आदि कर्मयोगी अभियान जनजातीय विकास में मील का पत्थर साबित होगा: प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा

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रायपुर :  ट्राईफेड, जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार के मैनेजिंग डायरेक्टर हिरदेश कुमार ने आज मंत्रालय (महानदी भवन) में छत्तीसगढ़ में संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर आदि कर्मयोगी अभियान की तैयारियों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने प्रदेश में जनजातीय कल्याण के लिए केन्द्र प्रवर्तित पीएम जनमन योजना, धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान एवं धरती आबा जनभागीदारी अभियान के तहत किए जाने रहे कार्यों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि इन सभी योजनाओं के माध्यम से जनजातीय कल्याण की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति संभव हुई है। ऐसे दुर्गम जनजातीय ग्राम जहां पर अब तक पक्की सड़कें नहीं थी, वहां पर संबंधित विभाग के सहयोग से पक्की बारहमासी सड़कों का निर्माण संभव हुआ है। इसी प्रकार स्वच्छ पेयजल, बिजली, स्वास्थ्य केन्द्रों का विकास, मोबाइल मेडिकल यूनिट, आंगनबाड़ी, राशन कार्ड, जाति प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड एवं अन्य सुविधाएं उस क्षेत्र तक संबधित विभागों के माध्यम से पहुंचाना संभव हुआ है।

प्रमुख सचिव बोरा ने कहा कि आदि कर्मयोगी अभियान में उत्तरदायी शासन की संकल्पना के अंतर्गत प्रदेश में व्यापक अभियान चलाकर इसे सफल बनाया जाएगा। बोरा द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य गठन के बाद राज्य के विकास एवं प्रमुख चुनौतियों के संबंध में तैयार की गई ‘जनरपट’ का भी विशेष रूप से उल्लेख करते हुए यूनाइटेड नेशन द्वारा रिपोर्ट की सराहना की बात बतायी गयी।

उल्लेखनीय है कि इस अभियान का नोडल आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग है। आयुक्त, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग डॉ. सारांश मित्तर इस अभियान के मुख्य नोडल अधिकारी हैं जबकि संयुक्त सचिव बी.के. राजपूत एवं अपर संचालक सजय गौड़ इसमें सहायक नोडल अधिकारी हैं। जबकि अन्य 17 विभाग भी इसमें सहयोग प्रदान कर रहे हैं। आदि कर्मयोगी अभियान के माध्यम से पूर्व के अभियानों में प्रदान की गई सेवाओं-कार्यों की निरंतरता को बनाए रखना है, ताकि जनजातीय ग्रामों में कोई भी गैप की स्थिति उत्पन्न ना हो और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशानुसार इस अभियान के द्वारा देश के 1 लाख गांवों से 20 लाख वालेंटियर तैयार किया जा सके।

बैठक में बोरा ने बताया कि आदि कर्मयोगी, ब्लॉक स्तर पर आदि सहयोगी तथा आदि साथी के नाम से जाने जाएंगे, इसमें छत्तीसगढ़ जैसे जनजाति बाहुल्य राज्य की प्रमुख भूमिका होगी। अतः योजना का जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन भली-भांति हो, इस पर विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।

इस योजना अंतर्गत, राष्ट्रीय स्तर पर तैयार मास्टर ट्रेनर्स राज्य स्तर पर मास्टर ट्रेनर्स को तैयार करेंगे। यही मास्टर ट्रेनर्स जिला स्तर पर जाकर कार्यशाला के माध्यम से अभियान के प्रति जागरूकता लाने में प्रमुख भूमिका अदा करेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का लक्ष्य 20 लाख आदि कर्मयोगी तैयार करना है, जो कि ग्राम स्तर से लेकर ब्लॉक, जिला एवं राज्य स्तर पर लोगों के मध्य जागरूकता फैलाने में मुख्य भूमिका निभाऐंगे।

बैठक में संचालक, टीआरटीआई जगदीश कुमार सोनकर, कार्यकारी संचालक, लघु वनोपज संघ मणिवासवन सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी एवं अभियान के राज्य मास्टर ट्रेनर्स उपस्थित थे।