जयपुर। बोरवेल में बच्चों के गिरने की घटनाएं आम हैं,लेकिन दुर्भाग्य है कि बोरवेल खुला छोड़ने की लापरवाही पर लगाम नहीं लग पा रही है। राजस्थान के दौसा जिले में बोरवेल में गिरे आर्यन को करीब 43 घंटे हो गए हैं। एनडीआरएफ-एसडीआरएफ के 6 देसी जुगाड़ बच्चे को निकालने में फेल रहे हैं। वहीं, ऑपरेशन में लगी 10 जेसीबी और दूसरी मशीनों की खुदाई को भी खास असर नहीं हुआ है। जिले के कालीखाड़ गांव में 160 फीट गहरे बोरवेल से आर्यन को निकालने के लिए अब हाईटेक मशीनों से सुरंग बनाई जा रही है। बोरवेल में गिरने से बाद से बच्चे तक एक बूंद पानी तक नहीं पहुंच सका है। इस कारण परिवार और प्रशासन की चिंता बढ़ती जा रही है।दरअसल, सोमवार दोपहर तीन बजे आर्यन अपनी मां के सामने ही बोरवेल में गिर गया था। हादसा घर से करीब 100 फीट की दूरी पर हुआ। बोरवेल को करीब तीन साल पहले खुदवाया गया था, लेकिन वो मोटर फंसने की वजह से काम नहीं आ रहा था। अधिकारियों का कहना है कि आर्यन अब उसी बंद मोटर के करीब फंसा हुआ है। मासूम को निकालने के लिए प्रयास जारी हैं अलग अलग तरह से लोग निकालने के प्रयास कर रहे हैं।
दौसा की सुरंग में गिरा मासूम: देशी जुगाड़ फेल, अब सुरंग बनाने की तैयारी
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