भोपाल: बिजली की बढ़ी दरों और फसलों के कम दाम जैसे मुद्दों को लेकर बुधवार को प्रदेश भर से किसान भोपाल पहुंचे। किसानों ने मंत्रालय घेरने की योजना बनाई थी, लेकिन इससे पहले ही उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा धरना स्थल पर पहुंच गए। उन्होंने किसानों से बात की और उनकी सभी मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया। इसके बाद किसानों ने धरना समाप्त कर दिया।
सरकार किसानों के साथ है- डिप्टी सीएम देवड़ा
डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने कहा कि जब मुझे पता चला कि किसान वल्लभ भवन आ रहे हैं तो सरकार खुद उनके पास पहुंची। हमने हमेशा किसानों के हित में फैसले लिए हैं। जो भी शिकायतें मिली हैं, उनका जल्द समाधान किया जाएगा। किसान हमारे हैं, हम उनसे अलग नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के साथ खड़ी है और उनकी समस्याओं को गंभीरता से ले रही है।
किसानों का आरोप- सरकार टालमटोल करती है
भारतीय किसान संघ के बैनर तले जुटे किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार फसलों के अच्छे दाम के नाम पर खिलौना दिखाकर हर बार टालमटोल करती है। संघ के मध्यभारत प्रांत के अध्यक्ष सर्वज्ञ दीवान ने कहा कि प्रदेश में राजस्व विभाग के कामकाज में भ्रष्टाचार व्याप्त है। इंतकाल नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, बंटवारा और नक्शा दुरुस्ती जैसे कामों में किसानों को परेशान किया जा रहा है।
रिश्वत देने के बाद ही होता है काम
हरदा के एक किसान ने बताया, 'मेरे पास सात एकड़ जमीन है, जिस पर मैंने सागौन लगाया था। उसे काटने की अनुमति नहीं मिल रही है।' मैं पांच साल से सूर्या कलेक्शन में पैसे जमा कर रहा हूं, लेकिन अब पैसे नहीं मिल रहे हैं। फसलों के अच्छे दाम नहीं मिलते। हर काम रिश्वत देने के बाद ही होता है। पटवारी से चिड़िया बनवाने के लिए भी रिश्वत देनी पड़ती है। किसान ने यह भी कहा कि चुनाव के दौरान सभी नेता उनकी बात सुनते हैं, लेकिन चुनाव के बाद उन्हें भूल जाते हैं।
पुलिस ने कड़े इंतजाम किए
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की तैयारियों और सड़कों के डामरीकरण के चलते किसानों को मुख्य सड़क पर प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी गई। इसके बजाय उन्हें संघ कार्यालय के सामने सर्विस रोड पर प्रदर्शन करना पड़ा। किसान नेताओं ने दोपहर तीन बजे के बाद वल्लभ भवन घेरने की योजना बनाई थी, लेकिन पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर रखे थे। भारी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे।