Wednesday, August 6, 2025
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ओडिशा: नाबालिग का पार्थिव शरीर पहुंचा भुवनेश्वर, अंतिम विदाई आज

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नीमापाड़ा: ओडिशा में पुरी जिले के बलंगा में पिछले महीने 19 जुलाई को बदमाशों ने कथित तौर पर 15 साल की एक लड़की को आग के हवाले कर दिया था. जिसका शनिवार 2 अगस्त को निधन हो गया. जानकारी के मुताबिक रविवार देर रात पीड़िता का शव भुवनेश्वर पहुंचा. इसके बाद उसका शव गांव ले जाया गया. पूरा गांव गमगीन है.

वहीं, आज उसका रीति-रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार किया जाएगा. हवाई अड्डे पर राजनीतिक दलों के नेता भी मौजूद रहे. ओडिशा की उपमुख्यमंत्री प्रवती परिदा ने भी बलंगा पीड़िता को अंतिम श्रद्धांजलि अर्पित की. इस बीच, बीजू जनता दल (बीजद) के सांसद निरंजन बिशी ने इस घटना को लेकर ओडिशा सरकार की कड़ी आलोचना की और इसे कानून-व्यवस्था की गंभीर विफलता बताया. बीजद सांसद ने कहा कि यह ओडिशा राज्य में कानून-व्यवस्था की विफलता का मामला है. सरकार कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफल रही है. स्कूल और कॉलेजों के छात्र सुरक्षित नहीं हैं और ओडिशा के लोग राज्य में कानून-व्यवस्था की बहाली की मांग कर रहे हैं.

 

 

बिशी ने राज्य प्रशासन पर विपक्ष पर दोष मढ़कर ज़िम्मेदारी से बचने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि तो सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए कह रही है कि विपक्ष राजनीति कर रहा है. इससे पहले रविवार को ओडिशा के उपमुख्यमंत्री केवी सिंह देव ने विपक्ष से मामले का राजनीतिकरण नहीं करने को कहा. उन्होंने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने उन्हें बचाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए हैं. डिप्टी सीएम देव ने कहा कि मैं उनके परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं. राज्य सरकार ने सभी आवश्यक कदम उठाए. उन्हें दिल्ली एम्स भी भेजा गया था, लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं पाए. विपक्षी दलों को ऐसे मामलों का राजनीतिकरण करने से दूर रहना चाहिए. सरकार ने सभी आवश्यक कदम उठाए हैं, लेकिन दुर्भाग्य से उनकी जान नहीं बचाई जा सकी. उन्होंने कहा कि पीड़िता का परिवार भी सरकार के साथ खड़ा है.

डिप्टी सीएम ने कहा कि ऐसे मामलों में पीड़ित परिवार सरकार के साथ नहीं खड़ा होता, लेकिन परिवार सरकार के साथ है और वे कह रहे हैं कि सरकार ने अपना सर्वश्रेष्ठ किया है और वे इससे संतुष्ट हैं, इसलिए मामले में किसी तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप दुर्भाग्यपूर्ण है. पुलिस के अनुसार, नाबालिग लड़की अपने दोस्तों के साथ बाहर गई थी, लेकिन उसे कथित तौर पर बीच रास्ते से अगवा कर लिया गया और नदी के किनारे ले जाकर उसे आग लगा दी गई.

भस्म आरती के बाद महाकाल का राजसी रूप, सवारी में दिखेगा मध्यप्रदेश पर्यटन का वैभव

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उज्जैन: सावन महीने का आज चौथा व आखरी सोमवार है. विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल के धाम में रात 02:30 बजे पट खुलते ही भस्म आरती के लिए भक्तों का जनसैलाब उमड़ने लगा. जय श्री महाकाल के जयकारों से मंदिर परिसर गूंज उठा. विश्व में एक मात्र "दक्षिण मुखी श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की भस्म आरती खास मानी जाती है. भस्म आरती के बाद बाबा का राजा स्वरूप में श्रृंगार किया गया. वहीं सावन के आखिरी सोमवार पर कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय उज्जैन पहुंचे और महाकाल का आशीर्वाद लिया.

तड़के 2:30 बजे खुले बाबा के पट

मंदिर के आशीष पुजारी ने बताया कि सावन के चौथे सोमवार को तड़के 2:30 बजे महाकाल मंदिर के पट खोले गए. सावन में सोमवार के अलावा दूसरे दिन पट सुबह 3 बजे खोले जाते हैं. जबकि सामान्य दिनों में सुबह 4 बजे बाबा के पट खुलते हैं. पुजारी ने बताया कि भगवान के गणों के पूजन के बाद शिव परिवार का पूजन हुआ. भगवान पर हरि ॐ जल अर्पण कर ध्यान, आव्हान कर भगवान का पंचाभिषेक किया गया. भस्म आरती के बाद बाबा को रजत मुकुट आभूषण, वस्त्र धारण करवाए गए.

रात तक होंगे बाबा महाकाल के दर्शन

भगवान ने दिव्य स्वरूप में निराकार से साकार रूप में भक्तों को दर्शन दिए. आशीष पुजारी ने कहा शिव के दर्शन करने से अनेक पापों का नाश होता है. साथ ही इस माह में जो भी भक्त शिव को जलधारा, दुग्ध धारा व बैल पत्र चढ़ाता है, तो उसके कई जन्मों के पाप का विनाश होता है. दर्शन का क्रम अल सुबह से शुरू हुआ जो रात 10:30 शयन आरती तक जारी रहेगा.

कैलाश विजयवर्गीय ने किए महाकाल के दर्शन

वहीं मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ व अन्य जगह सावन के सोमवार पूरे हो गए हैं. इस बार हमारे यहां सावन में 4 सोमवार थे. हर सोमवार को बाबा की सवारी निकाली गई. भादौ महीने में भी दो सवारी रहेगी. कैबिनेट मंत्री ने बताया कि हमारे सावन के चारों सोमवार हो गए, लेकिन महाराष्ट्र और गुजरात के दो सोमवार हो गए हैं दो और बाकी है. इससे उम्मीद है कि मध्य प्रदेश की भीड़ मंदिर में आज के बाद से शायद कम हो और महाराष्ट्र-गुजरात की भीड़ बढ़ सकती है. इस दौरान कैलाश विजयवर्गीय ने मंदिर प्रशासन की तारीफ की.

क्या कुछ और रहेगा आज खास?

सोमवार शाम 04 बजे महाकाल नगर भ्रमण पर निकलेंगे. आज लोक नृत्य कलाकारों के साथ मध्य प्रदेश के चार पर्यटन की झांकिया विशेष होगी. साथ ही अब भादौ महीने की दो और सवारी बाबा महाकाल की निकलना है. एक 11 अगस्त को पांचवी व 18 अगस्त को अंतिम एवं राजसी सवारी.

रूस के पास महासागरों में अमेरिका से ज्यादा परमाणु पनडुब्बियां तैनात

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मॉस्को। रूसी सांसद ने दावा किया है कि रूस के पास वर्तमान में दुनिया के महासागरों में अमेरिका से ज्यादा परमाणु पनडुब्बियां तैनात हैं। यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस टिप्पणी के जवाब में आया है, जिसमें उन्होंने दो परमाणु पनडुब्बियों को उपयुक्त क्षेत्रों में भेजने की बात कही थी। ट्रंप का यह बयान पूर्व रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेदवेदेव की टिप्पणी के बाद आया था। प्रवासी संबंध समिति के उपाध्यक्ष ने कहा कि ट्रंप ने जिन जहाजों को उपयुक्त क्षेत्रों में भेजने का आदेश दिया, वे पहले से ही नियंत्रण में हैं। मॉस्को को ट्रंप की बातों पर प्रतिक्रिया देने की कोई जरूरत नहीं है।
मीडिया रिपोर्ट में वोडोलात्स्की के हवाले से कहा है कि दुनिया के महासागरों में हमारी (न्यूक्लियर) पनडुब्बियां काफी ज्यादा हैं, सबसे मजबूत, सबसे शक्तिशाली हथियार हैं। इसलिए ट्रंप की दो नाव अगर घूम भी रही हैं, तो वह लंबे समय से हमारी निगरानी में हैं। हम अच्छी तरह समझते हैं कि ट्रंप कौन हैं। बीते कुछ महीनों में यह साफ हो गया है कि वह हर 24 घंटे में अपने बयान बदलते रहते हैं। 
पूर्व रूसी राष्ट्रपति और वर्तमान में रूसी संघ की सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दिमित्री मेदवेदेव के बयान के बाद ट्रंप ने ट्रुथ पर लिखा- दिमित्री मेदवेदेव के भड़काऊ बयानों को मद्देनजर रखते हुए, मैंने दो परमाणु पनडुब्बियों को उपयुक्त क्षेत्रों में तैनात करने का आदेश दिया है। एहतियात के तौर पर इस स्थिति में यह मूर्खतापूर्ण और भड़काऊ बयान सिर्फ शब्द न होकर कुछ और साबित हों। शब्द बहुत अहम होते हैं। यह कई बार अनचाहे परिणामों की ओर ले जा सकते हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि यह ऐसा कोई मामला नहीं बनेगा। इस विषय पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद।
हालांकि, ट्रंप ने यह साफ नहीं कहा कि कौन-सी पनडुब्बियां भेजी गई हैं, या उन्हें कहां तैनात किया गया है। इस बीच वोडोलात्स्की ने कहा कि अमेरिका के लिए यह कहीं अधिक तर्कसंगत होगा कि वह वर्तमान प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करे, जिनमें रूस-अमेरिका वार्ताकार समूहों का गठन और दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों की आपसी यात्राएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इसके साथ-साथ एक मुख्य समझौते को अंतिम रूप देने की दिशा में काम होना चाहिए, जिसे रूस और अमेरिका के बीच संपन्न किया जाए, ताकि पूरी दुनिया में शांति कायम हो सके और तीसरे विश्व युद्ध की आशंका पर बातें करना बंद कर दे। 
बता दें यह विवाद तब शुरू हुआ जब इस हफ्ते की शुरुआत में मेदवेदेव ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ट्रंप का हर नया अल्टीमेटम अमेरिका और रूस के बीच एक खतरा और युद्ध की ओर एक कदम है। मेदवेदेव की यह टिप्पणियां ट्रंप की ओर से रूस और यूक्रेन के बीच संघर्षविराम की समयसीमा को 50 दिनों से घटाकर 10 दिन करने के जवाब में आई थी। यह नई डेडलाइन अगले हफ्ते खत्म हो रही है। एक्स पर मेदवेदेव ने लिखा- ट्रंप रूस के साथ अल्टीमेटम वाला खेल खेल रहे हैं। 50 दिन या 10… उन्हें दो बातें याद रखनी चाहिए। पहली बात रूस न तो इजराइल है और न ही ईरान। दूसरी बात, हर नया अल्टीमेटम एक धमकी है और युद्ध की ओर एक और कदम। यूक्रेन से नहीं, बल्कि उनके अपने देश से युद्ध की ओर।

SIR पर आज हंगामे के आसार, विपक्ष के विरोध के बीच केंद्र दो विधेयकों को पास कराने के मूड में

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नई दिल्ली: मानसून सत्र के दौरान संसद में लगातार गतिरोध के बीच केंद्र सरकार सोमवार को लोकसभा में दो अहम विधेयकों राष्ट्रीय खेल संचालन विधेयक और राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग (संशोधन) विधेयक को पारित कराने की कोशिश कर सकती है। विपक्ष की तरफ से बिहार में चल रही विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया पर चर्चा की मांग को सरकार की ओर से मंजूरी नहीं मिलने के कारण संसद में हंगामा जारी है। इस मुद्दे पर संसद की कार्यवाही बार-बार स्थगित हो रही है। विपक्षी दलों का आरोप है कि निर्वाचन आयोग (ईसी) की यह प्रक्रिया विपक्ष समर्थक मतदाताओं के नाम सूची से हटाने और एनडीए (भाजपा गठबंधन) के पक्ष में चुनावी फायदा पहुंचाने के लिए की जा रही है।

वहीं, निर्वाचन आयोग का कहना है कि यह प्रक्रिया देशभर में लागू की जाएगी, ताकि केवल योग्य मतदाता ही वोट डाल सकें और मतदाता सूची की विश्वसनीयता बनी रहे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे ‘वोट चोरी’करार दिया है। ईसी ने शनिवार को उनके आरोपों को बेबुनियाद, बिना सबूत और भ्रामक बताया।

संसद में अब तक सिर्फ आतंकी हमले, आपरेशन सिंदूर पर चर्चा

21 जुलाई से शुरू हुए मानसून सत्र में अब तक संसद की कार्यवाही लगभग ठप रही है। केवल पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर जैसे मुद्दों पर ही दोनों सदनों में दो दिन तक चर्चा हो सकी। सरकार के एक वरिष्ठ सूत्र के मुताबिक, अगर विपक्ष का विरोध जारी रहता है तो सरकार हंगामे के बीच ही विधेयकों को पारित कराने की दिशा में आगे बढ़ेगी।

एसआईआर चुनाव आयोग का प्रशासनिक कार्य

संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा है कि एसआईआर चुनाव आयोग का प्रशासनिक कार्य है और संविधान के मुताबिक, संसद को ईसी की कार्यप्रणाली पर चर्चा करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष बलराम जाखड़ का हवाला देते हुए कहा कि संवैधानिक संस्थाओं की कार्यप्रणाली पर संसद में बहस नहीं हो सकती। रिजिजू ने कहा कि अगर संसद में चर्चा होती है, तो आमतौर पर संबंधित मंत्री जवाब देते हैं। लेकिन ईसी एक स्वायत्त संवैधानिक संस्था है, उसका कोई मंत्री नहीं होता।

अमरेली में शेरनी की संदिग्ध मौत, लोगों में आक्रोश, वन अफसरों ने किया दौरा

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जूनागढ़ (गुजरात) : अमरेली जिले के मंदारडी गांव में आज एक और शेरनी की संदिग्ध मौत से स्थानीय लोगों में वन विभाग के प्रति आक्रोश है. वन विभाग से जांच का आग्रह किया है कि क्या इन मौतों की वजह कोई गंभीर वायरस का प्रकोप तो नहीं है.

वहीं मामले की जानकारी मिलते ही मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जयपाल सिंह सहित राज्य वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने जाफराबाद रेंज में शेरों की मौत के कारणों की जांच के लिए झांझरदा पशु देखभाल केंद्र का दौरा किया. हालांकि शव को पोस्टमार्टम के लिए बाबरकोट पशु केंद्र ले जाया गया, जहां पुष्टि हुई कि शेरनी की मौत प्राकृतिक कारणों से हुई बताई गई.

वन विभाग के दावों के बीच शेरनी की मौत
शेत्रुंजी रेंज के जाफराबाद और राजुला इलाकों में पिछले एक हफ्ते से शेर के शावकों की मौत को लेकर काफी चर्चा थी. इस बीच आज एक और शेरनी की संदिग्ध मौत से मामला और भी गरमा गया है. इसी क्रम में गिर पूर्व और गिर पश्चिम के अधिकारियों सहित वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी आज झांझरदा पशु देखभाल केंद्र पहुंचे. उन्होंने उपचाराधीन शेर शावकों और शेरनियों की जांच की. वन विभाग की एक टीम शेर के शावकों की मौत की जांच के लिए झांझरदा पहुंच गई थी, लेकिन मंदारडी गांव से एक और शेरनी की मौत की खबर ने मामले को और पेचीदा बना दिया है.

दो विधायकों ने वन मंत्री को लिखा पत्र
वन विभाग इन मौतों को प्राकृतिक या सामान्य बता रहा है, लेकिन अधिकारियों की आवाजाही संदेह बढ़ा रही है. दो दिन पहले, राजुला विधायक हीराभाई सोलंकी ने राज्य के वन मंत्री को पत्र लिखकर वन विभाग की कार्यप्रणाली पर संदेह जताया था. आज, धारी विधायक जे.वी. काकड़िया ने भी वन मंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि शेरों की मौत किसी बीमारी के कारण हुई है, जो वन विभाग के दावे को चुनौती देता है.

कुछ दिन पहले शावकों की मौत निमोनिया से हुई -मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक
राज्य वन विभाग के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जयपाल सिंह ने बाबरकोट पशु देखभाल केंद्र के पास मीडिया को बताया कि पिछले कुछ दिनों में शेर के शावकों की मौत की खबरें आई हैं और यह स्पष्ट है कि उनकी मौत निमोनिया के कारण हुई है. आज हुई शेरनी की मौत के बारे में उन्होंने कहा कि वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी इस दिशा में जांच कर रहे हैं.

एक ओर राज्य के वन मंत्री शेर के बच्चों और शेरनियों को आइसोलेट करने की बात कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर विधायक गंभीर आरोप लगा रहे हैं कि मौतें किसी संदिग्ध वायरस के कारण हुई हैं. वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शेरों की मौत का कारण निमोनिया बता रहे हैं, लेकिन गिर क्षेत्र में शेरों के स्वास्थ्य को लेकर उठ रहे संदेह ने विवाद को और गहरा कर दिया है.

क्या केले और नारियल पवित्र फल हैं?… आखिर भगवान को केवल ये दो ही फल क्यों चढ़ाए जाते हैं!

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हिंदू परंपरा में, भगवान और मंदिर को भक्ति और सम्मान का प्रतीक माना जाता है. कई लोग अपने इष्ट देवों के दर्शन करने के लिए मंदिर जाते हैं. वे भगवान से मनोकामनाएं और मन्नतें मांगते हैं. मनोकामना पूरी होने के बाद, भगवान के दोबारा दर्शन कर धन्यवाद करते हैं. ऐसी यात्राओं के दौरान, कई लोग मंदिर में नारियल और केले चढ़ाते हैं. आखिर मंदिर में सबसे ज्यादा नारियल और केला ही क्यों अर्पित किया जाता है. अन्य फल बीजों द्वारा प्रजनन करते हैं. यदि जानवरों, पक्षियों या मनुष्यों द्वारा खाए जाने के बाद बीज गिर जाते हैं, तो उस बीज से एक नया पौधा उगता है. इसलिए, फलों में पिछली इच्छा के अंश, अन्य जीवों के अवशेष हो सकते हैं लेकिन नारियल और केले इस तरह प्रजनन नहीं करते. ये अपने आप में पूर्ण ज्ञान से युक्त फल हैं. इसीलिए इन्हें पवित्र माना जाता है.

आत्म समर्पण को दर्शाता है नारियल
नारियल को फोड़ने से अहंकार का नाश होता है, इसका कठिन आवरण हमारे अहं को दर्शाता है, जिसे तोड़कर हम आत्म समर्पण करते हैं. यह संस्कारिक दृष्टि से पूजा में स्वयं को समर्पित करने का संकेत है. इसके अंदर का सफेद हृदय हमारे मन का प्रतिबिंब है. नारियल का पानी हमारे भीतर के प्रेम और भक्ति के साथ प्रवाहित होता रहता है.

लक्ष्मीजी को प्रसन्न करने के लिए चढ़ाया जाता है नारियल
नारियल को श्रीफल कहा गया है. यह धन, ऐश्वर्य और समृद्धि की देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए चढ़ाया जाता है. यह फल तीन आंखों वाला होता है, जो त्रिनेत्र शिवजी का भी प्रतीक है. नारियल की तीन आंखें, भूतकाल के लिए, दूसरी वर्तमान के लिए और तीसरी भविष्य को दर्शाती हैं. इन तीन आंख को शरीर का प्रतीक भी माना जाता है – स्थूल, सूक्ष्म और कारण शरीर. अगर नारियल को मिट्टी में गाड़ दिया जाए, तो वह एक पेड़ बन जाता है. यह जीवन चक्र की एक सुंदर शिक्षा है.

त्याग को दर्शाता है केला
नारियल के अलावा केला भी बहुत खास फल है. अगर आप केला खाकर उसका छिलका फेंक दें, तो उसमें से कोई नया पौधा नहीं निकलेगा. केले के पेड़ के तने से नई कोंपलें निकलेंगी. केले का पेड़ जीवन में सिर्फ एक बार फल देता है. लेकिन अंत में वह मर जाता है और अपनी जगह उससे उगी नई कोंपलों को दे देता है. यह त्याग और जीवन के सद्गुण का एक बेहतरीन उदाहरण है.
केले का हर भाग पवित्र
ब्रह्मवैवर्त पुराण एवं तंत्र साहित्य में वर्णन मिलता है कि विष्णु जी एवं लक्ष्मी जी को केले के वृक्ष की पूजा और केले के फल का अर्पण विशेष रूप से प्रिय है. लक्ष्मी पूजन में केले के पत्तों और फलों का उपयोग अत्यंत शुभ माना गया है. सत्यनारायण की कथा में केला के फल का भोग और केले के पेड़ की पत्तियों का प्रयोग किया जाता है.

इसलिए नारियल और केले का होता है प्रयोग
यह जानकर, हमें यह स्पष्ट हो जाता है कि भगवान को नारियल और केले क्यों चढ़ाए जाते हैं. ये शुद्ध फल माने जाते हैं, पूरी तरह से तैयार और अन्य जीवों के प्रभाव से मुक्त. इसलिए, जब भी कोई भगवान के सान्निध्य में जाता है, तो इन्हें ग्रहण करना न केवल एक परंपरा है, बल्कि एक आध्यात्मिक प्रक्रिया भी है.

बरसती रहेगी कान्हा की कृपा…जन्माष्टमी से पहले घर ले आएं ये शुभ चीजें

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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के अवतार हैं. भादो मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है. इस दिन लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यता है कि भाद्रपद माह के अष्टमी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण का अवतरण हुआ था. कई चीज ऐसी हैं, जो भगवान श्रीकृष्ण को बेहद प्रिय हैं. माना जाता है कि अगर ऐसी चीजों को घर में रखें, तो उस घर में कान्हा का साक्षात वास होता है. अगर इस साल जन्माष्टमी से पहले आप अपने घर में कुछ वस्तुएं ले आते हैं, तो आपका जीवन खुशहाली से भर जाएगा और घर में सुख-समृद्धि की वृद्धि होगी. ये चीजें क्या हैं

भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 15 अगस्त को रात 11 बजकर 49 मिनट के लगभग प्रारंभ होगी और 16 अगस्त को रात 09 बजकर 34 मिनट पर समाप्त होगी. इस बार गृहस्थों की जन्माष्टमी 15 अगस्त और वैष्णव की जन्माष्टमी 16 अगस्त को मनाई जाएगी. जन्माष्टमी से पहले आपको क्या अपने घर लाना है, जान लीजिए:
लड्डू गोपाल- अगर आप इस साल लड्डू गोपाल की मूर्ति की स्थापना करना चाहते हैं, तो जन्माष्टमी का दिन इसके लिए सबसे शुभ है. अपनी इच्छा और पसंद के हिसाब से आप लड्डू गोपाल के साइज का चयन कर सकते हैं. जन्माष्टमी वाले दिन लड्डू गोपाल को स्नान करवाने के बाद उनकी पसंदीदा चीजों का भोग जरूर लगाएं. इसके बाद उन्हें झूले पर जरूर बैठाएं.

बांसुरी- भगवान श्रीकृष्ण को बांसुरी अति प्रिय है. अगर घर में जन्माष्टमी से पहले बांसुरी लाकर रख देते हैं, तो घर में कभी भी पारिवारिक कलह नहीं होगी.
मोर पंख- श्रीकृष्ण भगवान को मोर पंख अति प्रिय है. शायद ही आपको बिना मोर पंख के कान्हा की कोई तस्वीर देखने को मिलेगी, इसलिए जन्माष्टमी से पहले एक मोर पंख घर के पूजा स्थल पर अवश्य रख लें. इससे घर में हमेशा धन की बढ़ोतरी होगी और परिवार में शांति का माहौल रहेगा.

कामधेनु- जन्माष्टमी के दिन या उससे पहले गाय और बछड़े की मूर्ति अवश्य खरीद लें. इसे कामधेनु गाय का प्रतीक माना जाता है. यह समुद्र मंथन के दौरान निकले 14 रत्नों में से एक है. इस मूर्ति को खरीदकर अगर आप अपने पूजा स्थल पर रख लेते हैं, तो घर में संतान सुख की प्राप्ति होगी. वहीं मानसिक और शारीरिक तनाव से मुक्ति मिलेगी.
माखन और मिश्री- माखन और मिश्री के बिना तो जन्माष्टमी की कल्पना भी नहीं की जा सकती है. भगवान श्रीकृष्ण को मक्खन-मिश्री काफी पसंद है. जन्माष्टमी से पहले इसे घर में ले आएं और जन्मोत्सव पर कान्हा को भोग लगाएं.

सावन में करें शिव के 108 नामों का जाप, हर इच्छा होगी पूरी और मन को मिलेगी शांति, जानें कब और कैसे करें जप?

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सावन का महीना हिन्दू धर्म में सबसे पवित्र समयों में से एक माना जाता है. यह महीना पूरी तरह से भगवान शिव को समर्पित होता है. हर साल जब सावन आता है, तो भक्तों के मन में भक्ति और आस्था की लहर दौड़ जाती है. इस साल सावन 11 जुलाई से शुरू हुआ है और 9 अगस्त तक रहेगा. इस दौरान हर सोमवार का विशेष महत्व होता है जिसे श्रावण सोमवार कहते हैं. इस समय में भक्त उपवास रखते हैं, मंदिरों में जाकर जल अर्पित करते हैं और ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप करते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भगवान शिव के 108 नामों का जाप भी विशेष फलदायी माना गया है? इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं

क्यों करें शिव जी के 108 नामों का जाप?
भक्तों की मान्यता है कि शिव जी के 108 नामों का जाप करने से मन शांत होता है, मनचाही इच्छाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है. यह जाप विशेष रूप से तब फल देता है जब इसे पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ सावन के महीने में किया जाए.
108 संख्या का विशेष महत्व है. यह सिर्फ एक संख्या नहीं बल्कि एक आध्यात्मिक ऊर्जा का प्रतीक है. हमारे शरीर में 108 ऊर्जा केंद्र माने जाते हैं, और शिव जी के इन नामों से इन सभी केंद्रों को सक्रिय किया जा सकता है.

कौन कर सकता है यह जाप?
-कोई भी महिला या पुरुष, उम्र की कोई सीमा नहीं.
-विवाह योग्य कन्याएं सोमवार का व्रत रखकर इन नामों का जाप करें तो उन्हें योग्य जीवनसाथी मिलने की संभावना बढ़ती है.
-जो लोग मानसिक तनाव या किसी बड़ी परेशानी से जूझ रहे हैं, उन्हें ये नाम मानसिक शांति प्रदान कर सकते हैं.

जाप करने का सही तरीका
1. सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें.
2. भगवान शिव की प्रतिमा या चित्र के सामने बैठें.
3. एक रुद्राक्ष की माला लें और हर माला में 108 बार नामों का जाप करें.
4. अगर माला न हो तो मन ही मन श्रद्धा से नाम पढ़ें या बोलें.
5. जल, बेलपत्र, धतूरा और दूध से शिवलिंग का पूजन करें.

कब और कहां करें?
-सुबह का समय सर्वोत्तम माना गया है.
-घर में पूजा स्थल या किसी मंदिर में बैठकर जाप करें.
-यदि संभव न हो तो यात्रा या कार्यस्थल पर भी मन ही मन ये नाम लिए जा सकते हैं.

भगवान शिव के 108 नाम
ॐ भोलेनाथ नमः
ॐ कैलाश पति नमः
ॐ भूतनाथ नमः
ॐ नंदराज नमः
ॐ नन्दी की सवारी नमः
ॐ ज्योतिलिंग नमः
ॐ महाकाल नमः
ॐ रुद्रनाथ नमः
ॐ भीमशंकर नमः
ॐ नटराज नमः
ॐ प्रलेयन्कार नमः
ॐ चंद्रमोली नमः
ॐ डमरूधारी नमः
ॐ चंद्रधारी नमः
ॐ मलिकार्जुन नमः
ॐ भीमेश्वर नमः
ॐ विषधारी नमः
ॐ बम भोले नमः
ॐ ओंकार स्वामी नमः
ॐ ओंकारेश्वर नमः
ॐ शंकर त्रिशूलधारी नमः
ॐ विश्वनाथ नमः
ॐ अनादिदेव नमः
ॐ उमापति नमः
ॐ गोरापति नमः
ॐ गणपिता नमः
ॐ भोले बाबा नमः
ॐ शिवजी नमः
ॐ शम्भु नमः
ॐ नीलकंठ नमः
ॐ महाकालेश्वर नमः
ॐ त्रिपुरारी नमः
ॐ त्रिलोकनाथ नमः
ॐ त्रिनेत्रधारी नमः
ॐ बर्फानी बाबा नमः
ॐ जगतपिता नमः
ॐ मृत्युन्जन नमः
ॐ नागधारी नमः
ॐ रामेश्वर नमः
ॐ लंकेश्वर नमः
ॐ अमरनाथ नमः
ॐ केदारनाथ नमः
ॐ मंगलेश्वर नमः
ॐ अर्धनारीश्वर नमः
ॐ नागार्जुन नमः
ॐ जटाधारी नमः
ॐ नीलेश्वर नमः
ॐ गलसर्पमाला नमः
ॐ दीनानाथ नमः
ॐ सोमनाथ नमः
ॐ जोगी नमः
ॐ भंडारी बाबा नमः
ॐ बमलेहरी नमः
ॐ गोरीशंकर नमः
ॐ शिवाकांत नमः
ॐ महेश्वराए नमः
ॐ महेश नमः
ॐ ओलोकानाथ नमः
ॐ आदिनाथ नमः
ॐ देवदेवेश्वर नमः
ॐ प्राणनाथ नमः
ॐ शिवम् नमः
ॐ महादानी नमः
ॐ शिवदानी नमः
ॐ संकटहारी नमः
ॐ महेश्वर नमः
ॐ रुंडमालाधारी नमः
ॐ जगपालनकर्ता नमः
ॐ पशुपति नमः
ॐ संगमेश्वर नमः
ॐ दक्षेश्वर नमः
ॐ घ्रेनश्वर नमः
ॐ मणिमहेश नमः
ॐ अनादी नमः
ॐ अमर नमः
ॐ आशुतोष महाराज नमः
ॐ विलवकेश्वर नमः
ॐ अचलेश्वर नमः
ॐ अभयंकर नमः
ॐ पातालेश्वर नमः
ॐ धूधेश्वर नमः
ॐ सर्पधारी नमः
ॐ त्रिलोकिनरेश नमः
ॐ हठ योगी नमः
ॐ विश्लेश्वर नमः
ॐ नागाधिराज नमः
ॐ सर्वेश्वर नमः
ॐ उमाकांत नमः
ॐ बाबा चंद्रेश्वर नमः
ॐ त्रिकालदर्शी नमः
ॐ त्रिलोकी स्वामी नमः
ॐ महादेव नमः
ॐ गढ़शंकर नमः
ॐ मुक्तेश्वर नमः
ॐ नटेषर नमः
ॐ गिरजापति नमः
ॐ भद्रेश्वर नमः
ॐ त्रिपुनाशक नमः
ॐ निर्जेश्वर नमः
ॐ किरातेश्वर नमः
ॐ जागेश्वर नमः
ॐ अबधूतपति नमः
ॐ भीलपति नमः
ॐ जितनाथ नमः
ॐ वृषेश्वर नमः
ॐ भूतेश्वर नमः
ॐ बैजूनाथ नमः
ॐ नागेश्वर नमः

पैसे की तंगी से छुटकारा चाहिए? घर की तिजोरी मालामाल करने वाला उपाय, जिसे करना है बेहद आसान और असरदार

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हर इंसान चाहता है कि उसके घर में पैसों की कभी कमी न हो और तिजोरी हमेशा भरी रहे, लेकिन कई बार मेहनत करने के बाद भी मनचाही आर्थिक तरक्की नहीं हो पाती. ऐसे में लोग तरह-तरह के उपाय आजमाते हैं ताकि पैसा टिके और बढ़े. आज हम आपके लिए एक ऐसा बेहद आसान और असरदार उपाय लेकर आए हैं, जिसे करने से आपके घर की तिजोरी हमेशा मालामाल रह सकती है. यह उपाय इतना खास है कि अगर इसे सही तरीके से कर लिया जाए तो आपके घर में कैश फ्लो इतना बढ़ जाएगा कि आपको पैसों को रखने के लिए नई तिजोरी तक खरीदनी पड़ सकती है. इसमें ज्यादा खर्च भी नहीं है और इसे कोई भी व्यक्ति घर पर कर सकता है. आइए जानते हैं इस उपाय को करने का सही तरीका और इसके फायदे. इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं

तिजोरी किस दिशा में होनी चाहिए
सबसे पहले यह समझ लें कि घर की तिजोरी का मुंह किस दिशा में होना चाहिए. वास्तु शास्त्र के अनुसार अगर तिजोरी का दरवाजा पश्चिम दिशा की ओर खुलता है तो यह बहुत शुभ माना जाता है. इसका मतलब यह है कि जब आप तिजोरी खोलें तो आपका चेहरा पूरब दिशा की ओर होना चाहिए. यह स्थिति धन स्थिरता और तरक्की के लिए बेहद शुभ मानी जाती है, अगर आपकी तिजोरी का मुंह किसी दूसरी दिशा में है तो कोशिश करें कि उसे पश्चिम की ओर खुलने की व्यवस्था करें.

तिजोरी में रखिए पांच तेज पत्ते
अब बात करते हैं इस खास उपाय की. आपको पांच तेज पत्ते लेने हैं. ध्यान रहे कि इन पत्तों में से कोई भी फटा हुआ या खंडित नहीं होना चाहिए. इन पत्तों को नीले रंग के कपड़े में अच्छे से लपेटें और उस पर सुगंधित इत्र छिड़क दें. इसके बाद इस बंडल को अपनी तिजोरी में रख दें.
कब और कैसे करें यह उपाय
इस उपाय को करने का सबसे शुभ समय शनिवार को सूर्योदय के समय या शनिवार की अमावस्या माना गया है. इस समय शनि की विशेष ऊर्जा सक्रिय होती है और धन वृद्धि में मदद करती है. इसलिए तय दिन पर सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और शुद्ध मन से यह उपाय करें. नीले कपड़े में लिपटे तेज पत्तों के बंडल को अपनी तिजोरी में रखते समय भगवान शनि से प्रार्थना जरूर करें कि आपके घर में सुख-समृद्धि और धन की बरकत बनी रहे.

फायदा क्या मिलेगा?
अगर यह उपाय सही समय और तरीके से किया जाए तो आपके घर में पैसों का प्रवाह बढ़ सकता है. आपकी तिजोरी कभी खाली नहीं होगी और आप आर्थिक रूप से मजबूत हो सकते हैं. इस उपाय का असर जल्दी दिख सकता है, इसलिए मन में विश्वास रखना बहुत जरूरी है.

ध्यान रखने वाली बातें
1. पत्ते बिल्कुल सही और बिना टूटे हुए हों.
2. नीले रंग का कपड़ा साफ और नया हो.
3. इत्र की खुशबू अच्छी होनी चाहिए ताकि सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे.
4. तिजोरी को हमेशा साफ-सुथरा रखें और उसमें बेकार सामान न रखें.

राशिफल: जानिए, कैसा रहेगा आपका आज का दिन ( 04 अगस्त 2025)

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  • मेष राशि :- उदर रोग, मित्र लाभ, राजभय, दाम्पत्य जीवन पूर्ण संतोषजनक स्थिति बनेंगी।
  • वृष राशि :- शत्रुभय, शुभ मंगल कार्य, विशेष मामले-मुकदमे में प्राय: जीत अवश्य होगी।
  • मिथुन राशि :- कुसंग से हानि, रोगभय, यात्रा, उद्योग-व्यापार की स्थिति लाभ-हानि की रहेगी।
  • कर्क राशि :- पराक्रम से कार्य सिद्ध, व्यापार लाभ, खेती एवं गृहकार्य में व्यवस्था बनी रहेगी।
  • सिंह राशि :- आशानुकूल सफलता से हर्ष होगा, स्थिति में सुधार अवश्य होगा, कार्य बनेंगे।
  • कन्या राशि :- धन का व्यर्थ व्यय, कार्य में हानि, हस्तक्षेप से दूसरों से तनावपूर्ण अवश्य बनेगा।
  • तुला राशि :- कार्यगति अनुकूल रहेगी, आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा, मित्रों से सहयोग मिलेगा।
  • वृश्चिक राशि :- सामाजिक कार्य में प्रतिष्ठा व प्रभुत्व वृद्धि एवं कार्य कुशलता से संतोष होगा।
  • धनु राशि :- कार्य योजना फलीभूत होगी, कार्य कुशलता से हर्ष, रुके कार्य अवश्य ही बनेंगे।
  • मकर राशि :- अधिकारियों के सम्पर्क से बचें, तनाव, क्लेश व अशांति बेचैनी अवश्य बनेगी।
  • कुंभ राशि :- उद्विघ्नता व असमंजस का वातावरण मन को क्लेशयुक्त बना ही रहेगा।
  • मीन राशि :- बिगड़े हुये कार्य बनेंगे, योजनायें फलीभूत होंगी, सफलता के साधन अवश्य ही जुटायेंगे।
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