सौभाग्येश्वर महादेव: मध्य प्रदेश के उज्जैन में सावन के महीने में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। उज्जैन को देवों की नगरी कहा जाता है। यहां अत्यंत चमत्कारी मंदिर हैं, जहां प्रत्येक दिन दर्शन करने मात्र से ही समस्त प्रकार के कष्टों का निवारण हो जाता है। बाबा महाकाल की नगरी में एक ऐसा शिव मंदिर स्थित है, जिसके दर्शन मात्र से सौभाग्य और अपार खुशियां मिलती हैं। यहां सौभाग्येश्वर महादेव एक प्राचीन मंदिर है। हजारों सालों से यह मान्यता है कि यहां पूजा करने से विशेषकर विवाह और संतान प्राप्ति में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती हैं। सभी प्रकार की परेशानियां दूर हो जाती हैं। सौभाग्येश्वर महादेव के दर्शन से दरिद्रता दूर हो जाती है। ग्रहों की बाधाएं समाप्त होती हैं और महिलाओं का सौभाग्य बना रहता है।
सौभाग्येश्वर महादेव की महिमा निराली है
यदि शिवलिंग का प्रतिदिन पूजन-अर्चन किया जाए तो ग्रहों की बाधा, दरिद्रता और अकाल मृत्यु का भय भी समाप्त हो जाता है।
84 महादेव में 61 वां स्थान रखने वाले श्री सौभाग्येश्वर महादेव की महिमा निराली है, जिसकी जानकारी देते हुए मंदिर के पुजारी ने बताया कि मंदिर में भगवान का शिवलिंग बालू से बना हुआ है। जिनका प्रतिदिन दर्शन पूजन करने के लिए सैकड़ों श्रद्धालु मंदिर पहुंचते हैं। उन्होंने बताया कि सौभाग्येश्वर महादेव का पूजन करने वाले भक्तों के परिवार की कभी दुर्गति नहीं होती है।
मनोकामना पूर्ति के लिए बनाते हैं सीधा स्वास्तिक
स्कंद पुराण में इस बात का उल्लेख है कि सौभाग्येश्वर महादेव के दर्शन करने से दरिद्रता समाप्त होती है, बंधुओं से वियोग नहीं होता। ग्रहों की बाधा समाप्त होने के साथ ही स्त्रियों को वैधव्य भी नहीं मिलता। बताया जाता है कि मंदिर में पूजन अर्चन करने वाले श्रद्धालु मनोकामना पूर्णता के लिए उल्टे स्वस्तिक का निर्माण करते हैं, यहां विशेष रूप से विवाह में आ रही बाधा, संतान प्राप्ति में आ रही बाधाओं के साथ ही समस्त प्रकार के संकटों का निवारण होने पर श्रद्धालु पुनः मंदिर आते हैं और फिर सीधा स्वास्तिक बनाकर भगवान का पूजन अर्चन करते हैं। यहां सौभाग्यवती महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए और कुंवारी कन्याएं अच्छे वर और अच्छे घर की कामना के लिए मंदिर में पूजन अर्चन करने आती हैं।