Health benefits: औषधीय गुणों से भरपूर है यह चमत्कारी पौधा, उच्च रक्तचाप ही नहीं मधुमेह से भी दिलाता है छुटकारा

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Health benefits :घिंगारु एक औषधीय और बहुउद्देश्यीय पौधा है। इसकी जड़ से लेकर फल, फूल, पत्तियां और टहनियां सभी हमारे लिए अतिलाभदायक हैं। यह एक चमत्कारी पौधा है, जिसके फल को घिंघारू के नाम से जाना जाता है। यह पहाड़ी फल कुमाऊनी में घिंगारु (Ghingaru), घिंघारू और गढ़वाली में घिंघरु और नेपाली में घंगारू के नाम से विख्यात है। छोटे-छोटे लाल सेव जैसे दिखने वाले घिंघरु के फलों को हिमालयन रेड बेरी (Himalayan Redberry), फायर थोर्न एप्पल या व्हाइट थोर्न भी कहते हैं। इसका वानस्पतिक नाम पैइराकैंथा क्रेनुलाटा है।

यह फल सिर्फ 3 माह जून, जुलाई और अगस्त के आसपास ही मिलता है। घिंघारू के फलों को सुखाकर चूर्ण बनाकर दही के साथ खूनी दस्त, उच्च रक्तचाप मधुमेह से छुटकारा दिलाता है। इन फलों में पर्याप्त मात्रा में शर्करा भी पाई जाती है, जो शरीर को तत्काल ऊर्जा प्रदान करती है। इसके अलावा इसकी टहनी का प्रयोग दातून के रूप में भी किया जाता है, जिससे दांत दर्द से निजात मिल सकती हैघिंघारू के कई और स्वास्थ लाभ के बारे में-

घिंघारू प्रोटीन से होते हैं भरपूर

घिंघारू के छोटे-छोटे फल गुच्छों में लगे होते । हालांकि अगस्त या सितंबर में पकने पर नारंगी या फिर गहरे लाल रंग के हो जाते हैं। ये फल हल्के खट्टे, कसैले और स्वाद में मीठे होते हैं। घिंघारू में प्रोटीन प्रचुर मात्रा में होती है। इसका पौधा मध्यम आकार का होता है और इसकी शाखाएं कांटेदार तथा पत्ते गहरे रंग के होते हैं। यह पौधा 500 से 2700 मीटर की ऊंचाई वाले पर्वतीय क्षेत्रों में पाया जाता है।

घिंघारू के 5 चमत्कारी स्वास्थ्य लाभ

डायबिटीज : घिंघारू के फल और पत्तियों में उच्च मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इन्फलामेट्री गुण होने के कारण यह हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मधुमेह रोगों को ठीक करने में मदद कर सकता है।

खूनी दस्त : कई औषधियों के भरपूर घिंघारू खूनी दस्त रोकने में बेहद असरदार माना जाता है. यदि आप खूनी दस्त से परेशान हैं तो इसके फलों का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। इसके लिए घिंघारू के फलों को सुखाकर चूर्ण बनाकर दही के साथ सेवन किया जा सकता है. ऐसा करने से आपको खूनी दस्त जल्द आराम मिल जाएगा।

दांत दर्द में : घिंघारू के पेड़ की टहनी का सबसे अधिक दातून के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इस दातून को नियमित करन से दांतों में चमक आने के साथ ही दांत दर्द से भी निजात मिलती है। पहाड़ी क्षेत्र के ज्यादातर लोग इसका इस्तेमाल करते हैं।

कोलेस्ट्रॉल : पहाड़ों पर मिलने वाला औषधीय फल घिंघारू प्रोटीन का अच्छा स्रोत माना जाता है। ऐसे में सेहत को हेल्दी रखने के लिए इस फल का सेवन जरूर करना चाहिए।दरअसल, घिंघारू के औषधीय गुण रक्त से हानिकारक कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करने में मदद करते हैं।

हार्ट में रक्त संचार सुधारे: घिंगारू के फल में मौजूद बायोफ्लोनोइड्स हृदय में रक्त संचार को सुचारू करने में असरदार माना जाता है। साथ ही यह रक्त वाहिकाओं को नष्ट होने से भी बचाता है।