जयपुर । सहायक प्रोफेसर भर्ती परीक्षा (हिंदी) 2023 के अभ्यर्थियों को उच्च न्यायालय ने राहत देते हुए आरपीएससी को साक्षात्कार में शामिल करने के निर्देश दिए हैं। जस्टिस समीर जैन की अदालत ने सुनील कुमार व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। सहायक प्रोफेसर भर्ती की लिखित परीक्षा में पास होने वाले अभ्यर्थियों को आरपीएससी ने इंटरव्यू के लिए कॉल किया था। इस भर्ती की पात्रता पीजी में 55 प्रतिशत अंक, यूजीसी नेट क्वालिफाई और साल की अंतिम परीक्षा में शामिल होना रखी गई थी। लेकिन इस साल यूजीसी नेट परीक्षा अपने तय समय से देरी से हुई। इसकी वजह से उसका परिणाम भी देरी से आया। ऐसे में आरपीएससी ने लिखित परीक्षा में पास होने पर भी याचिकाकर्ताओं को इंटरव्यू में शामिल नहीं किया। क्योंकि उनके पास इंटरव्यू शुरू होने के पहले दिन से पहले यूजीसी नेट क्वालिफाई का प्रमाण पत्र नहीं था। याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता प्रेमचंद देवंदा और हेमराज रोदिया ने बताया कि याचिकाकर्ताओं ने इस साल 18 जून को यूजीसी नेट, स्लेट परीक्षा दी। यूजीसी ने 19 जून को ही परीक्षा अनियमित्ताओं के चलते रद्द कर दी। फिर दो महीने बाद 27 अगस्त को फिर से परीक्षा आयोजित की गई। इस बीच 8 अगस्त को आरपीएससी ने सहायक प्रोफेसर लिखित परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया। इसमें याचिकाकर्ता पास हो गए। आरपीएससी ने 14 अक्टूबर से 25 अक्टूबर और 4 नवम्बर से 25 नवम्बर तक इंटरव्यू कॉल किए। इस दौरान एनटीए ने यूजीसी नेट का परीक्षा परिणाम 17 अक्टूबर को जारी किया। इसमें भी याचिकाकर्ता सफल हुए, लेकिन आरपीएससी ने यह कहते हुए याचिकाकर्ताओं को इंटरव्यू में शामिल नहीं किया कि उनके पास 14 अक्टूबर से पहले यूजीसी नेट क्वालिफाई का सर्टिफिकेट नहीं था।
सहायक प्रोफेसर भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों को उच्च न्यायालय से मिली राहत
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