भोपाल। उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की मौत के मामले में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की जांच रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार, हाथियों की मौत कोदो के सेवन से हुई, जिसमें माइकोटॉक्सिन की मौजूदगी पाई गई। रिपोर्ट में बताया गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण कोदो में फंगस का विकास हुआ था। एनजीटी की रिपोर्ट में एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक तथ्य का भी उल्लेख किया गया है। 1933 में तमिलनाडु में भी इसी तरह की घटना हुई थी, जहां कोदो खाने से 14 हाथियों की मौत हो गई थी।
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के उपसंचालक पीके वर्मा ने बताया कि एनजीटी ने इस मामले में कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) को स्थानीय स्तर पर एक समिति गठित करने का आदेश दिया गया है। साथ ही कलेक्टर और कृषि विभाग के सहयोग से जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश भी दिए गए हैं। वर्तमान में हाथियों की सुरक्षा के लिए एक विशेष दल गठित किया गया है जो लगातार निगरानी कर रहा है। यह कदम भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उठाया गया है।
बांधवगढ़ में कोदो खाने से हुई हाथियों की मौत
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