नई दिल्ली| दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने पराली जलाने के मुद्दे पर शुक्रवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखा और इस पर नियंत्रण के लिए तत्काल कार्रवाई करने को कहा। एलजी ने पत्र में लिखा कि मैं आपका ध्यान उस दर्द और पीड़ा की ओर आकर्षित करना चाहता हूं जो दिल्ली के लोग बिना किसी गलती के भुगत रहे हैं, आपसे अनुरोध करता हूं कि पंजाब में पराली जलाने को नियंत्रित करने के लिए तत्काल कदम उठाएं, जिसने राष्ट्रीय राजधानी को गैस चैंबर में बदल दिया है।
उन्होंने पत्र में कहा, यह सर्वज्ञात हैं कि दिल्ली में वायु प्रदूषण बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है, धुएं के कारण लोगों को सांस लेना मुश्किल हो रहा है। 95 प्रतिशत प्रदूषण पंजाब में पराली जलने से उत्पन्न हो रहा है।
एल-जी सक्सेना ने कहा कि उम्मीद के विपरीत 24 अक्टूबर, 2022 से 2 नवंबर, 2022 के बीच की अवधि में पराली जलने की घटनाओं में 2021 की इसी अवधि की तुलना में 19 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
पत्र में कहा गया है कि 2 नवंबर को 6 राज्यों में पराली जलाने के 3,825 मामलों में से अकेले पंजाब में 3,634 मामले सामने आए।
एलजी सक्सेना ने कहा कि यह स्थिति नागरिकों के स्वास्थ्य व जीवन के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि सरकार विज्ञापनों पर करोड़ों रुपये खर्च कर 'बायो-डीकंपोजर' को बढ़ावा देने के रास्ते से हट गई है।
एलजी ने कहा, यह आश्चर्य की बात है कि इन पहलों और हस्तक्षेपों के बावजूद, विशेष रूप से आपके राज्य में पराली जलाने के मामले न केवल बेरोकटोक जारी हैं, बल्कि बढ़े भी हैं, इससे राष्ट्रीय राजधानी में वायु गुणवत्ता गंभीर रूप से प्रभावित हुई है।
मैं, दिल्ली और इसके निवासियों की ओर से एक बार फिर आपसे आग्रह करता हूं कि किसानों की मदद कर एनसीआर के निवासियों को सांस लेने में मदद करें, उपराज्यपाल ने पत्र में कहा कि उन्होंने इस संबंध में हरियाणा के मुख्यमंत्री एम.एल. खट्टर से भी बात की है।
पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए पंजाब के सीएम ने ट्वीट किया, एलजी साहब, आप दिल्ली की चुनी हुई सरकार के कामों को रोक रहे हैं। आपने रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ अभियान को रोक दिया और अब मुझे पत्र लिखकर इतने गंभीर विषय पर राजनीति कर रहे हैं, यह सही नहीं है।