Friday, March 21, 2025
Homeदेशभारत सेना को मिलेगी नई ताकत, 7 हजार करोड़ की ATAGS तोपों...

भारत सेना को मिलेगी नई ताकत, 7 हजार करोड़ की ATAGS तोपों की डील पर हुआ समझौता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति ने भारतीय सेना के लिए 7,000 करोड़ रुपये की डील को मंजूरी दे दी है. इस डील के तहत 307 एडवांस टोड आर्टिलरी गन सिस्टम और 327 गन टोइंग वाहन खरीदे जाएंगे. यह कदम स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने और भारतीय सेना को अत्याधुनिक हथियारों से लैस करने की दिशा में एक बड़ा निर्णय है.

ATAGS तोपें 155mm/52-कैलिबर की हैं और 45-48 किलोमीटर तक वार करने में सक्षम हैं. इन्हें DRDO ने डिजाइन और विकसित किया है. इनका निर्माण भारत फोर्ज और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स से किया जाएगा. भारत फोर्ज को 60% तोपों का निर्माण करने का जिम्मा मिला है क्योंकि यह सबसे कम कीमत (L1) की बोली लगाने वाली कंपनी थी. टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स बाकी 40% तोपों का निर्माण करेगी.

आर्मी की जरूरत और भविष्य की योजनाएं
भारतीय सेना ATAGS तोपों को 15 आर्टिलरी रेजिमेंट्स में शामिल करेगी. यह डील अगले हफ्ते साइन होने की उम्मीद है. रिपोर्ट के अनुसार, भविष्य में भारतीय सेना कुल 1,580 ATAGS तोपों को शामिल करने की योजना बना रही है.

ATAGS की खासियत और निर्यात की संभावना
ATAGS तोपों को सटीकता, स्थिरता, मोबाइलिटी और विश्वसनीयता के लिए जाना जाता है. यह तोपें पांच राउंड लगातार फायर कर सकती हैं, जबकि अन्य विदेशी तोपें केवल तीन राउंड तक सीमित होती हैं. इन तोपों में ऑल-इलेक्ट्रिक ड्राइव टेक्नोलॉजी है, जो इन्हें कम मेंटेनेंस में अधिक समय तक काम करने लायक बनाती है.

भारत को पहले ही ATAGS के लिए कुछ अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर मिल चुके हैं, जिससे यह साफ है कि यह स्वदेशी तोपें भविष्य में वैश्विक बाजार में भी अपनी जगह बना सकती हैं.

लंबे समय से चल रहे टेस्ट और सफलता
ATAGS परियोजना की शुरुआत 2013 में हुई थी और इसके बाद से लगातार इसके टेस्ट चल रहे थे.
2021-22 में सिक्किम के ऊंचाई वाले इलाकों में सर्दियों के परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे किए गए.
गर्मियों में पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में यूजर ट्रायल भी सफल रहे.

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच भारत की तैयारी
रूस-यूक्रेन युद्ध ने यह साबित कर दिया कि लंबी दूरी की भारी तोपें युद्ध के मैदान में कितना अहम रोल निभाती हैं. इसी वजह से भारतीय सेना अब हॉवित्जर तोपों, मिसाइलों, रॉकेट सिस्टम और लूटर म्यूनिशन को तेजी से शामिल कर रही है.

दिसंबर 2024: रक्षा मंत्रालय ने 7,629 करोड़ रुपये की डील में 100 के9 वज्र-टी सेल्फ-प्रोपेल्ड गन सिस्टम के लिए L&T और दक्षिण कोरियाई कंपनी Hanwha Defence के साथ समझौता किया था.
फरवरी 2025: 10,147 करोड़ रुपये के सौदे में स्वदेशी पिनाका मल्टी-लॉन्च रॉकेट सिस्टम के लिए 45-किमी रेंज के हाई-एक्सप्लोसिव रॉकेट और 37-किमी रेंज के एरिया डिनायल म्यूनिशन के ऑर्डर दिए गए.

आर्टिलरी गन की खरीद में भ्रष्टाचार से आत्मनिर्भर भारत तक
भारत ने आर्टिलरी गनों की खरीद में कई कथित घोटालों का सामना किया है.
1980 के दशक में स्वीडिश बोफोर्स घोटाला
2005 में दक्षिण अफ्रीकी Denel घोटाला
2009 में सिंगापुर टेक्नोलॉजी किनेटिक्स विवाद

इन घोटालों की वजह से सेना के आधुनिकरण में लगातार देरी होती रही, लेकिन अब सरकार ने “आत्मनिर्भर भारत” योजना के तहत स्वदेशी रक्षा उत्पादन को प्राथमिकता दी है.

ATAGS तोपों की यह डील भारतीय सेना की मारक क्षमता को और मजबूत करेगी. यह सिर्फ एक रक्षा सौदा नहीं, बल्कि भारत की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है. भविष्य में भारत इन तोपों को न केवल अपनी सेना के लिए बल्कि निर्यात के लिए भी बड़ी संख्या में तैयार करेगा.

RELATED ARTICLES

Contact Us

Owner Name:

Deepak Birla

Mobile No: 9200444449
Email Id: pradeshlive@gmail.com
Address: Flat No.611, Gharonda Hights, Gopal Nagar, Khajuri Road Bhopal

Most Popular

Recent Comments

Join Whatsapp Group
Join Our Whatsapp Group