भोपाल। जीतू पटवारी की टीम उलझती हुई दिखाई दे रही है। कम सदस्यों वाली टीम बनाने के लिए पटवारी कह चुके हैं, लेकिन उन पर इतना दबाव है कि हर नेता अपने समर्थकों को प्रदेश की टीम में शामिल करवाना चाहता है। इससे टीम 100 के अंदर सिमट नहीं पा रही है। पटवारी का मानना है कि टीम छोटी होगी और उसमें सक्रिय सदस्यों को मौका मिलेगा तो काम भी अच्छा होगा।
पटवारी की इस बात से कुछ बड़े नेता इत्तेफाक नहीं रख रहे हैं। उनका मानना है कि कार्यकारिणी जितनी बड़ी होगी, उससे पार्टी को ही लाभ होगा और सबको काम करने का मौका मिलेगा, लेकिन पटवारी छोटी कार्यकारिणी बनाने पर ही अड़े हुए हैं। इसी चक्कर में प्रदेश कार्यकारिणी अटकी हुई है। हालांकि पटवारी सहित प्रदश प्रभारी भी कह चुके हैं कि जल्द ही कार्यकरिणी घोषित की जाएगी, लेकिन जिस तरह से कार्यकारिणी को बड़े नेताओं ने रुकवा रखा है, उससे तो नहीं लग रहा है कि कार्यकारिणी का स्वरूप छोटा होगा और कार्यकारिणी जल्द घोषित हो जाएगी। एक तरह से कांग्रेस की कार्यकारिणी नहीं बनने के कारण जिला स्तर पर पार्टी का कामकाज ठप पड़ा हुआ है, वहीं कई जिलाध्यक्षों के बदले जाने की सुगबुगाहट के चलते भी काम नहीं हो पा रहा है। केवल उन्हीं निर्देशों का पालन किया जा रहा है जो प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से जारी किए जाते हैं। पार्टी ने यह भी घोषणा की थी कि वे लगातार स्थानीय निकाय को लेकर आंदोलन करेगी, लेकिन ये आंदोलन भी इंदौर सहित दो-चार निकायों में करने के बाद बंद हो गया है।
युवक कांग्रेस 30 अगस्त को एक बड़ा प्रदर्शन भोपाल में करने जा रही है। इसके लिए सभी जिलाध्यक्षों को पूरी ताकत के साथ भोपाल आने के लिए कहा गया है। यह प्रदर्शन सीएम हाउस के घेराव के रूप में होगा। इंदौर से जिलाध्यक्ष दौलत पटेल और शहर अध्यक्ष रमीज खान भी प्रदर्शन में जाने की तैयारी कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश के जिलाध्यक्षों की नियुक्ति भी इस प्रदर्शन पर निर्भर रहेगी।
100 के अंदर सिमट नहीं पा रही जीतू पटवारी की कार्यकारिणी
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