अमेरिका की नजर ‘90 दिनों में 90 व्यापार करार’ करने पर है। ऐसे में भारत और अमेरिका प्रस्तावित व्यापार समझौते को लेकर वर्चुअल तरीके से क्षेत्र-विशिष्ट से संबंधित चर्चा शुरू करने के लिए तैयार हैं। इसका उद्देश्य मई के अंत तक उन क्षेत्रों को अंतिम रूप देना है जहां बातचीत सुगमता से पूरी हो सकती है। दोनों देशों के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत क्षेत्र विशेष को लेकर बातचीत इस सप्ताह वर्चुअल रूप से शुरू होगी जो आगे आमने-सामने की औपचारिक वाता के लिए आधार तैयार करेगी।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘बातचीत में कुछ पहलुओं पर समय लगता है। हमारी टीमें वर्चुअल बातचीत में जुटी हुई हैं। उम्मीद है कि अगले 6 हफ्तों में हमें यह पता चल जाएगा कि किन क्षेत्रों पर चर्चा करने में ज्यादा वक्त लगेगा और कहां बातचीत तेजी से निपटाई जा सकती है।’
उक्त अधिकारी ने कहा कि अगले कुछ हफ्ते में दोनों देशों में शुल्क और व्यापक आर्थिक नीतियों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए ऐसे लक्ष्यों की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा जिसे सही मायने में प्राप्त किया जा सकता है।
यह घटनाक्रम अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा पिछले सप्ताह अधिकांश देशों पर लगाए गए उच्च जवाबी शुल्क को वापस लेने के निर्णय की पृष्ठभूमि में हुआ है। अमेरिकी प्रशासन ने मंदी और मुद्रास्फीति के डर के बीच चीन को छोड़कर देश-विशिष्ट पर लगाए गए जवाबी शुल्कों को 90 दिनों के लिए रोक दिया है। वर्तमान में अमेरिका अपने यहां आयात होने वाले सामान पर सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र शुल्क के अलावा 10 फीसदी का बुनियादी शुल्क वसूल रहा है। ट्रंप ने कहा था कि जवाबी शुल्क पर अस्थायी रोक से देशों को अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते करने की सहूलियत मिलेगी।
सरकारी अधिकारियों का मानना है कि भारत को पहले कदम उठाने का फायदा होगा क्योंकि दोनों देशों ने जवाबी शुल्क की घोषणा से पहले ही व्यापार समझौते के लिए बातचीत शुरू कर दी थी। फरवरी में भारत और अमेरिका ने साल के अंत तक पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते के पहले चरण को अंतिम रूप देने का इरादा किया था।
भारत और अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं मगर 9 जुलाई तक अंतरिम व्यापार करार करने का भी प्रयास कर रहे हैं, बशर्ते बातचीत सही दिशा में आगे बढ़े और दोनों देशों के हित में हो।
अधिकारी ने कहा, ‘द्विपक्षीय व्यापार करार का पहला चरण साल के अंत तक पूरा हो सकता है। हालांकि हम एक ऐसे व्यापक करार की संभावना
तलाश कर रहे हैं जो दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद हो। हम सौदे के अगले चरण पर चर्चा जारी रख सकते हैं। छह महीने में सब कुछ नहीं हो सकता।’
काउंसिल फॉर सोशल डेवलपमेंट के प्रतिष्ठित प्रोफेसर विश्वजीत धर ने कहा कि 90 दिनों में किसी समझौते पर हस्ताक्षर करना मुश्किल है। बाजार पहुंच के लिए द्विपक्षीय बातचीत की जा सकती है। अगर अमेरिका भारत पर कुछ कानूनों या नियमों में बदलाव करने का दबाव डालता है तो इसे सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र के आधार पर (सभी देशों के लिए) किया जाना चाहिए।’