Bollywood : जब से हीरामंडी रिलीज हुई है तब से हर तरफ इसकी ही चर्चा हो रही है. संजय लीला भंसाली को इस सीरीज के जरिए काफी तारीफें मिल रही हैं. भंसाली ने इस सीरीज के जरिए लोगों को तवायफों की कहानी बताई जिसके बारे में बहुत कम लोगों को मालूम था. आज हम आपको कई ऐसी एक्ट्रेसेस के बारे में बताएंगे जिनका, तवायफ फैमिली से पुराना नाता रहा है. इस लिस्ट में हिंदी सिनेमा की कई अभिनेत्रियों का नाम शामिल है.
नरगिस और सायरा बानो जैसी अदाकाराओं ने पर्दे पर एक्टिंग कर कई सालों तक अपना सिक्का जमाया है. लेकिन, बहुत कम लोग इस बात से वाकिफ होंगे कि ये दोनों का ताल्लुक तवायफ परिवार से रहा है. तो चलिए आज उन हसीनाओं के बारे में जान लेते हैं जिनका कहीं ना कहीं तवायफ से कनेक्शन रहा है.
नरगिस
इस लिस्ट में सबसे पहले बॉलीवुड की शानदार अभिनेत्री और संजय दत्त की मां नरगिस का नाम आता है. नरगिस की मां जद्दनबाई थीं जो कि कोलकाता की मशहूर तवायफ थीं. जद्दनबाई पहली महिला संगीतकार थीं जो कि भारत को कोठे से मिली. जद्दन की मां दलिपाबाई भी एक मुस्लिम तवायफ थीं जो कि इलाहाबाद के कोठे पर बैठा करती थीं. जद्दनबाई की परवरिश कोठे पर ही हुई थी और संगीत उन्हें रग-रग में था.
घरवालों से प्रताड़ित होकर दलिपाबाई इलाहाबाद पहुंची जहां नाटक मंडली ने उन्हें कोठे पर बेच दिया इसके बाद इनकी सारी जिंदगी यहीं कटी लेकिन इनकी बेटी जद्दनबाई को संगीत का काफी शौक था और उन्होंने इस इंडस्ट्री में अपना नाम बनाया और कोठे से बाहर निकलीं, इन्होंने ही अपनी बेटी नरगिस को भी इंडस्ट्री में कदम रखवाया.
नीतू कपूर
वहीं, इस लिस्ट में कपूर खानदान की बहू नीतू कपूर का नाम भी है. एक्ट्रेस की नानी हरजीत सिंह को मजबूरी में कोठा जाना पड़ा था. हरजीत सिंह के माता-पिता की मौत के बाद उनके चाचा-चाची ने प्रॉपर्टी की लालच में इन्हें कोठे पर बेच दिया था. कोठे में ही नीतू कपूर की मां राजी सिंह का जन्म हुआ. राजी को भी 14 साल की उम्र में शरीर का धंधा करना पड़ा लेकिन वो यहां से भाग निकलीं. इस बीच राजी की मुलाकात दर्शन सिंह नाम के एक लड़के से हुई जिसके बाद हरनीत का जन्म हुआ जो कि आज नीतू कपूर के नाम से फेमस हैं.
सायरा बानो
बॉलीवुड एक्ट्रेस सायरा बानो का भी तवायफों से पुराना नाता रहा है. एक्ट्रेस की नानी कोठे पर रहती थीं. सायरा बानो की नानी और परनानी को न चाहते हुए भी कोठे पर रहना पड़ा क्योंकि इनकी परनानी को इनके पिता ने ही बेच दिया था. जुम्मनबाई ने एक लड़की को जन्म दिया जो कि शमशाद थी. शमशाद बला की सुंदर थीं और इनकी खूबसूरती इतनी थी कि इनको खरीदने के लिए ऊंची बोली लगी और अब्दुल वाहिद रहमान ने कहा कि मैं इसको खरीदूंगा तो ये किसी के सामने नहीं नाचेगी. वाहिद शमशाद को अपने बंगले ले गए और फिर इन दोनों से एक बेटी का जन्म हुआ जो कि शायरा बानो बनी. आपको बता दें कि अब्दुल वाहिद रहमान एक रईस व्यक्ति थे.