Saturday, July 27, 2024
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जब लगने लगे आपको ज्यादा थकान तो खाने में लें इंद्रधनुषी रंगों वाला आहार

Health News: पूरी नींद लेने के बावजूद कई लोग थकान महसूस करते हैं। शरीर को एक्टिव और तंदुरुस्त बनाए रखने के लिए एनर्जी बेहद जरूरी है। बॉडी में अगर पर्याप्त मात्रा में एनर्जी हो तो हम सभी काम तन-मन से कर पाते हैं। वहीं, अगर एनर्जी का लेवल कम हो जाएं तो हम थकान महसूस करते हैं और काम से जी चुराने लगते हैं। कई बार आपने ये देखा होगा कि शरीर में अचानक ही एनर्जी लेवल गिर जाता है और हमारा कोई भी काम करने का मन नहीं करता। थकावट या कमजोरी के कारण ऐसे लोग आलस या सुस्ती का अनुभव करते हैं। इसका असर उनकी रोजमर्रा की जिंदगी पर भी पड़ने लगता है, लेकिन जब यह थकान दिन भर और लंबे अवधि तक बनी रहती हो, तो गंभीर रूप ले सकती है।

लगातार बनी रहने वाली थकान व्यक्ति के शारीरिक-मानसिक स्तर पर यानी दिमाग से लेकर इम्यून सिस्टम को प्रभावित करती है। इसका असर व्यक्ति की कार्यक्षमता पर यानी घर-बाहर के कामों पर पड़ता है। मेडिकल भाषा में इसेक्रॉनिक फटीग सिंड्रोम कहा जाता है।

क्या है कारण

दिन भर कई कारणों से थकान महसूस होती है। आराम परस्त जीवनशैली के कारण आलस या सुस्ती का बने रहना, दिनचर्या नियमित न होना यानी ठीक समय पर सोने-जागने में कमी होना, ठीक तरह खाना न खाना, शरीर में पानी की कमी होना, कैफीन का अधिक सेवन करना, शरीर का मेटाबॉलिज्म गड़बड़ाना, मांसपेशियों में थकावट से कमजोरी आना, मोटापा, शरीर में आयरन और विटामिन बी12 की कमी से एनीमिया या खून में हीमोग्लोबिन की कमी होना, महिलाओं में हॉर्मोनल असंतुलन या मासिक धर्म चक्र में अनियमितता होना, डिप्रेशन, एंगं जाइटी जैसी मानसिक समस्याएं होना, इसके अलावा थायरॉइड, डायबिटीज सहित लिवर व किडनी संबंधी गंभीर बीमारियां इसके पीछे की प्रमुख वजहें हैं।

क्या हैं लक्षण

आपका वजन कम या ज्यादा हो रहा है, तो वजन कम होने से डायबिटीज और ज्यादा होने से हाइपो-थायरॉयड का अंदेशा होता है।

खून की कमी से स्किन का रंग पीला दिखने लगता है। जब ये मरीज कोई भारी काम करते हैं या स्ट्रेस लेते हैं, तो हांफ जाना, दिल की धड़कन तेज हो जाती है। खड़े होने पर आंखों के आगे अंधेरा छाना आदि हृदय रोग व मधुमेह की वजह से हो सकता है।

उपचार

थकावट ज्यादा महसूस होने पर डॉक्टर को कंसल्ट करना जरूरी है। डॉक्टर सबसे पहले मरीज की स्थिति और थकान के कारणों का पता लगाने के लिए टेस्ट करते हैं, जैसे- हीमोग्लोबिन टेस्ट, थायरॉयड फंक्शन टेस्ट, लिवर और किडनी फंक्शन टेस्ट, ब्लड शुगर, विटामिन डी और बी12 लेवल का टेस्ट। मरीज की स्थिति के आधार पर जरूरी दवाइयां दी जाती हैं। प्री-डायबिटीज की स्थिति में भी दिनभर थकान और ऊर्जा की कमी महसूस होती है। रक्त में ग्लूकोज का स्तर सामान्य से अधिक होता है, तो इसे प्री-डायबिटीज कहते हैं। हालांकि, यह इतना अधिक नहीं होता कि उसे डायबिटीज कहा जाये। यह स्थिति तब आती है, जब हमारा शरीर कम मात्रा में इंसुलिन का निर्माण करता है या निर्माण किये हुए इंसुलिन का इस्तेमाल नहीं कर पाता। इससे धीर-धीरे रक्त में शुगर का स्तर बढ़ता जाता है। ऐसे लक्षण को हल्के में न लें।

इन बातों का रखें ध्यान

इंद्रधनुषी रंगों वाले आहार शामिल करें: अपने खाने में इंद्रधनुषी रंगों वाले आहार शामिल करें, मौसमी फल-सब्जि यां जरूर खाएं। खाने में चीनी, रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट या ऑयली खाद्य पदार्थों की जगह कैल्शियम (डेयरी खाद्य पदार्थ, अंडा, मछली) और आयरनयुक्त (पालक, चुकुंदर, सरसों, अनार), प्रोटीन रिच (दालें, सोयाबीन, अंडा, मीट) आहार का सेवन करें। ओमेगा-3 फैटी एसिड सेभरपूर ड्राइ फ्रूट्स का सेवन करें।

अपने आहार का पूरा ध्यान रखें। जंक या फास्ट फूड की जगह पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें। एक नियत समय पर खाना खा लेने की आदत डालें। नाश्ते को स्किप न करें। दिन भर तीन टाइम भरपेट भोजन न करके 5-6 बार अल्प आहार लेना बेहतर है।

पानी का सेवन ज्यादा करें : दिन में कम-से-कम तीन लीटर पानी या लिक्वि ड डायट का सेवन ज्यादा करें। इस से हाइड्रेट रहने, शरीर मे ऑक्सीजन का प्रवाह सही तरीके से होने और ऊर्जा के स्राव में मदद मिलती है। इससे थकान दूर होती है। इसके साथ चाय, कॉफी, अल्कोहल, सिगरेट से परहेज करें। फ्रेश फील करने के लिए चाय-कॉफी पीना एनर्जेटिक तो फील कराती है, लेकिन कैफीन का सेवन सुस्ती की तरफ ले जाता है।

काम को टुकड़ों में बांट लें: लगातार एक जैसा काम करते रहने से थकान के साथ बोरियत भी महसूस होती है। इससे बचने के लिए कोई भी काम लगातार न करें। टुकड़ों में बांट लें और बीच-बीच में ब्रेक लेकर खुद को फ्रेश करें। अपना स्क्रीन टाइम कम करना चाहिए। इसकी जगह शारीरिक मानसिक थकावट दूर करने के लिए हल्का संगीत सुनें। संगीत आपको साकारात्मक ऊर्जा देगा और आपकी मनोदशा को बेहतर बना देगा, जिससे आप तरो ताजा महसूस करेंगे।

सूरज की रोशनी : प्रकृति के सान्निध्य में कुछ समय बिताएं, बच्चों के साथ समय बिताएं। सूरज की रोशनी में कुछ समय रहने पर शरीर मेंविटामिन डी की आपूर्ति होगी। इससे दिमाग से मैलेटोनिन हार्मोन का रिसाव कम होता है, जिससे दिन भर नींद आनेकी समस्या कम होती है। योग व व्यायाम हो दिन चर्या का हिस्सा बनाएं।

गहरी नींद जरूर लें: खुद को तंदुरुस्त रखने के लिए सुबह या दिन में कम-से-कम 30 मिनट व्यायाम करें, सुबह टहलें योग जरूर करें।
सुस्ती दूर करने में मददगार होगी। 6 से 8 घंटे की गहरी नींद जरूर लें। हर दिन 6 से 8 घंटे की भरपूर नींद लेनी चाहिए। भरपूर नींद लेने से दिमाग कई काम करता है, जैसे- हॉर्मोन्स बनाता है, जो आपके मेटाबॉलिज्म और एनर्जी लेवल को रेगुले गु ट करते हैं, जिससे थकावट कम होती है।

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