भोपाल: देश की सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा जेईई मेन्स और एडवांस्ड से जुड़ी गाइडलाइन्स बार-बार बदल रही हैं, जिससे छात्रों में असमंजस और निराशा बढ़ रही है। हाल ही में जारी एक नए आदेश ने छात्रों की उम्मीदों को बड़ा झटका दिया है। इस नए नियम के मुताबिक, जो छात्र JoSAA (ज्वाइंट सीट एलोकेशन अथॉरिटी) 2024 की प्रक्रिया के जरिए किसी भी आईआईटी, एनआईटी या अन्य केंद्रीय संस्थान में सीट मिलने के बाद एडमिशन नहीं लेते हैं, वे अब जेईई एडवांस्ड 2025 में दोबारा शामिल नहीं हो पाएंगे।
हालांकि, विशेषज्ञों के मुताबिक, सभी परीक्षाओं में छात्रों को परीक्षा में शामिल होने के कम से कम दो मौके मिलते हैं, छात्रों को एक मौका और मिलना चाहिए। इस तरह से किसी छात्र से परीक्षा का अधिकार छीनना गलत है। हां, ऐसे छात्रों पर कुछ जुर्माना लगाया जा सकता है।
पहले भी किए जा रहे बदलाव
इससे पहले जेईई परीक्षा के प्रयासों की संख्या को लेकर भी दिशा-निर्देशों में बदलाव किए गए थे। पहले छात्रों को इस परीक्षा में तीन बार शामिल होने का मौका दिया जाता था, लेकिन इस नियम को निरस्त कर दिया गया और इसे सिर्फ दो प्रयासों तक सीमित कर दिया गया। बार-बार बदलते इन नियमों ने छात्रों और उनके अभिभावकों में अनिश्चितता और चिंता को और गहरा कर दिया है।
छात्रों पर प्रभाव
सीमित अधिकारों का डर- नई गाइडलाइन का सीधा असर उन छात्रों पर पड़ेगा जो अपनी पहली पसंद आईआईटी में जगह पाने के लिए जेईई एडवांस में दोबारा प्रयास करना चाहते थे।
उम्मीदों पर पानी- कई छात्रों ने जोसा 2024 के तहत कम प्राथमिकता वाले संस्थान में इस उम्मीद में दाखिला नहीं लिया कि अगले साल अपनी रैंक सुधार कर उन्हें बेहतर संस्थान में दाखिला मिल जाएगा। अब उनके लिए यह मौका खत्म हो गया है।
मानसिक तनाव में वृद्धि- नियमों में बार-बार बदलाव के कारण परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों पर मानसिक दबाव बढ़ रहा है। उन्हें यह समझने में दिक्कत हो रही है कि वे अपनी रणनीति कैसे तैयार करें।
शिक्षा विशेषज्ञों की राय
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम छात्रों के सीमित प्रयासों को बढ़ावा देने और संसाधनों के बेहतर उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया हो सकता है, लेकिन इससे उन प्रतिभाशाली छात्रों के अवसर खत्म हो जाएंगे जो दूसरी बार बेहतर प्रदर्शन कर सकते थे। विशेषज्ञों ने इस नीति पर पुनर्विचार करने की अपील की है ताकि छात्रों की आकांक्षाओं का सम्मान किया जा सके।
प्रिपरेटरी कोर्स के छात्रों को मिलेगी छूट
इस बार भी यह परीक्षा आईआईटी कानपुर द्वारा आयोजित की जाएगी। दिशा-निर्देशों के अनुसार, सत्र 2024 में प्रिपरेटरी कोर्स में शामिल होने वाले छात्रों को जेईई एडवांस 2025 में शामिल होने का अवसर मिलेगा। यह छूट केवल उन छात्रों के लिए होगी, जिन्होंने प्रिपरेटरी कोर्स सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है और आईआईटी में अपनी पढ़ाई जारी रखने के इच्छुक हैं।