Saturday, July 27, 2024
Homeखबरेंस्‍वदेशी रोबोट से गुजरात में पहली हॉर्ट सर्जरी

स्‍वदेशी रोबोट से गुजरात में पहली हॉर्ट सर्जरी

अहमदाबाद। गुजरात में भारत में निर्मित रोबोट से पहली हॉर्ट सफल सर्जरी हुई है। यह सर्जरी मैरिंगो सीआईएमएस हॉस्पिटल ने 77 साल के बुजुर्ग मरीज की पहली रोबोटिक हार्ट सर्जरी की। डॉ. धीरेन शाह, डायरेक्टर – सीटीवीएस विभाग एवं हार्ट ट्रांसप्लांट यूनिट और डॉ. अमित चंदन, रोबोटिक एंड मिनिमली इनवेसिव कार्डियक सर्जन, मैरिंगो सीआईएमएस हॉस्पिटल ने टीईसीएबी बाईपास सर्जरी को सफलतापूर्वक पूरा किया। डॉ. धीरेन शाह और उनकी टीम ने अब तक 50 सफल हार्ट सर्जरी की है, जो चिकित्सा के क्षेत्र में उनकी उत्कृष्टता एवं सराहनीय प्रदर्शन की मिसाल है।

कोरोनरी आर्टरी डिजीज में


ट्रांसकैथेटर एंडोस्कोपिक कोरोनरी आर्टरी बाईपास टीईसीएबी सर्जरी, दरअसल कोरोनरी बाईपास सर्जरी करने का एक सफल तरीका है। कोरोनरी आर्टरी डिजीज सीएडी के इलाज के लिए इस सर्जरी का उपयोग किया जाता है, और इस प्रक्रिया में बेहद कम चीर-फाड़ की जरूरत होती है। जब प्लाक के निर्माण (एथेरोस्क्लेरोसिस) के कारण दिल को खून पहुंचाने वाली आर्टरीज सिकुड़ जाती है या उसमें रुकावट आ जाती है, तब सीएडी होता है। इसकी वजह से सीने में दर्द (ऐन्जाइन), दिल का दौरा या अन्य गंभीर समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। सामान्य तौर पर की जाने वाली कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्टिंग सर्जरी में छाती में बड़ा चीरा लगाया जाता है, लेकिन इसके विपरीत टीईसीएबी सर्जरी में पसलियों के बीच छोटा चीरा लगाया जाता है। इनमें से एक चीरे के माध्यम से एक खास तरह का एंडोस्कोप शरीर के अंदर डाला जाता है, जो एक पतली एवं लचीली ट्यूब है जिसमें कैमरा और लाइट लगा होता है। इससे सर्जरी वाले हिस्से को अच्छी तरह देख पाना संभव होता है। फिर बाईपास की प्रक्रिया पूरी करने के लिए दूसरे छोटे चीरों के माध्यम से उपकरण डाले जाते हैं।

एसएसआई मंत्रा नामक रोबोट का प्रयोग


77 साल के बुजुर्ग मरीज के मुख्य आर्टरी में 90% ब्लॉकेज था, और एसएसआई मंत्रा नामक भारत में बने रोबोट द्वारा अपनी तरह की पहली रोबोटिक टीईसीएबी बाईपास सर्जरी की गई। इस रोबोट का कॉन्सेप्ट और डिजाइन एक भारतीय सर्जन ने तैयार किया था। इसकी सोच दरअसल एसएसआई मंत्रा के सीईओ, डॉ. सुधीर श्रीवास्तव के दिमाग की उपज है, जिन्होंने दा विंची रोबोट की तर्ज पर ही रोबोट को डिजाइन किया है ताकि मरीज को बेहतर और उम्दा स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की जा सके। हार्ट एंड लंग्स ट्रांसप्लांट प्रोग्राम के डायरेक्टर, डॉ. धीरेन शाह कहते हैं,कार्डियक सर्जरी के क्षेत्र में रोबोटिक बाईपास सर्जरी एक बड़ी उपलब्धि है। रोबोटिक सिस्टम्स बेहद सटीक और कुशल होते हैं, जिससे हमें जटिल बाईपास प्रक्रियाओं को भी सटीकता और नियंत्रण के साथ पूरा करने में मदद मिलती है। इससे हमारे मरीज को भी संभावित तौर पर बेहतर परिणाम प्राप्त होते हैं। हालांकि इस सर्जरी के पारंपरिक तरीके भी बेहद कारगर साबित हुए हैं, लेकिन रोबोटिक्स जैसी नई टेक्नोलॉजी को अपनाने से हमें हार्ट सर्जरी को हर संभव तरीके से ज्यादा बेहतर बनाने में मदद मिली है। डॉ. सुधीर श्रीवास्तव, सीईओ– एसएसआई मंत्रा ने कहा, मंत्रा, यानी मंत्र एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ शक्ति होता है। एसएसआई मंत्रा को पूरी दुनिया के लिए एक भारतीय टीम द्वारा भारत में बनाया गया है, जिसे एक किफायती उपकरण के तौर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बदलाव लाने के लिए पेश किया गया है, जिसे अपनी काबिलियत और प्रभावशीलता के लिए जाना जाता है।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments