भोपाल : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने चुनावी साल में बुजुर्गों को हवाई जहाज से तीर्थ यात्रा कराने की घोषणा की है। हवाई जहाज से तीर्थ यात्रा मार्च से शुरू होगी। मुख्यमंत्री की घोषणा धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के अफसरों के लिण् जी का जंजाल गई है, क्योंकि इसमें कई तरह की पेंचीदगी सामने आ रही हैं। अफसर हवाई जहाज से तीर्थ यात्रा कराने को लेकर अंतिम निर्णय नहीं ले पा रहे हैं।
दरअसल, मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद धर्मस्व विभाग ने बुजुर्गों को नियमित फ्लाइट से तीर्थ स्थलों पर ले जाने की तैयारी की थी, ताकि कम खर्च में तीर्थ यात्रा कराई जा सके। इस बीच सरकार ने तय किया कि बुजुर्गों को चार्टर्ड विमान से तीर्थ यात्रा कराई जाएगी। यहीं से धर्मस्व विभाग की मुश्किलें बढऩा शुरू हो गईं। विभाग चार्टर्ड विमान से तीर्थ यात्रा कराने को लेकर लगातार मंथन कर रहा है, लेकिन वह अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंच रहा है। इसकी पहली वजह यह है कि चार्टर्ड विमान से तीर्थ यात्रा कराने पर खर्च बहुत ज्यादा आ रहा है। विभाग विमान से तीर्थ यात्रा कराने के खर्च का हिसाब-किताब लगा रहा है। खर्च को कम करने के लिए ऐसे तीर्थ स्थल का चयन किया जा रहा है, जिसके नजदीक एयरपोर्ट हो, ताकि विमान यात्रियों को लेकर सुबह उड़ान भरे और उन्हें दिन में भगवान के दर्शन कराकर शाम को वापस आ जाए, क्योंकि चार्टर्ड विमान को एयरपोर्ट पर ज्यादा देर तक खड़ा करने से किराये आदि का खर्च बहुत ज्यादा आएगा।
मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि ट्रेन से 100 यात्रियों को एक सप्ताह के लिए तीर्थस्थल पर ले जाने में एक बार में करीब 15 लाख रुपए का खर्च आता है। साथ ही धर्मस्व विभाग के लिए विमान से तीर्थ यात्रा कराने के लिए बुजुर्गों का चयन करने में मुश्किल हो रही है। चूंकि विमान से एक बार में सिर्फ 100 तीर्थ यात्रियों को भेजा जाएगा और आवेदन हजारों में आना तय है। ऐसे में यात्रियों के चयन में थोड़ी सी भी चूक होने पर हजारों यात्रियों के नाराज होने का डर है, इसलिए यात्रियों का चयन लॉटरी के जरिए करने पर विचार किया जा रहा है।धर्मस्व विभाग के अधिकारियों का मानना है कि विमान से तीर्थ यात्रा के लिए चयनित अधिकतर बुजुर्ग तीर्थ यात्री संभवत: पहली बार विमान में यात्रा कर रहे होंगे। चूंकि नियमित फ्लाइट में अन्य यात्री होते हैं, जिन्हें देखकर पहली बार विमान में बैठने वाले यात्रियों को ढांढ़स बंधा रहता है, लेकिन चार्टर्ड विमान में सिर्फ बुजुर्ग तीर्थ यात्रा होंगे और विमान के उड़ान भरते समय यदि बुजुर्ग तीर्थ यात्रियों ने हंगामा खड़ा कर दिया या किसी तीर्थ यात्री की तबियत बिगड़ गई, तो सरकार की मुश्किल बढ़ जाएगी। यही वजह है कि अधिकारी एक-एक बिंदु पर बारीकी से चिंतन-मनन कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के बारे में खास
मप्र सरकार ने वर्ष 2012 में मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का शुभारंभ किया था। इस योजना के तहत प्रदेश के वरिष्ठ नागरिक, जिनकी उम्र 60 साल हो चुकी है, उन्हें नि:शुल्क यात्रा कराई जाती है। यात्रियों की सारी व्यवस्था सरकार करती है। इस यात्रा के दौरान असहाय लोगों को अपने साथ एक सहायक ले जाने का प्रावधान भी है। यात्रा में बुजुर्गों के खान-पान से लेकर विश्राम तक का इंतजाम होता है, साथ ही उपचार के लिए चिकित्सक भी मौजूद रहते है।