Ganesh Chaturthi 2023: गणेश उत्सव का त्योहार हर साल देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। मुंबई का गणपति उत्सव पूरे देश में देखने लायक होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सुख-समृद्धि के देवता भगवान गणेश जी का जन्म भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन हुआ था। इसी उपलक्ष्य में हर साल गणेश उत्सव मनाया जाता है। यह उत्सव पूरे दस दिनों तक चलता है।गणेश उत्सव का पर्व भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होकर अनंत चतुर्दशी तिथि के दिन तक चलता है। इस दौरान घरों और बड़े-बड़े पूजा पंडालों में भगवान गणेश की प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं और धूमधाम से इस उत्सव को मनाया जाता है।
गणेश चतुर्थी 19 सितंबर 2023 को है। यह उत्सव 10 दिनों तक चलता है। जिसमें पहले दिन यानि गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणपति की मूर्ति स्थापित की जाती है और 10 दिनों तक उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। इस दौरान जगह-जगह पंडाल सजाए जाते हैं। महाराष्ट्र का गणपति उत्सव पूरी दुनिया में मशहूर है । इन मंदिरों में बप्पा की मूर्ति को बहुत ही खूबसूरती से सजाया जाता है। आइए जानें मुंबई में गणपति के 5 भव्य पंडाल।
लालबाग चा राजा – यह दक्षिणी मुंबई में स्थित है और यहां भगवान गणेश जी के दर्शन के लिए कई किलोमीटर लंबी लाइन लगती है । मुंबई में गणेश जी के स्वागत के लिए भव्य पंडाल सजाए जाते हैं जिसे देखने देश-विदेश से लोग आते हैं। इन्हीं में से एक है विश्वप्रसिद्ध लालबाग चा राजा। साउथ मुंबई में लगे इस पंडाल में गणपति के दर्शन के लिए कई किलोमीटर की लाइन लगती है। बॉलीवुड के अधिकतर कलाकार यहां बप्पा का आशीर्वाद लेने आते हैं। 1934 से ही यहां गणपति स्थापना हो रही है। यहां भगवान गणेश जी के दर्शन के लिए अमिताभ बच्चन भी पहुंचते हैं।
जीएसबी सेवा मंडल गणपति – जीएसबी सेवा मंडल गणपति को मुंबई का सबसे अमीर मंडल माना जाता है। वडाला में मौजूद यही एकमात्र ऐसा पंडाल है जहां 24 घंटे अनुष्ठान चलता है। हर साल यहां भगवान गणेश की मूर्ति को सोने और चांदी के आभूषणों से सजाया जाता है।
मुंबई चा राजा – मुंबई के गणेश गली और लेन में स्थित ‘मुंबईचा राजा’ विराजमान हैं।1928 में मिल श्रमिकों को लाभ देने यहां गणपति पंडाल की शुरुआत हुई थी।
खेतवाडीचा गणराजी – मुंबई का ये पंडाल गणपति की विशेष मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है। इस पंडाल की दिलचस्प बात है कि यहां गणेश की मूर्ति का आकार सालों से एक जैसा ही बनाया जाता है।
अंधेरी चा राजा – मुंबई के इस पंडाल की खूबी उसकी सजावट होती है। यहां 1966 से गणेश जी की स्थापना की जा रही है। यह मुंबई का तीसरा सबसे दिव्य पूजा पंडाल है। बड़ी-बड़ी हस्तियां यहां बप्पा के दर्शन के लिए आती है। अंधेरी चा राजा गणेश पंडाल में स्थापित गणेश मूर्ति के विसर्जन के दिन विशाल जुलूस निकाला जाता है।
गणेशजी के अनेक नाम हैं लेकिन ये 12 नाम प्रमुख हैं- सुमुख, एकदंत, कपिल, गजकर्णक, लंबोदर, विकट, विघ्न-नाश, विनायक, धूम्रकेतु, गणाध्यक्ष, भालचंद्र, गजानन। उपरोक्त द्वादश नाम नारद पुराण में पहली बार गणेश के द्वादश नामवलि में आया है।