भारत के सबसे उम्रदराज अरबपति और आनंद महिंद्रा के चाचा केशब महिंद्रा (Keshub Mahindra) का 99 साल की उम्र में आज 12 अप्रैल 2023 को निधन हो गया है. इसकी जानकारी INSPACe के अध्यक्ष पवन के गोयनका ने अपने ट्विटर हैंडल पर दी है. अपने ट्वीट में पवन गोयनका ने बताया कि बिजनेस जगत ने आज अपने सबसे महान व्यक्तित्व में से एक केशब महिंद्रा को खो दिया है. उनसे मुलाकात करना हमेशा शानदार रहता था. वह हमेशा बिजनेस, इकोनॉमिक्स और सोशल चीजों को शानदार तरीके से जोड़ने की प्रतिभा रखते थे.
फोर्ब्स की अरबपतियों की लिस्ट में हुए थे शामिल-
फोर्ब्स के द्वारा जारी किए गए साल 2023 के अरबपतियों की लिस्ट में केशव महिंद्रा का नाम भी शामिल था. उनका नाम 16 नए अरबपतियों के साथ इस लिस्ट में पहली बार शामिल हुआ था. उन्होंने 48 सालों तक महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन रहने के बाद साल 2012 में पद को छोड़ दिया था. फोर्ब्स की बिलिनियर्स लिस्ट के मुताबिक केशब महिंद्रा अपने पीछे 1.2 बिलियन डॉलर की संपत्ति छोड़ गए हैं.
केशब महिंद्रा ने पेन्सिलवेनिया यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के बाद साल 1947 में ही महिंद्रा ग्रुप (Mahindra Group) के साथ जुड़ गए. इसके बाद साल 1963 में वह इस ग्रुप के चेयरमैन बन गए. उनके नेतृत्व में महिंद्रा ग्रुप ने नई ऊंचाईयों को छुआ और फिर साल 2012 में 48 सालों की सेवा के बाद उन्होंने महिंद्रा चेयरमैन के पद को अपने भतीजे आनंद महिंद्रा को सौंप दिया. इसके साथ ही उन्होंने टाटा स्टील, सेल, टाटा केमिकल्स, इंडियन होटल्स जैसे कई कंपनियों में बोर्ड के स्तर पर भी काम किया.
महिंद्रा ग्रुप को नई बुलंदियों पर पहुंचाया
अपने लगभग 5 दशक के लंबे कार्यकाल में केशब महिंद्रा ने महिंद्रा ग्रुप को न सिर्फ देश बल्कि पूरी दुनिया में एक बड़ी कंपनी के रूप स्थापित किया. उन्होंने कंपनी को कामकाज और माल ढुलाई के लिए वाहन निर्माण के क्षेत्र में बड़ा प्लेयर बनाने में अहम भूमिका निभाई. आज के समय में महिंद्रा एंड महिंद्रा को अपने ट्रैक्टरों, एसयूवी केस साथ ही हॉस्पिटैलिटी, रियल एस्टेट और सॉफ्टवेयर सेक्टर में सर्विसेज के लिए भी जाना जाता है. बिजनेस जगत में अपने योगदान के लिए साल 1987 में फ्रांस की सरकार द्वारा उन्हें सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया गया है. इसके अलावा केशब महिंद्रा को साल 2007 में अर्न्स्ट एंड यंग द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया था.