवा और मां के प्रति सम्मान का भाव जुड़ा हुआ है।
शर्मा शनिवार को जयपुर ग्रामीण जिले मे स्थित हिंगोनिया गौ पुनर्वास केन्द्र में पशुपालन, गोपालन, डेयरी और देवस्थान विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित सघन वृक्षारोपण अभियान के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने आगामी हरियाली तीज (7 अगस्त) पर पूरे प्रदेश में एक दिन में 1 करोड़ पौधे लगाए जाने की घोषणा की।
वैचारिक समृद्धता उन्नत एवं विकसित राष्ट्र की पहचान—
मुख्यमंत्री ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि जब युवा 18 वर्ष का होता है तो उसे मतदान का अधिकार मिलता है, लेकिन इस अधिकार के साथ कई दायित्व भी साथ में जुड़ते हैं। उन्होंने कहा कि हमें जिम्मेदार और जागरूक नागरिक होने का कर्तव्य निभाना होता है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे अपने माता-पिता, समाज और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का जिम्मेदारीपूर्वक निर्वहन करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्नत राष्ट्र की पहचान भौतिक विकास से नहीं बल्कि वहां के लोगों की वैचारिक समृद्धता से होती है क्योंकि विचार समृद्ध होते हैं तो राष्ट्र भी विकसित होता है। उन्होंने कहा कि पेड़ हमारे जीवन के लिए ऑक्सीजन का स्रोत हैं, धरती को उपजाऊ बनाते हैं, मिट्टी के कटाव को रोकते हैं और पर्यावरण संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए पौधरोपण करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने गौशाला परिसर में कदंब एवं आम के पौधरोपण के साथ अभियान का शुभारंभ किया। इससे पहले मुख्यमंत्री ने मंदिर में दर्शन किए तथा गौ पूजन किया। कार्यक्रम में जाते समय विभिन्न स्थानों पर स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री का बड़े उत्साह के साथ स्वागत-सत्कार किया।
प्रधानमंत्री मोदी सामाजिक सरोकारों के सूत्रधार —
शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हमेशा सामाजिक सरोकारों के सूत्रधार रहे हैं। उन्होंने देश में ‘स्वच्छ भारत अभियान’ की शुरूआत की, जिससे लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता आई। प्रधानमंत्री ने महिला लिंगानुपात में सुधार लाने के लिए ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान शुरू किया। उन्होंने कहा कि सामाजिक सरोकारों की इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए मोदी ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की अभिनव पहल की है।
पर्यावरण संरक्षण के साथ गौवंश के लिए भी होगा लाभकारी —
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अभियान पर्यावरण संरक्षण के साथ गौवंश को भी लाभ पहुंचाएगा। पेड़ों से मिलने वाली छाया गौवंश को गर्मियों में राहत देगी। उन्होंने इस अवसर पर प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे सभी पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपने दायित्व निभाएं तथा एक पेड़ मां के नाम अभियान को राजस्थान में सफल बनाएं और पूरे भारत में एक मिसाल स्थापित करें।
कार्यक्रम में पशुपालन एवं देवस्थान मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा कि ‘एक पेड़ मां के नाम’ तथा एक पेड़ गौ माता के नाम अभियान के तहत मिशन वन रक्षण 2024 के अंतर्गत प्रदेश में 25 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह अभियान राज्य के गोपालन, देवस्थान, डेयरी एवं पशुपालन विभाग के द्वारा संयुक्त रूप से चलाया जाएगा।
‘हरियालो राजस्थान मिशन’ से राजस्थान बनेगा हरित प्रदेश —
उल्लेखनीय है कि राजस्थान को हरित प्रदेश के रूप में विकसित करने के लिए वर्ष 2028 तक वन क्षेत्र में 20 हजार हेक्टेयर की वृद्धि करने की घोषणा परिवर्तित बजट 2024-25 में की गई है। ‘हरियालो राजस्थान मिशन’ के अंतर्गत आगामी पांच साल में 4 हजार करोड़ रुपये की राशि से प्रदेश में 50 नई नर्सरी, प्रत्येक जिले में आमजन की सहभागिता से एक-एक मातृवन की स्थापना, खेजड़ली-जोधपुर में अमृतादेवी बिश्नोई इंडिजनस प्लांट म्यूजियम की स्थापना, एक जिला एक नस्ल कार्यक्रम, वन धन कार्यक्रम चलाने जाने के साथ ही 2 हजार स्थानीय व्यक्तियों को वन मित्र बनाया जाएगा। साथ ही, प्रदेश की सभी विकास परियोजनाओं में ग्रीन ग्रोथ के सिद्धांत का समावेश करने के लिए आगामी वर्ष से राज्य का ग्रीन बजट प्रस्तुत किया जाएगा।
कार्यक्रम में पशुपालन एवं डेयरी राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म, जयपुर ग्रेटर महापौर श्रीमती सौम्या गुर्जर, जयपुर जिला प्रमुख श्रीमती रमा देवी चोपड़ा, प्रमुख शासन सचिव पशुपालन विकास सीतारामजी भाले, श्रीकृष्णा बलराम सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष अमितासन दास सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।