भोपाल। छात्रों में हमें उद्यमशीलता विकसित करने की आवश्यकता है और इस दिशा में सिस्टेक का यह एक बेहतरीन प्रयास है । एक्स्पो के सभी मॉडल अद्भुत हैं और वे टेक्नोक्रेट्स को भविष्य की तकनीक बनाने का अवसर प्रदान करते हैं। यह बात सागर इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी गांधी नगर ने अपने सिग्नेचर ईवेंट निर्माण-टेक स्किल एक्सपो के 12वें संस्करण में मुख्य अतिथि ख्य अतिथि आईआईएसईआर भोपाल के डायरेक्टर प्रोफेसर गोबर्धन दास ने कही। इस आयोजन में संपूर्ण भारत के टेक्नोक्रेट्स की उपस्थिति देखी गई, जिन्होंने उत्साहपूर्वक मॉडलों के साथ अपने तकनीकी कौशल का प्रदर्शन किया । टेक स्किल एक्सपो में 50 से अधिक संस्थानों के 1000 से अधिक नवोदित टेक्नोक्रेट्स ने विभिन्न विषयों पर आधुनिकीकरण का नेतृत्व करते हुए उसे तकनीकी नवाचारों का संगम बनाया । निर्माण 11 अलग-अलग विषयों व अग्रणी नवाचारों पर केंद्रित रही जिसमें छात्रों ने नवीन ऊर्जा, स्वच्छ और हरित प्रौद्योगिकी, कचरे का निपटान, आपदा प्रबंधन, स्मार्ट वाहन, स्मार्ट कृषि और ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य और चिकित्सा, स्मार्ट स्वचालन, रोबोटिक्स और ड्रोन, फिनटेक व विविध नवाचारिक थीम्स पर प्रौद्योगिकियों पर नवीन विचार और परियोजनाएं प्रस्तुत कीं और उत्कृष्टता से दर्शकों को आकर्षित किया। जजों के एक पैनल प्रत्येक परियोजना/प्रोजेक्ट को विजिट करेगा और उनका मूल्यांकन के साथ-साथ इनक्यूबेट करने के लिए मार्गदर्शन देगा। प्रत्येक उपरोक्त श्रेणियों में विजेताओं के लिए पुरस्कार के रूप में सीड मनी से विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा। टेक स्किल एक्सपो का उद्घाटन मु व गेस्ट- ऑफ- ऑनर डॉ. बी. एम. नांदेडे डायरेक्टर एसआरएफएमआईटीआई अनंतपुर, आंध्र प्रदेश ने सागर ग्रुप के मैंनेजिंग डायरेक्टर सिद्धार्थ अग्रवाल, डॉ. ज्योति देशमुख ग्रुप डायरेक्टर सिस्टेक और डॉ. डी.के. राजोरिया, प्रिंसिपल सिस्टेक गांधी नगर की उपस्थिति में किया। निर्माण टेक स्किल एक्सपो का उद्घाटन करते हुए अतिथि प्रोफेसर दास ने कहा कि,मैं सिस्टेक के निर्माण – टेक स्किल एक्सपो में भागीदार बनकर बहुत उत्साहित हूं।
स्टार्टअप के लिए एक मंच
सागर ग्रुप के मैंनेजिंग डायरेक्टर श्री सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि सिस्टेक निर्माण प्रतिभा दिखाने और स्टार्ट-अप के रूप में उद्यमिता कौशल विकसित करने के लिए महान संभावनाओं का एक मंच है। यह नवप्रवर्तन और राष्ट्र निर्माण के लिए रचनात्मक रूप से सोचने के लिए टेक्नोक्रेट्स के कौशल को बढ़ाता है।