भोपाल । सिंहस्थ से पहले इंदौर-उज्जैन का जो मौजूदा फोरलेन है उसे सिक्स लेन में परिवर्तित कर दिया जाएगा। सिंहस्थ-2028 के मद्देनजर यह सिक्स लेन अत्यंत उपयोगी साबित होगा, जहां से 50 हजार से अधिक वाहनों का आवागमन आसान हो सकेगा। 1692 करोड़ की लागत से 46 किलोमीटर में सिक्स लेन बनना है, जिसके लिए भू-अर्जन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, क्योंकि पहले से ही भू-अर्जन किया हुआ है। यही कारण है कि तय समय सीमा में फोरलेन से सिक्स लेन में यह महत्वपूर्ण रोड तब्दील हो सकेगा। एमपीआरडीसी द्वारा हाईब्रिड एनयूटी मॉडल पर इसका निर्माण करवाया जा रहा है और इससे इंदौर-उज्जैन के बीच आवागमन सुगम होने के साथ समय की भी बचत होगी। गुरूवार को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने इस सिक्स लेन प्रोजेक्ट का वर्चुअली भूमिपूजन भी किया।
श्री महाकाल लोक बनने के बाद इंदौर-उज्जैन का यातायात लगातार बढ़ रहा है। एक लाख से अधिक श्रद्धालु औसतन उज्जैन पहुंचते हैं, जो महाकाल लोक अवलोकन के साथ-साथ बाबा महाकाल के भी दर्शन करते हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव लगातार इंदौर के साथ-साथ उज्जैन के विकास पर भी अपना फोकस बनाए हुए हैं और यही कारण है कि उन्होंने पिछले दिनों मेट्रो पॉलिटन अथॉरिटी रीजन के गठन की घोषणा भी कर दी। हालांकि इंदौर से उज्जैन के बीच क्षिप्रा होते हुए एक नया फोरलेन भी बन गया है, जिसकी जानकारी कम लोगों को है, जिसके चलते वर्तमान इंदौर-उज्जैन फोरलेन का ही उपयोग अधिक होता है। अब मध्यप्रदेश सडक़ विकास प्राधिकरण इस 46 किलोमीटर लम्बे फोरलेन को सिक्स लेन में तब्दील करने जा रही है। कुछ समय पूर्व इसका ठेका गुजरात की कम्पनी रवि इन्फोटेक को दिया गया। अरबिन्दो अस्पताल से शुरू होकर यह सिक्स लेन उज्जैन के हरि फाटक ब्रिज तक निर्मित किया जाएगा। वर्तमान में साढ़े 8-साढ़े 8 मीटर दोनों तरफ यह रोड बना हुआ है और सिक्स लेन होने के बाद साढ़े 12-साढ़े 12 यानी कुल 25 मीटर चौड़ा हो जाएगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि फोरलेन से सिक्स लेनमें परिवर्तित करने के लिए जो अतिरिक्त जमीन लगेगी उसके लिए अभी कोई भू-अर्जन नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि जब फोरलेन बना था, तब ही एमपीआईडीसी ने भविष्य में सिक्स लेन के मुताबिक ही भू-अर्जन कर लिया था और जो अनुमतियां भी दी गई वह उसी के मुताबिक दी गई है। अलबत्ता रेस्टोरेंट, ढाबों सहित कई अतिक्रमण जो विगत वर्षों में हो गए हैं उन्हें हटा दिया जाएगा। अगर अभी भू-अर्जन सिक्स लेन के लिए करना पड़ता तो उसमें समय लगता और कोर्ट-कचहरी की प्रक्रिया भी रहती। मगर चूंकि फोरलेन के बाद सिक्स लेन के लिए भी जमीन पहले से ही अधिग्रहित कर रखी है, लिहाजा रोड निर्माण में समस्या नहीं आएगी और दो साल की जो समय सीमा तय की गई है उसमें यह कार्य पूर्ण हो जाएगा। जिस कम्पनी को ठेका दिया है उसकी टेंडर शर्त के मुताबिक 2027 तक इसे पूर्ण करना है। यानी सिंहस्थ-2028 के पहले यह सिक्स लेन निर्मित हो जाएगी, जिस पर रोजाना 50 हजार से अधिक वाहन की आवाजाही भी शुरू होगी और इससे 15 से 20 मिनट का समय भी बचेगा। इसमें तीन फ्लायओवर और 6 अंडरपास भी निर्मित किए जाएंगे।
बिना भू-अर्जन दो साल में बन जाएगा इंदौर-उज्जैन सिक्स लेन
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