MP News: मध्य प्रदेश की नई सरकार अपने कर्मचारियों को नए साल पर तोहफा देने जा रही है। राज्य की सीएम डॉ. मोहन यादव सरकार ने प्रदेश के तकरीबन साढ़े सात लाख कर्मचारियों को नए साल में चार प्रतिशत महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) देने जा रही है। मध्यप्रदेश के वित्त विभाग ने महंगाई भत्ता बढ़ाने को लेकर प्रस्ताव तैयार भी लिया है और मुख्यमंत्री के सचिवालय को भेज दिया है। अभी कर्मचारियों को 42 फीसदी की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है। इसे बढ़ाकर 46 फीसदी किया जाना है। वित्त विभाग की अधिकारियों के अनुसार इस बढ़ोत्तरी के चलते राज्य सरकार पर 140 करोड़ रुपये प्रतिमाह अतिरिक्त व्यय आएगा। वर्तमान में चल रहे वित्त वर्ष में सरकार को इसके लिए 480 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे।
कर्मचारियों को अभी 42 प्रतिशत मंहगाई भत्ता मिल रहा है
प्रशासनिक सूत्रों ने बताया कि राज्य के वित्त विभाग ने कर्मचारियों को चार प्रतिशत महंगाई भत्ता देने का प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री सचिवालय को भेज दिया है, जहां इस बारे में जल्द ही अंतिम फैसला लिया जाना है। दरअसल, राज्य के कर्मचारियों को अभी 42 प्रतिशत मंहगाई भत्ता मिल रहा है। नए साल यानी जनवरी 2024 में 4 प्रतिशत बढ़े हुए महंगाई भत्ते की किस्त मिलने से कर्मचारियों का महंगाई भत्ता केंद्र के समान 46 प्रतिशत हो जाएगा। राज्य के वित्त विभाग के द्वारा डीए में बढ़ोतरी के लिए तैयार किए गए प्रस्ताव के अनुसार 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता देने में हर महीने 160 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार सरकार खजाने पर आएगा। इस तरह वित्तीय वर्ष 2023-2024 की अंतिम तिमाही में यह खर्चा 480 करोड़ होगा।
संविदा कर्मचारियों को आठ फीसदी की वृद्धि के हिसाब से
वित्त विभाग ने वर्ष 2024-25 के लिए 56 फीसदी के हिसाब से महंगाई भत्ते का प्रावधान बजट में रखने की तैयारी की है। सभी विभागों को निर्देश गए हैं कि स्थापना व्यय में तीन फीसदी वेतन वृद्धि और महंगाई भत्ते व राहत के लिए 56 फीसदी के अनुसार प्रावधान रखा जाए। संविदा कर्मचारियों के पारिश्रमिक में आठ फीसदी की वृद्धि के हिसाब से प्रावधान रखा जाएगा। दरअसल, विधानसभा चुनाव के पहले शिवराज सरकार ने संविदा कर्मचारियों के वेतन-भत्ते बढ़ा दिए थे। इसके लिए अनुपूरक बजट में भी प्रावधान किया जाएगा।
प्रदेश की डॉ. मोहन यादव सरकार ने खर्च चलाने के लिए बाजार से पहली बार दो हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। कर्ज की ये राशि मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना समेत अन्य योजनाओं पर खर्च की जाएगी। यह कर्ज 26 दिसंबर को आरबीआई के माध्यम से लेने के लिए बिडिंग की गई और 27 दिसंबर को सरकार के खजाने में पैसा आ गया।मध्य प्रदेश में अभी तकरीबन 3 लाख 80 हजार करोड़ का कर्ज है।