Jetpack Suit: भारत सेना में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। खबरों के अनुसार यह जानकारी मिली है कि अगले कुछ महीने में भारतीय सेना के जवान आसमान में उड़ सकेंगे। रक्षा सूत्रों से जानकारी मिली है कि कुछ ही महीनों के बाद डीआरडीओ ऐसे जेटपैक सूट तैयार किये जा रहे हैैं कि जिनको पहन कर भारतीय सेना के जवान उड़ सकेंगे। जेटपैट सूट तैयार होने के बाद उनका ट्रायल सेना द्वारा किया जाएगा और सफल रहने पर इसे भारतीय सेना में शामिल किया जा सकता है। रक्षा चुनौतियों एवं भविष्य में युद्ध में आधुनिक तकनीकों को उपयोग पूरे विश्व की सेनाओं द्वारा किया जा रहा है इसी के तहत भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने भारतीय सेना के जवानों के लिये इस प्रकार का विशेष सूट (जेट पैक) तैयार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस सूट को पहन कर सेना के जवान हवा में उड़कर भी सैनिक आपरेशन को अंजाम दे सकेंगे।
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस प्रकार के जेटपैक सूट विश्व बाजार में उपलब्ध भी है। बताया जा रहा है कि इंग्लैैंड की एक कंपनी को अभी इस प्रकार जेटपैक सूट बनाने की क्षमता हासिल है और पूरी दुनिया जिन भी देशों को इस प्रकार के सूट्स की जरूरत होती है तो वह इंग्लैैंड से इसकी खरीद करते है। हाल ही में मिली एक दस्तावेज जो रक्षा मंत्रालय से जुड़ा है से यह जानकारी मिल सकी है कि डीआरडीओ ने इस प्रकार के जेटपैक सूट बनाने की संभावनाओं पर पहले काफी अध्ययन किया और अब इस दिशा में आगे बढ़ते हुये सबसे पहले एक प्रोटोटाइप जेटपैक सूट बनाया जा रहा है। अभी तक जेटपैक सूट में जो इंजन प्रयोग किये जा रहे है वह माइक्रो गैस टरबाइन इंजन है लेकिन भारत डीआरडीओ इसमें कुछ अलग करेगा जो अभी तक बाजार में उपलब्ध जेटपैक में कुछ अलग होगा। इस प्रकार की संभावना है कि डीआरडीओ गैस टरबाइन इंजन या बैटरी चलित इलेक्ट्रो डक्टेड फैन्स (ईडीएफ) तैयार कर सकता है।
इन देशों में इस्तेमाल होता है जेटपैक
इस प्रकार जेटपैक इंजन वाले सूट अभी ब्रिटेन की एक कंपनी बनाती है। ब्रिटेन के साथ अमेरिका, रूस, न्यूजीलैंड समेत कई देशों की सेनाओं में इनका इस्तेमाल होता है। कई देशों में इस कंपनी के सहयोग में भी इनका निर्माण हो रहा है। सूत्रों की मानें तो कंपनी द्वारा खुले बाजार में ब्रिक्री के लिए ऐसे सूट उपलब्ध हैं। भारत में भी बेंगलूर की एक कंपनी इस पर कार्य कर रही है तथा पूर्व में सेना ने भी ऐसे सूट की जरूरत से सरकार को अवगत कराया है। लेकिन अब तक इनकी खरीद को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया है।
अभी जेटपैक के साथ 10-20 मिनट ही उड़ सकते है
इस प्रकार के सूट को पहनकर जवान 10-20 मिनट तक की उड़ान भर सकते हैं। साथ में वह कुछ वजन भी अपने साथ ले जा सकते हैं। डीआरडीओ बैटरी चालित जो प्लेटफार्म बना रहा है, उसमें उडऩे की अवधि को ज्यादा समय तक करने के प्रयास किए जा रहे हैं। ताकि इसके जरिये दो घंटे या अधिक समय तक उड़ान भरी जा सके। डीआरडीओ यदि आने वाले वर्षों में इन्हें तैयार करने में सफल रहता है तो फिर स्वदेशी जेटपैक इंजनों से भारतीय सेनाओं के जवान लैस होंगे और भारत चुनिंदा देशों में शामिल हो जाएगा।