Friday, March 31, 2023
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सावधान! मार्केट में आया ‘नकली आलू’, कहीं आप भी तो नहीं खा रहे? कैसे करे पहचान…

नकली आलू: बाजार में लोग असली आलुओं के साथ नकली मिलाकर बेच दे रहे हैं, लेकिन इसके बारे में बेहद ही कम ही लोगों को मालूम है. बाजार में अभी दो किस्‍म के आलू बिक रहे हैं, चंद्रमुखी और हेमांगिनी आलू . अगर आप इन्हें साथ-साथ रखें तो यह समझना मुश्किल हो जाता है कि चंद्रमुखी आलू कौन सा है और हेमंगिनी आलू कौन सा है. बाजार में चंद्रमुखी आलू 20 से 25 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. वहीं हेमांगिनी आलू की कीमत 10 से 12 रुपये प्रति किलो होनी चाहिए, लेकिन कुछ व्यापारी हेमंगिनी आलू को चंद्रमुखी आलू बताकर बाजार में बेच रहे हैं. नतीजतन, खरीदारों को परेशानी होती है. क्‍यों क‍ि इनका स्वाद बिल्कुल अलग.

नकली आलू बेचकर कमा रहे बेइमान व्यापारी

हुगली कृषि सहकारी समिति के एक सदस्य ने बताया कि हेमांगिनी आलू मूल रूप से आलू की मिश्रित किस्म है. इस आलू की खेती पंजाब के अलग-अलग हिस्सों में की जाती है. ये आलू के बीज दूसरे राज्यों से इस राज्य में आते हैं. इस आलू की हुगली में भी अलग-अलग जगहों पर खेती होती है. आलू की इस खेती में पैदावार अधिक होती है. जहां प्रति बीघा 50 से 60 बोरी चंद्रमुखी आलू का उत्पादन होता है, वहीं इस आलू का उत्पादन करीब 90 से 95 बोरी होता है. हालांकि इस आलू की उत्पादन दर अधिक है, लेकिन बाजार में इस आलू की मांग बहुत कम है. सबसे पहले तो ये आलू अच्छे से पकना नहीं चाहते हैं. दूसरा, इन आलुओं का स्वाद बहुत अच्छा नहीं होता.

आम आदमी को पहचान पाने में हो सकती मुश्किल

हुगली जिला कृषि अधिकारी मनोज चक्रवर्ती ने कहा, “शहरी इलाकों में लोगों के लिए बाहर से हेमंगिनी आलू और चंद्रमुखी आलू के बीच अंतर करना बहुत मुश्किल है.” हेमंगिनी आलू को चंद्रमुखी आलू के साथ क्रॉस ब्रीडिंग करके बनाया जाता है. चूंकि यह आलू हाईब्रिड है इसलिए कम समय में और कम लागत में इसकी खेती की जा सकती है. यह आलू हुगली जिले के पुरशुरा और तारकेश्वर क्षेत्रों में उगाया जाता है. चंद्रमुखी आलू जिसे बनने में तीन से चार महीने का समय लगता है. वहां ये हाईब्रिड आलू डेढ़ से दो महीने के अंदर पैदा हो जाते हैं. किसान इस आलू की एक सीजन में दो बार खेती कर सकते हैं. हाइब्रिड के लिए प्रोडक्शन रेट भी अधिक है.

इस हेमंगिनी आलू को कई बेईमान व्यापारी चंद्रमुखी आलू बताकर बेच रहे हैं. ग्रामीणों को मूर्ख बनाना बहुत आसान नहीं है, क्योंकि वे कृषि से जुड़े हैं और एक आलू को देखते ही पहचानते हैं. हालांकि, बेईमान व्यवसायी शहरी क्षेत्रों या मलिन बस्तियों के लोगों को आसानी से बेवकूफ बनाकर अपना कारोबार जारी रखते हैं.

कैसे पता करें कि कौन सी चंद्रमुखी है और कौन सी हेमांगिनी आलू?

कृषि निदेशक मनोज चक्रवर्ती ने कहा, ‘ऊपर से दो आलुओं को पहचानना बहुत मुश्किल है. दोनों की पतली चमड़ी है, लेकिन इस आलू को दो तरह से पहचाना जा सकता है. सबसे पहले, दो प्रकार के आलू छीलने के बाद अंदर के रंग अलग-अलग होते हैं. चंद्रमुखी आलू के अंदर हल्का मटमैला रंग होता है, और हेमंगिनी आलू के अंदर सफेद होता है. दूसरे, आप चख कर समझ सकते हैं कि कौन सा आलू बेहतर है. हेमांगिनी किस्म बिलकुल भी स्वादिष्ट नहीं होती. अच्छी तरह से पकता नहीं.

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