महासम्मेलन में सैकड़ों होम्योपैथ चिकित्सो ने की मांग
इंदौर । कैंसर,लकवा,गठिया,हार्ट,सोरायसिस,लिवर ,पथरी जैसी बीमारियों में कारगर चिकित्सा इलेक्ट्रो होम्योपैथी को राष्ट्रीय मान्यता का दर्जा दिया जाय। यह मांग प्रदेशभर से आए सैकड़ों इलेक्ट्रो होमियोपेथ चिकित्सको ने दुआ सभागृह में आयोजित महासम्मेलन में सरकार से की।यह आयोजन आई एम ए ई एच ने किया था। इस मौके पर 30 से अधिक इलेक्ट्रो होम्योपेथ चिकित्सको को लाल गाउन और कैप पहनाकर उपाधि प्रदान की और 35 से अधिक चिक्सको को एल एन सिन्हा अवार्ड देकर सम्मानित किया।कार्यक्रम संयोजक डॉ. ए एम सिद्दीकी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सक प्रेटिक्स कर सकता है और इसका रजिस्ट्रेशन सरकार करे,लेकिन अभी तक इस चिकित्सा को राष्ट्रीय मान्यता ही नहीं मिली जबकि यह चिकित्सा वर्षो से चल रही है।
हैदराबाद के डॉ . फिरदोस आलम और मोहम्मद सिराज ने कहा कि इलेक्ट्रो होम्यो पैथ चिकित्सा तेजी से बढ़ती एक कारगर चिकित्सा है। मुख्य अतिथि आई एम ए ई एच की प्रदेश अध्यक्ष डॉ.ममता शुक्ला ने कहा कि अकेले मध्य प्रदेश में 2 लाख से अधिक इलेक्ट्रो होम्योपैथ चिकित्सक रजिस्टर्ड है जो विभिन्न रोगो का इलाज कर रहे है।और कई मरीज लाभान्वित भी हो रहे है।इस चिकित्सा से नशे की बीमारी भी दूर की जा सकती है।अकेले इंदौर में 10 हजार से अधिक इलेक्ट्रो पैथ चिकित्सक है।डॉ.रफीक सिद्धिकी ने कहा कि 11 जनवरी को इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा के जनक कायट सीजर मेटी का जन्मदिन मनाया जाता है इस दिन कई कार्यक्रम होते है।
कार्यक्रम में इलेक्ट्रो होम्योपैथी काउंसिल की रजिस्ट्रॉर सईदा अंसारी, डॉ. मोइना अंसारी, डॉ. विश्वजीत मंडल, डॉ.बक्षी ने इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सको को मेमंटो और शाल पहनाकर सम्मानित किया।डॉ, के के मुखर्जी डॉ.शोएब अख्तर, डॉ.संतोष होलकर ने भी अपने विचार रखे। महासम्मेलन में इंदौर छिंदवाड़ा,भोपाल,खंडवा,उज्जैन,ग्वालियर,भिंड, जबलपुर आदि जिलों के 300 सेअधिक इलेक्ट्रो होम्योपैथिक चिकित्सको ने भाग लिया।कार्यक्रम का संचालन डॉ.नवीन रॉय ने किया। आभार माना डॉ. ए एम सिद्दीकी ने।